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आखिर चुनाव में ही प्रत्याशी क्यों सक्रिय होतें है ?

आखिर चुनाव में ही प्रत्याशी क्यों सक्रिय होतें है ?

राकेश कपूर महासचिव, पटना जिला सुधार समिति एवं पूर्व उपाध्यक्ष सह प्रवक्ता,पटना महानगर जिला कांग्रेस कमिटी ने बताया कि 1995 से पटना पूर्वी व परिसीमन उपरांत पटना साहिब से लगातार जीतते आये भाजपा विधायक नंदकिशोर यादव की जीत की समीक्षा करते हुए कांग्रेस को अपना प्रत्याशी चुनाव में देना चाहिए। पटना साहिब से भाजपा की लगातार जीत में कांग्रेस  और राजद की ही भूमिका रही है। लगातार कमजोर प्रत्याशियों का चुनाव करके भाजपा की जीत को आसान बनाया जाता रहा है।  
 
 नंदकिशोर यादव जी कांग्रेस व राजद के सहयोग से ही पहले चुनाव से लेकर अब तक का  चुनाव जीतते रहें हैं। जीत का फासला पिछले चुनाव से बढ़ता ही रहा है। कांग्रेस ने जमीनी कार्यकर्ता की अवहेलना कर कमजोर प्रत्याशी चुनाव में दिया जिसकी वजह से इनकी जीत आसान होती रही है। 

कांग्रेस से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी हार के बाद सो जाते हैं। वे भाजपा विधायक की कमजोरियों और गलत क्रियाकलापों को उजागर नहीं करते हैं। लेकिन चुनाव आते ही फिर चुनाव में उतर जाते हैं। अब आप बताएं कि ऐसे प्रत्याशियों को कोई वोट क्यों दें ?

कभी इस विधान सभा क्षेत्र में मजबूत रही कांग्रेस को अगर फिर से वापसी करनी है तो प्रत्याशी चयन में चेहरा व जाति देखकर नहीं बल्कि उनके राजनीतिक कार्यो की समीक्षा कर ही उनका चुनाव करें।
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