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गाँधी मैदान, पटना में- ‘गणतंत्र दिवस’ (26 जनवरी, 2021) के अवसर पर- श्री फागू चैहान, महामहिम राज्यपाल, बिहार का अभिभाषण

गाँधी मैदान, पटना में- ‘गणतंत्र दिवस’ (26 जनवरी, 2021) के अवसर पर- श्री फागू चैहान, महामहिम राज्यपाल, बिहार का अभिभाषण 

भाइयों, बहनों एवं प्यारे बच्चों, 

राष्ट्र के 72वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर आप सबको एवं समस्त बिहारवासियों को मैं हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ देता हूँ। 

आज ही के दिन 1950 में हमारा देश एक गौरवशाली संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में स्थापित हुआ और संसदीय व्यवस्था पर आधारित शासन की नींव रखी गई। संविधान के माध्यम से राष्ट्र के सभी नागरिकों के लिए सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय तथा विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता सुनिश्चित हुई है। संविधान के द्वारा प्रदत्त प्रतिष्ठा और अवसर की समानता तथा लोगों को गरिमापूर्ण जीवन उपलब्ध कराने के सिद्धान्त हमारे पथप्रदर्शक हैं। इन्हीं के सहारे सर्वांगीण विकास की परिकल्पनायें पूरी हो रही हैं। 

गुजरा हुआ साल-2020 वैश्विक महामारी कोविड-19 से आक्रांत रहा और इसका प्रकोप अभी भी जारी है। पूरा देश और बिहार भी इससे काफी प्रभावित हुआ है। राज्य सरकार इस बीमारी की रोकथाम के लिए शुरू से सचेत रही हैै और लगातार इस पर काम कर रही है। राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार द्वारा जारी लाॅकडाउन के दिशानिर्देशों को पूरी तरह लागू किया है। इस महामारी के दौरान राज्य सरकार द्वारा लोगों को राहत पहुँचाने के लिए सभी प्रकार के कदम उठाए गए हंै तथा इसके लिये 10 हजार करोड़ रूपये से अधिक की राषि व्यय की जा चुकी है। केन्द्र सरकार से भी इसके लिए जरूरी मदद मिली है। 

इस बीमारी का सामना करते हुए सबको स्वस्थ रखने के लिए राज्य सरकार ने अथक प्रयास किया है। राज्य सरकार द्वारा इस बीमारी की रोकथाम के लिए जाँच की सुविधा एवं इलाज की समुचित व्यवस्था की गई है। अभी बिहार राज्य में प्रतिदिन लगभग 1 लाख जाँच की जा रही है। दिनांक 21.01.2021 तक के आँकड़ों के आधार पर प्रति 10 लाख जनसंख्या पर 1 लाख 58 हजार 478 लोगों की जांच की गयी है जो राष्ट्रीय औसत से 20 हजार से भी अधिक है। बिहार में कोरोना से रिकवरी रेट 98.32 प्रतिशत है जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है। कोविड-19 से मृत्यु का प्रतिशत जहाँ पूरे देश में 1.44 प्रतिशत है वहीं बिहार राज्य में यह 0.57 प्रतिशत है। 

राज्य सरकार के प्रयासों का परिणाम है कि बिहार में कोरोना का संक्रमण कुछ हद तक नियंत्रित है। राज्य में एक्टिव मरीजों की संख्या घटकर 2 हजार 900 रह गई है। राज्य में केन्द्र सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार प्रथम चरण के टीकाकरण का काम चल रहा है। राज्य सरकार का संकल्प है कि कोरोना से बचाव के लिए पूरे राज्य में इसका निःशुल्क टीकाकरण कराया जायेगा। टीकाकरण आरंभ होने का यह मतलब कदापि नहीं है कि लोग सावधानी बरतना छोड़ दें। सभी लोगों को अभी भी पूरी तरह से सजग और सचेत रहना होगा और पूरे तौर पर सावधानी बरतनी होगी। 

न्याय के साथ विकास के सिद्धान्त पर राज्य के हर क्षेत्र का विकास एवं हर तबके का उत्थान सरकार का मूल संकल्प है। बिहार में कानून का राज स्थापित रखना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। संगठित अपराध पर अंकुश लगाया गया है और यही व्यवस्था निरंतर जारी है। बिना किसी द्वेष या भेदभाव के कानून व्यवस्था को लागू किया गया है। राज्य में सामाजिक सौहार्द एवं साम्प्रदायिक सद्भाव का वातावरण कायम है। भ्रष्टाचार, आय से अधिक सम्पŸिा अथवा पदों के दुरूपयोग में संलिप्त भ्रष्ट लोक सेवकोें के विरूद्ध कठोर एवं प्रभावकारी कार्रवाई जारी है। क्राइम, करप्शन और कम्यूनलिजम के प्रति जीरो टाॅलरेन्स की नीति है। 

