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दर्द के आंसू से पहले नहलाया जाता है।

दर्द  के  आंसू   से  पहले नहलाया  जाता है।

दर्द  के  आंसू   से  पहले नहलाया  जाता है।
फिर लफ्जों को गीत बनाकर गाया जाता है।

मंजिल पाने का पथ यदि अवरोधित हो जाए,
जीवन  से मुंह  मोड़  नहीं सो जाया जाता है।

अपने दिल  पर  लग  जाए या गैरों के  उर में,
अंतस  में  यदि  ठेस लगे  सहलाया  जाता है।

टेढ़ा  होना  भी   बचने  के   लिए  जरूरी  है,
सीधा  तरुवर  ही  पहले  कटवाया  जाता है।

मेला जाकर भी  जो  खाली हाथ लौट आया,
उस बच्चे को  चांद दिखा  बहलाया जाता है।

सदियों  से जब  हर भारतवासी कहता है मां,
तब  गंगा  में  क्यों अपशिष्ट बहाया जाता है।

'रवि' को कितनी किरणें घेरे रहती है दिन भर,
रजनी का मन यही सोच कुम्हलाया जाता है।
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(रवि प्रताप सिंह,कोलकाता
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