भाकपा माओवादी की सेंट्रल कमेटी के सदस्य और हार्डकोर नक्सली मुसाफिर सहनी की मौत इलाज के दौरान पीएमसीएच में हो गई। वह अक्टूबर 2018 से बेउर जेल में बंद था। शुक्रवार की रात उसे सीने में दर्द की शिकायत हुई। डॉक्टरों ने वहीं उसका इलाज किया, लेकिन तबीयत ठीक नहीं हुई। इसके बाद बेउर के डॉक्टरों ने उसे पीएमसीएच रेफर कर दिया, जहां देर रात उसकी मौत हो गई।
वह वैशाली के थथान बुजुर्ग गांव का रहने वाला था। उसका भतीजा दिलीप साहनी बेउर और बेटा रोहित साहनी भागलपुर जेल में बंद है। बेउर जेल के प्रभारी अधीक्षक त्रिभुवन सिंह ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि हार्ट अटैक आने के बाद डॉक्टरों की सलाह पर पीएमसीएच भेजा गया था, जहां उसकी मौत हो गई।
2015 में उड़ाया था कंस्ट्रक्शन कंपनी का बेस कैंप, शीर्ष कमांडर में होती थी गिनती
संगठन में मुसाफिर साहनी की गिनती शीर्ष कमांडरों में होती थी। वह तिरहुत जोन का प्रभारी भी रह चुका था। उसपर मुजफ्फरपुर और वैशाली के साथ साथ उत्तर बिहार के कई जिलों में मामले दर्ज हैं। जून 2015 में मुजफ्फरपुर के कुढ़नी थाना इलाके में स्थित एक कंस्ट्रक्शन कंपनी का बेस कैंप उड़ाने के बाद मुसाफिर चर्चा में आया था। साल 2017 में पुलिस ने मुसाफिर को उसके सहयोगी अनिल सहनी और गणेश राय के साथ गिरफ्तार किया था। 2018 के दिसंबर में प्रवर्तन निदेशालय ने बिहार में नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की थी। तब मुसाफिर साहनी और अनिल सहनी की मुजफ्फरपुर और वैशाली से संपत्ति जब्त की गई थी।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/hardcore-naxalite-musafir-sahni-died-in-jail-for-two-years-admitted-in-pmch-after-chest-pain-127643200.html

0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com