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गुरूआ से पूर्व नक्सली मरांडी के चुनाव में उतरने से दिलचस्प हुआ मुकाबला

1977 में गुरुआ सीट बनने के बाद दूसरी बार पूर्व नक्सली चुनाव में उतरकर पूरे परिदृश्य को दिलचस्प बना दिया है। 2020 चुनाव में पूर्व नक्सली विनोद मरांडी पप्पू यादव की पार्टी जाप से टिकट लेकर लोकतांत्रित तरीके से बदलाव की इच्छा रख नामांकन किया है। उसकी पत्नी गुरारू के डीहा पंचायत की मुखिया है।

इसके पहले 1990 में पूर्व नक्सली नेता रामाधार सिंह ने निर्दलीय चुनाव जीता था। यह अलग है कि दांगी समाज से जुड़े मरांडी वोट शेयरिंग पर कितना असर डालेगा। विधानसभा क्षेत्र में अफवाह का भी चुनावी गणित पर असर पड़ेगा।

यह अफवाह जोरों पर है कि एक दल के नेता ने पैसा खर्च कर कुछ दांगी प्रत्याशी चुनावी मैदान में वोटकटवा के तौर पर उतारा है, जो एनडीए का वोट काटकर दूसरे की जीत का रास्ता तैयार करेगा। मरांडी के अलावा कुछ अन्य दांगी प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।

यादव को खोलना है खाता
अभी तक हुए 10 विस चुनाव में एक बार भी यादव को जीत नहीं मिली। 2010 में राजद से कद्दावर नेता बिंदेश्वरी प्रसाद यादव उपविजेता रहे थे। 2020 चुनाव में राजद से विनय यादव को टिकट मिला है। उसकी पत्नी गुरुआ प्रखंड प्रमुख है और पिता उमेश कुमार वर्मा डीलर से सफर शुरू कर, वर्तमान में काॅपरेटिव अध्यक्ष हैं।

अल्पसंख्यकों में नाराजगी
शकील अहमद खां राजद के कद्दावर नेता रहे हैं और तीन बार क्षेत्र का प्रतिनिधित्व भी किया। उनकी मृत्यु के बाद उस विरासत को उनका भगीना उज्जैर खां आगे बढ़ाने की कोशिश में राजद से टिकट का प्रयास किया।

टिकट उसे नहीं मिलकर दूसरे को दिया जाना, स्थानीय अल्पसंख्यकों को नहीं पच पा रहा है। राजद से उनकी दूरी बढ़ने पर रिजल्ट पर बुरा असर पड़ सकता है। गुरुआ विस सीट गठन के बाद अल्संख्यक समुदाय ने पांच बार अपना प्रतिनिधि विधानसभा भेजा है।

बसपा बिगाड़ सकता गणित
बसपा से राघवेंद्र नारायण यादव प्रत्याशी हैं। बसपा का रालोसपा और ओवेसी की पार्टी आॅल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमिन सहित अन्य पार्टी के साथ गठबंधन है। अगर राजद से अल्पसंख्यकों का वोट छिटका और बसपा की ओर आया, तब मुकाबला त्रिकोणीय हो जाएगा।

एनडीए को वोट शेयरिंग पर भरोसा
विधानसभा 2015 में भाजपा और जदयू अलग-अलग उतरी थी। भाजपा को 39.34 फीसदी और जदयू को 34.8 फीसदी वोट मिला था। अगर इस बार दोनों का वोट एकजुट रहा, तब एनडीए को परेशानी नहीं होगी। लोकसभा 2019 में एनडीए प्रत्याशी भाजपा को जीत को 41.81 फीसदी वोट मिला था। 2015 में राजीव नंदन दांगी ने जीत हासिल की थी, इसबार भी भाजपा ने उनपर भरोसा जताया है।



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बूथ पर मतदाताओं की लाइन (फ़ाइल फोटो)


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/gaya/news/naxalite-marandi-contesting-before-gurua-made-interesting-contest-127805174.html

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