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चार साल में ऊर्जा मंत्रालय ने बिहार में 11000 करोड़ रुपए विभिन्न योजनाओं पर किए खर्च

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा कि पिछले चार वर्षों में ऊर्जा मंत्रालय ने बिहार में 11000 करोड़ रुपए विभिन्न योजनाओं पर खर्च किया है। इनमें सबस्टेशन, ट्रांसमिशन और ग्रामीण विद्युतीकरण परियोजनाएं शामिल हैं। जिनका लाभ हम आज उठा रहे हैं। एनटीपीसी ने हमेशा राष्ट्र निर्माण के संदर्भ में, विशेषकर बिहार के विकास के संबंध में जो भी निवेश किया है, उसके अच्छे परिणाम हासिल किए हैं।

पिछले 5 वर्षों में कोयले और रेलवे माल ढुलाई की लागत में 40 फीसदी की वृद्धि हुई, लेकिन एनटीपीसी ने अपनी दक्षता के कारण बिजली की कीमतों में बढ़ाेतरी को सिर्फ 12 प्रतिशत तक सीमित रखा। इसने एम्स, पटना को पीएम केयर्स फंड में 12 करोड़ रुपए दिए गए। वे एनटीपीसी द्वारा विकसित सुविधाओं के उद‌्घाटन के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे।
एनटीपीसी ने बिहार में एनटीपीसी बाढ़ (1320 मेगावाट) और दो पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियां नबीनगर पावर जनरेटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, नबीनगर और कांटी बिजली उत्पादन निगम लिमिटेड के आसपास के क्षेत्रों में ये सुविधाएं विकसित की हैं। एनटीपीसी के सीएमडी गुरदीप सिंह ने कहा कि एनटीपीसी ने बिहार के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

62910 मेगावाट में से, एनटीपीसी की बिहार में कुल स्थापित क्षमता 6150 मेगावाट है। इसके अलावा 3800 मेगावाट की योजना पाइपलाइन में है। आज एनटीपीसी ने एक ऐसी महत्वपूर्ण पहल की है। आगे भी हम बिहार के विकास के लिए विभिन्न सीएसआर पहल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उद्घाटन समारोह मे सांसद सुशील कुमार सिंह, ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ज्ञानू, अशोक कुमार चोधरी, वीरेन्द्र कुमार सिंह, एनटीपीसी के सीएमडी गुरदीप सिंह मौजूद थे।
इन परियोजनाएं का किया शुभारंभ
एनटीपीसी बाढ़ ने निकटवर्ती गांवों में रहने वाले 13,500 ग्रामीणों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए 62 लाख रुपए की लागत से सहनौरा और सहरी (बाढ़) में दो सामुदायिक भवनों का निर्माण किया। साथ ही मेह-इंद्रपुरी बराज रोड (नाथनगर) के पुनर्निर्माण कार्य अाैर कांटी बिजली घर के अत्याधुनिक मुख्य द्वार कॉम्प्लेक्स का भी उद‌्‌घाटन किया।

दरभंगा के सीएम साइंस कॉलेज में हॉस्टल का किया शिलान्यास

केंद्रीय विद्युत राज्यमंत्री आरके सिंह ने दरभंगा के सीएम साइंस कॉलेज में आर्यभट्ट पुरुष छात्रावास भवन का शनिवार को शिलान्यास किया। 7.5 करोड़ की लागत से छात्रावास में 150 बेड होंगे। इसके साथ ही सीएम साइंस कॉलेज में पार्क का भी विकास किया जाएगा। पावरग्रिड द्वारा लगभग 15 करोड़ की लागत से दरभंगा के डीएमसीएच में पावरग्रिड विश्राम सदन का भी निर्माण किया जा रहा है।

इस परियोजना का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। पावरग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पावरग्रिड) द्वारा अपने सामाजिक दायित्व के तहत किया जा रहा है। वर्चुअल माध्यम शिलान्यास में से दरभंगा के सांसद गोपाल जी ठाकुर, दरभंगा के विधायक संजय सरावगी शामिल थे। पावरग्रिड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक के. श्रीकांत ने अतिथियों का स्वागत किया। पावरग्रिड, विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक ‘महारत्न’ सार्वजनिक उद्यम है।

अत्याधुनिक रखरखाव तकनीकों, स्वचालन एवं डिजिटलीकरण के उपयोग से अपने विशाल नेटवर्क की उपलब्‍धता 99 प्रतिशत से ऊपर बनाए रखता है। अगस्त, 2020 की समाप्ति पर पावरग्रिड और उसकी सहायक कंपनियों की कुल पारेषण परिसंपत्तियों में 1,64,511 सर्किट किमी की पारेषण लाइनें, 249 सब-स्टेशन और 4,14,774 एमवीए से अधिक की ट्रांसफाॅर्मेशन क्षमता है।



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एनटीपीसी की विभिन्न सुविधाओं का उद्‌घाटन करते केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह।


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/in-four-years-the-ministry-of-power-spent-rs-11000-crore-on-various-schemes-in-bihar-127714436.html

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