
उत्तर बिहार और खासतौर पर मिथिलांचल पर केंद्र और राज्य सरकार मेहरबान हैं। पटना के बाद दरभंगा के पॉलिटेक्निक कॉलेज परिसर में बिहार का दूसरा तारामंडल आकार लेने लगा है। इसका निर्माण बिहार सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से कराया जा रहा है। भवन निर्माण विभाग इसकी कार्यकारी एजेंसी है। इसका काम लॉकडाउन के दौरान रुक गया था लेकिन अब इसके निर्माण में तेजी आई है। तारामंडल में अंतरिक्ष विज्ञान से संबंधित ज्ञानवर्धक व मनोरंजक कार्यक्रम दिखाए जाते हैं।
दिसंबर 2021 तक बनकर तैयार होगा
164 करोड़ की लागत से दो फेज में इसका काम होना है जिसमें से 73 करोड़ 73 लाख 60 हजार 331 रुपये की लागत से पहले फेज में तारामंडल सह विज्ञान संग्रहालय का निर्माण कराया जा रहा है। दरभंगा तारामंडल के प्रोजेक्ट इंचार्ज अरुण कुमार शाही ने बताया कि तारामंडल का निर्माण कार्य 12 दिसंबर 2019 से शुरू हुआ था। इसे 11 जून 2021 तक पूरा होना था लेकिन लॉकडाउन की वजह से यह करीब 6 महीने विलंब हो गया है। अब यह दिसंबर 2021 तक पूरा होगा। उन्होंने कहा कि यह बिहार में पटना के बाद दूसरा तारामंडल होगा। इसमें 300 लोगों के बैठकर शो देखने की क्षमता होगी। इसमें एक विज्ञान संग्रहालय, ऑडिटोरियम और विज्ञान की गतिविधियों व शोध के लिए भी अलग से भवन और हॉल बनाए जाएंगे।

उत्तर बिहार के लिए बड़ी उपलब्धि
दरभंगा के डीएम डॉ. एसएम त्यागराजन ने कहा कि 164 करोड़ की लागत से दो फेज में बनने वाला अत्याधुनिक दरभंगा तारामंडल उत्तर बिहार के लिए बड़ी उपलब्धि है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले साल इसका ऑनलाइन शिलान्यास किया था। पहले फेज में तारामंडल और विज्ञान संग्रहालय का काम चल रहा है। दूसरे फेज में यहां विज्ञान और प्रौद्योगिकी के कई अन्य प्रोजेक्ट पर काम होगा।
मिथिलांचल को बड़ा तोहफा
दरभंगा के नगर विधायक संजय सरावगी ने कहा कि दरभंगा का तारामंडल मिथिलांचल के लोगों खास कर छात्रों और विज्ञान में रुचि रखनेवाले लोगों के लिए सरकार का बड़ा तोहफा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने ही सबसे पहले सरकार से दरभंगा में तारामंडल बनाने के लिए अनुशंसा की थी।
क्या होता है तारामंडल
तारामंडल या ताराघर यानि Planetarium विशाल गुंबदनुमा बिल्डिंग होता है। यह अपनी गुंबदनुमा या अर्ध-गोलाकार छत से पहचाना जाता है। इसका गुंबद साउंडप्रूफ होता है। इसमें कृत्रिम रूप से ग्रह नक्षत्रों को दिखाया जाता है। भारत में लगभग 30 ताराघर हैं। कोलकाता स्थित एम पी बिड़ला ताराघर, एशिया का सबसे बड़ा एवं विश्व का दूसरा सबसे बड़ा ताराघर है। मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु तथा इलाहाबाद में स्थित ताराघर जवाहरलाल नेहरू तारामंडल के नाम से जाने जाते हैं।
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source https://www.bhaskar.com/local/bihar/news/bihar-news-update-darbhanga-planetarium-work-in-progress-to-be-completed-in-one-year-127967679.html
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