बिहार लोक सेवाओं का अधिकार कानून को लागू कर नागरिकों को विभिन्न लोक सेवाएँ एक नियत समय-सीमा के अंतर्गत उपलब्ध कराई जा रही हंै। बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम को लागू कर लोगों को उनके परिवाद पर सुनवाई के साथ-साथ नियत समय-सीमा में इसके निवारण का भी कानूनी अधिकार दिया गया है। 

बिहार में राज्य सरकार द्वारा समाज सुधार के कार्यक्रमों को भी लागू किया गया है। सबसे पहले शराबबंदी लागू कर सामाजिक परिवर्तन की बुनियाद रखी गई। समाज सुधार की दिशा में कदम बढ़ाते हुए बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के विरूद्ध राज्यव्यापी अभियान जारी है जिसको लोगों का समर्थन मिला है। 

राज्य सरकार ने मानव संसाधन के विकास को दृष्टिगत कर शिक्षा पर शुरू से ध्यान केन्द्रित किया है। विद्यालय से वंचित वर्गों का दाखिला सुनिश्चित कराने एवं लड़के, लड़कियों के बीच शिक्षा के अंतर को दूर करने के लिए बहुआयामी रणनीति के तहत राज्य सरकार द्वारा प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय खोले गये, कक्षाओं की संख्या बढ़ायी गयी, शिक्षकों की उपलब्धता एवं उपस्थिति सुनिश्चित की गयी और पोशाक, साईकिल, प्रोत्साहन एवं छात्रवृत्ति योजनाएं चलायी गयी हंै। सभी पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। 5 हजार 82 पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना की जा चुकी है तथा शेष 3 हजार 304 पंचायतों में भी कक्षा 9 की पढ़ाई शुरू हो गई है। 

बिहार की 89 प्रतिशत आबादी गाँवों में निवास करती हैं और 76 प्रतिशत जनसंख्या अपनी आजीविका के लिए कृषि एवं कृषि आधारित कार्यों पर आश्रित है। कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के समग्र विकास हेतु सरकार द्वारा कृषि रोड मैप बनाकर कई महत्वाकांक्षी कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों की बदौलत कृषि एवं संबद्ध प्रक्षेत्रों में उत्पादन एवं उत्पादकता में गुणात्मक वृद्धि एवं किसानों की आय में बढ़ोŸारी हुई है। साथ ही प्रत्येक भारतीय के थाल में बिहार का एक व्यंजन पहुँचाने के संकल्प को साकार करने में राज्य प्रयत्नशील है। 

बिजली के क्षेत्र में व्यापक सुधार लाया गया है। बिजली के सभी क्षेत्रों में यथा उत्पादन, संचरण, वितरण की व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया है। हर घर में बिजली पहंुचा दी गयी है। यह बिजली में हुए सुधार का ही नतीजा है कि वर्ष 2005 में बिजली की आपूर्ति जहाँ 700 मेगावाट थी वह अब बढ़कर 5 हजार 932 मेगावाट से अधिक हो गयी है। 

राज्य सरकार ने उच्च विकास-दर को हासिल करने में समावेशी विकास के लक्ष्यों के साथ समझौता नहीं किया है। राज्य सरकार द्वारा दलित-महादलित, आदिवासी, अतिपिछड़ा, अल्पसंख्यक तथा महिलाओं के लिए विशेष कल्याणकारी कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। सरकार की रणनीति उन सभी नागरिकों को सशक्त बनाने की रही है, जो तुलनात्मक रूप से वंचित हैं और हाशिए पर हैं। सभी को बराबरी का अवसर मिले ताकि वे इसका फायदा उठा सकें और विकास की मुख्य धारा में शामिल हो सकें। 

राज्य सरकार महिला सशक्तीकरण के प्रति संवेदनशील है और यह इसकी प्रमुख नीतियों का अभिन्न अंग है। सर्वप्रथम पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों तथा प्राथमिक षिक्षकों की नियुक्ति में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देकर महिला सषक्तीकरण की नींव रखी गई। राज्य की सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। ‘जीविका’ के माध्यम से महिला-स्वयं-सहायता-समूहों के गठन सेे महिलाओं में आत्मविष्वास बढ़ा है। राज्य जीविका के अन्तर्गत लगभग 10 लाख से अधिक महिला स्वंय सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है तथा 1 करोड़ 20 लाख से अधिक परिवारों की महिलाएँ इससे जुड़ गई हैं। अब जीविका समूहों के माध्यम से अस्पतालों में भी मरीजों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। 

