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परिणाम कभी क्या सोचा है?

परिणाम कभी क्या सोचा है?

डॉक्टर विवेकानंद मिश्रा 
आगे बढ़कर पीछे मुड़ना , पीछे मुड़कर आगे बढ़ना।।                              
 धुकचूक में कदम बढ़ाने का परिणाम कभी क्या सोचा है?
गैरों को ठगते रहते हो या स्वयं ठगे जाते हो।
 क्षणभर तू कभी इस पर बोलो ,परिणाम कभी क्या सोचा है?
बचपन से पचपन बीता  कुछ किया नहीं पर शर्म नहीं ।
तेरा आगे क्या होना है परिणाम कभी क्या सोचा है?                                
क्षुद्र स्वार्थ से तू हटकर परहित में कदम बढ़ाता गर।  
       कितना महान जीवन होता परिणाम कभी क्या सोचा है?
जीवन बहुमूल्य दिया जिसने , जिसने तुम्हें बुद्धि -विवेक दिया।।                                                       
 बदले में उसे तूने क्या दिया   परिणाम कभी क्या सोचा है?

डॉक्टर विवेकानंद मिश्रा , डॉक्टर विवेकानंद पथ , गोल बगीचा, गया
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