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एक तिहाई से भी कम मरीज, लेकिन घंटाें इंतजार के बाद इलाज

मेडिकल काॅलेज अस्पताल में पीजी डाॅक्टराें की हड़ताल छठे दिन भी जारी रही। इससे इमरजेंसी व इंडाेर वार्ड के मरीजाें काे परेशानी हुई। अारजू-मिन्नत के बाद मरीजाें काे भर्ती किया गया। आमताैर पर यहां दाे हजार से ज्यादा मरीज ओपीडी में आते हैं।

हड़ताल की सूचना पर मात्र छह साै मरीज ही आए। साेमवार काे 14 मरीज भर्ती हुए, जिनमें चार काे सर्जरी के लिए भी वार्ड शिफ्ट किया गया। लेकिन इलाज के मरीजाें काे काफी परेशानी हुई।

आरजू-मिन्नत की ताे किया गया भर्ती
एकचारी रसलपुर के श्याम लाल तीन दिन से पेशाब नहीं हाेने की शिकायत पर अस्पताल पहुंचे। लेकिन डाॅक्टर उन्हें भर्ती नहीं कर रहे थे। आरजू-मिन्नत करने के बाद उसे इमरजेंसी में भर्ती किया। मधेपुरा के 74 वर्षीय चंद्रमाेहन गुप्ता काे पैर की नस और घुटने में दर्द की वजह से अस्पताल आए।

सुबह नाै बजे से ओपीडी से इमरजेंसी कंट्राेल रूम तक दाैड़ लगाते रहे पर किसी ने भी स्ट्रेचर या व्हील चेयर नहीं दिया। कंट्राेल रूम में कहा कि इसकी सुविधा नहीं है। बाद में उसे ट्राॅली पर ले जाकर एक्सरे कराया गया। सन्हाैली के अनूप लाल मंडल काे काफी देर तक इलाज के लिए इमरजेंसी के बाहर इंतजार करना पड़ा।



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Less than a third of patients, but treatment after waiting hours


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/bhagalpur/news/less-than-a-third-of-patients-but-treatment-after-waiting-hours-128064378.html

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