
हम रो गये
(हिंदी ग़ज़ल)
सब सो गये।
हम रो गये।१।
आंखें बंद हुई,
कहीं खो गये।२।
लो कह दिया,
सब हो गये।३।
चुपचाप रहकर,
फसल बो गये।४।
वे उड़कर आये,
और सब ढो गये।५।
पानी बहा ढर-ढर,
काजल को धो गये।६।
एक आई नहीं,
निकल दो गये।७।
देखो न "मिश्रअणु"
सोचा क्या क्या हो गये।८।
---:भारतका एक ब्राह्मण.
©संजय कुमार मिश्र "अणु"
वलिदाद,अरवल (बिहार)
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