जातिवाद के लिए सुप्रीम कोर्ट में लड़ रही सरकार को समानता की बात करना सोभा नहीं देता।

जातिवाद के लिए सुप्रीम कोर्ट में लड़ रही सरकार  को समानता की बात करना सोभा नहीं देता।


आरक्षण विरोधी आंदोलन की स्थानीय सामाजिक संगठन समानता परिषद के अध्यक्ष पंडित रावेन्द्र तिवारी ने प्रधानमंत्री के द्वारा अलीगढ़ मुस्लिम विश्व विद्यालय के स्थापना दिवस पर समानता के लिए दिए वयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि  मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की ही सरकार थी जब प्रदेश के  उच्च न्यायालय की जबलपुर खंडपीठ के द्वारा वर्ष 2016 में प्रमोशन में आरक्षण खत्म करने का आदेश दिया था किन्तु तत्कालीन मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन श्री शिवराज सिंह चौहान जी के द्वारा राजधानी भोपाल में एक जातीय संम्मेलन में भाग लेते हुए एक बड़ा वयान दिया गया था कि कोई माई का लाल मेरे रहते  आरक्षण खत्म नहीं कर सकता है ।
पंडित रावेन्द्र तिवारी ने प्रेस विज्ञप्ति में  आगे लिखते हुए कहा कि माननीय मुख्यमंत्री के द्वारा आज तक यह स्पष्ट नहीं किया गया कि यह चुनौती पूर्ण वयान किसके लिए था माननीय उच्च न्यायालय के लिए  अथवा सामान्य वर्ग के के माताओं के लिए तिवारी ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी यही नहीं रूके बल्कि एक कदम आगे बढ़ते हुए सर्वोच्च न्यायालय की शरण में चले गए जहाँ  आज भी  उक्त मामला विचाराधीन है जब्कि  इस अवधि में  मध्यप्रदेश शासन के द्वारा भारी भरकम राशि वकीलों को दे चुकी है और दे रही है  यह पैसा कहा से  आता है प्रदेश की जनता के ऊपर विभिन्न तरीकों से टैक्स थोपकर  सरकार जातिवाद को प्रमुखता देते हुए जहाँ  एक तरफ देश की शीर्ष अदालत में केस लड़ रही है तो दूसरी तरफ उसी पार्टी के प्रधानमंत्री के द्वारा समानता की बात की जा रही है जो कम से कम सामान्य वर्ग के लोगों के समझ से दूर है ।
तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार ने हाल ही में एक और निर्णय लेकर सबको चौंका दिया है केन्द्र सरकार के नये नियम के मुताबिक अब किसी भी तरह के गाड़ी में जाति नहीं लिखा होना चाहिए समझ में नहीं आता कि  एक तरफ खुद सरकार जाति प्रमाण पत्र बाँट रही है तो दूसरी तरफ जाति लिखित वाहनों की चालानी कार्रवाई कर रही है यदि ऐसा ही रहा तो संभवतः  आने वाले दिनों में  जाति के नाम पर संचालित व्यवसाय पर भी चालानी कार्रवाई करने का  कानून बना दे यनि सत्ता के लिए कुछ भी करेंगे चाहे जितना भी गिरना पड़े कोई परहेज नहीं है कि नीति पर चल रहे हैं देश के राजनीतिक दल जो बहुत ही दुर्भाग्य पूर्ण है इससे कभी भी समानता नहीं  आ सकती है समानता लाने के लिए जातिवादी  आरक्षण की जगह समस्त जातियों को आवश्यकतानुसार संरक्षण देना होगा ।
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