शिक्षा, स्वास्थ्य, आधारभूत संरचना, कृषि तथा वंचित वर्गों के विकास तथा कल्याण के लिए जो अनेक योजनाएँ सफलतापूर्वक चल रही हैं, उनसे बहुत कुछ हासिल हुआ है और इन सभी को और सुदृढ़ करते हुए क्रियान्वित किया जाता रहेगा। 

राज्य सरकार बिहार में उद्योगों के विकास के लिए तत्पर है। राज्य में औद्योगिक विकास एवं रोजगार के नये अवसर पैदा करने हेतु नयी संशोधित औद्योगिक प्रोत्साहन नीति, 2020 लागू की गयी है। साथ ही कृषि आधारित उद्योगों एवं काष्ठ आधारित उद्योगों को प्रोत्साहन देने हेतु नई नीति बनायी गयी है, जिसके तहत् औद्योगिक प्रोत्साहन नीति के अतिरिक्त कैपिटल सब्सिडी देने का प्रावधान रखा गया है। राज्य सरकार के इन प्रयासों से प्राथमिक एवं अति प्राथमिक क्षेत्रों में नये उद्योग लगाने में सहायता मिलेगी। सरकार के इन प्रयासों से जहां एक ओर राज्य के आर्थिक विकास को बल मिलेगा वहीं दूसरी ओर युवाओं के लिए भी रोजगार के अवसर सृजित होंगे। 

कोरोना वायरस के चलते राष्ट्रव्यापी लाॅकडाउन के कारण अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में इच्छुक बिहारी श्रमिक बिहार वापस लौटे। अन्य राज्यों से वापस आये मजदूरों की स्किल मैपिंग की गई तथा इच्छुक लोगों को राज्य में ही रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए अनेक कदम उठाये गये हैं। जिला औद्योगिक नवप्रवर्तन योजना के अन्तर्गत सभी जिलों में विभिन्न गतिविधियां प्रारंभ की गयी हैं। कई उत्पादों को बिहार एवं देष के बाहर भी निर्यात किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त बिहार सरकार के लोक उपक्रमों की मदद से प्रत्येक जिले में औद्योगिक क्लस्टर्स का विकास किया जा रहा है। इन प्रयासों के उत्साहवर्द्धक परिणाम 

सामने आ रहे हैंै। 

राज्य सरकार पर्यावरण के संरक्षण के लिए पूरी तरह से कृतसंकल्पित है। पर्यावरण के संरक्षण के लिए ‘जल-जीवन-हरियाली’ अभियान के कार्यक्रमों को पूरी तरह से लागू किया जा रहा है। इस पर मिषन मोड में काम हो रहा है। अब राज्य सरकार ने जीविका के तहत सृजित सामुदायिक संगठनों को प्रोत्साहित करने के लिए ‘जल-जीवन-हरियाली’ अभियान के तहत सृजित तालाब एवं पोखरों को उनके रख-रखाव एवं उनका उपयोग मत्स्य पालन एवं अन्य उपयोगी गतिविधियों में करने के लिए उन्हें निःशुल्क जीविका के सामुदायिक संगठनों को देने का निर्णय लिया है। 

विकसित बिहार की परिकल्पना साकार करने के लिए अब राज्य सरकार ने कुछ नये संकल्प लिए हैं। न्याय के साथ विकास के सिद्धान्त के प्रति अपनी प्रतिबद्धता कायम रखते हुए बिहार के विकास के लिए राज्य सरकार ने ‘सुशासन के कार्यक्रम 2020-2025’ के तहत सात निश्चय-2 को संपूर्ण राज्य में लागू करने का निर्णय लिया है। विŸाीय वर्ष 2021-22 से इससे संबंधित योजनाओं का क्रियान्वयन प्रारंभ कर दिया जायेगा। 

सरकार की कामना है कि समाज में सद्भाव एवं भाईचारे का वातावरण कायम रहेे तथा पर्यावरण का संरक्षण हो और राज्य को कोरोना संक्रमण की महामारी से मुक्ति मिले। सभी चुनौतियों के बावजूद, हमारा राज्य प्रगति के पथ पर अग्रसर है। हमारा अतीत गौरवशाली और विरासत समृद्ध है। हम उसी ऊँचाई को फिर से प्राप्त करना चाहते हैं। आइये, गणतंत्र दिवस के अवसर पर हम सब यह संकल्प लें कि बिहार को राष्ट्र के मानचित्र पर एक आत्मनिर्भर राज्य के रूप में स्थापित करने के लिए अपना सहयोग प्रदान करेंगे। गणतंत्र दिवस के अवसर पर मैं एक बार पुनः सभी बिहारवासियों को शुभकामनाएँ देता हूँ। 

जय हिन्द ! 

जय हिन्द !! 

जय हिन्द !!! ’’’
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