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‘एक देश-एक भर्ती एजेंसी’ की ओर पहला कदम ‘एनआरए’

‘एक देश-एक भर्ती एजेंसी’ की ओर पहला कदम ‘एनआरए’

 

मनोज कुमार सिंह

 

      शिक्षित होकर एक अदद नौकरी पाना युवाओं का सपना और लक्ष्य होता है। अपवाद के रूप में उच्च तकनीकी शिक्षा प्राप्त को छोड़, प्रायः युवाओं की पहली प्राथमिकता होती है सरकारी नौकरी। शिक्षा समाप्त करने के बाद शुरू होती है नौकरी की तलाश, वैकेंसियों की पड़ताल और परीक्षा-दर-परीक्षा का दौर। सीमित रिक्तियों और उम्मीदवारों की लम्बी कतार में कुछ सफल होते हैं, तो कुछ थककर निजी क्षेत्र की नौकरियों या रोजगार के दूसरे विकल्प की ओर रुख कर लेते हैं। सबसे अधिक भीड़ अराजपत्रित पदों के लिए होती है। अभी इस श्रेणी के तमाम पदों पर भर्ती की पूरी प्रक्रिया अलग-अलग एजेंसियां अपने-अपने ढंग से निपटाती हैं। इन सबकी परीक्षाएं अलग-अलग होती हैं। ऐसे में नियुक्ति के इच्छुक युवाओं को इन सब पर नजर रखनी होती है। जिस एजेंसी की तरफ से भर्ती की सूचना आए, उसके मुताबिक फॉर्म भरने से लेकर परीक्षा देने तक की पूरी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। जाहिर है,  इसमें पैसे की ही नहीं, ऊर्जा की भी बर्बादी होती है।

           इसे ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने नौकरी की तलाश को सरल बनाने और रिक्तियों के लिए आयोजित परीक्षाओं तक सबकी पहुंच सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण पहल की है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए भर्ती प्रक्रिया में परिवर्तनकारी सुधार का मार्ग प्रशस्त करते हुए नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (एनआरए) के गठन को मंजूरी दे दी है। यह एजेंसी अराजपत्रित पदों पर भर्ती की प्रक्रिया में एकरूपता लाएगी। एनआरए का गठन होते ही एजेंसी 'कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी)' के माध्यम से कई परीक्षाओं को समाप्त कर देगा। 

        केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की इस पहल को एक देश-एक संविधान, एक देश-एक शिक्षा नीति, एक देश-एक राशनकार्ड आदि के तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर नौकरियों के लिए ली जानेवाली परीक्षाओं में सुधार के प्रयासों की अगली कड़ी ‘एक देश-एक भर्ती एजेंसी’ के लिए पहला कदम कहा जा सकता है। नई व्यवस्था में एनआरए फिलहाल स्टाफ सिलेक्शन कमिशन (एसएसी),  इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सोनेल सिलेक्शन (आईबीपीएस) और रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड की तमाम भर्तियों के लिए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) आयोजित करेगी और उसके आधार पर योग्य प्रत्याशियों को शॉर्टलिस्ट करके उनके नाम इन एजेंसियों को भेज देगी। इसके बाद संबंधित एजेंसियां एक स्तर तक अपनी क्षमता सिद्ध कर चुके इन उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा के लिए बुलाएंगी। सीईटी स्कोरिंग तीन साल तक प्रभावी रहेगी और इसमें बैठने की कोई सीमा नहीं रखी गई है। मतलब यह कि जब तक उम्र है, तब तक कोई भी युवा चाहे जितनी बार भी सीईटी में बैठ सकता है। 

          अभी एनआरए गठन की प्रक्रिया शुरुआती स्तर में ही है, फिर भी एक बात साफ है कि नियुक्ति की प्रक्रिया की यह नई व्यवस्था युवाओं का कीमती समय एवं संसाधनों की बचत के साथ ही पारदर्शिता की उम्मीद जगाता है। 

           एनआरए एकल  परीक्षा का आयोजन करेगा, जो अन्य स्तर पर चयनों के लिए पहला कदम होगा।  सभी गैर-तकनीकी पदों के लिए स्नातक,  12 वीं पास और 10 वीं पास उम्मीदवारों के लिए तीन स्तरों के लिए अलग सीईटी आयोजित करेगा।  सीईटी स्कोर स्तर पर की गई स्क्रीनिंग के आधार पर संबंधित भर्ती एजेंसियों द्वारा भर्ती के लिए अंतिम चयन परीक्षा के अलग-अलग स्तरों के माध्यम से किया जाएगा। इस परीक्षा का पाठ्यक्रम सामान्य होगा क्योंकि यह मानक होगा। इससे उन अभ्यर्थियों का बोझ काफी हद तक कम हो जाएगा जो वर्तमान में प्रत्येक परीक्षा के लिए अलग-अलग पाठ्यक्रम के अनुसार तैयारी करने के लिए आवश्यक होता है। इससे एक फायदा और होगा कि भर्ती परीक्षाएं आयोजित करने वाले मौजूदा तंत्र पर दबाव कम होगा। अभी चाहे बैंकों की नियुक्तियां हों या रेलवे और एसएससी की, एक-दो हजार पदों के लिए भी आवेदकों की कतार लाखों की संख्या में होती है। हर एजेंसी को आवेदकों की इस भीड़ से अलग-अलग निपटना पड़ता है। सीईटी के जरिए प्राथमिक स्तर का फिल्टर लगेगा, जिसके बाद सीमित संख्या में ही प्रत्याशी मुख्य परीक्षाओं में शामिल हो सकेंगे, जिनके बीच से योग्य उम्मीदवारों का चयन ज्यादा मुश्किल नहीं होगा। उम्मीदवारों को एक सामान्य पोर्टल पर पंजीकरण करने और केंद्रों का विकल्प देने की सुविधा होगी। उपलब्धता के आधार पर, उन्हें केंद्र आवंटित किए जाएंगे। सीईटी  कई भाषाओं में उपलब्ध होगी। इससे देश के विभिन्न हिस्सों के लोगों को परीक्षा देने में सुविधा होगी और उन्हें चयनित होने का एक समान अवसर मिलेगा।

        एक एकल पात्रता परीक्षा भर्ती चक्र को काफी कम कर देती है। प्रारंभ में तीन प्रमुख भर्ती एजेंसियों द्वारा स्कोर का उपयोग किया जाएगा। हालांकि, कुछ समय में यह उम्मीद की जाती है कि केंद्र सरकार की अन्य भर्ती एजेंसियां इसे अपनाएंगी। आने वाले समय में सीईटी स्कोर को केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों,  सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम और निजी क्षेत्र में अन्य भर्ती एजेंसियों के साथ साझा किया जा सकता है। इससे ऐसे संगठनों को भर्ती में होने वाले खर्च और समय की बचत करने में मदद मिलेगी। एनआरए में रेल मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, वित्तीय सेवा विभाग, एसएससी, आरआरबी और आईबीपीएस के प्रतिनिधि होंगे। एनआरए एक अत्याधुनिक संस्था होगी जो केंद्र सरकार की भर्ती के क्षेत्र में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और सर्वोत्तम प्रथाओं को लाएगी। 

       वर्तमान में, सरकारी नौकरियों की तलाश करने वाले उम्मीदवारों को विभिन्न पदों के लिए कई भर्ती एजेंसियों द्वारा आयोजित अलग-अलग परीक्षाओं के लिए उपस्थित होना पड़ता है, जिसके लिए समान पात्रता की शर्तें निर्धारित की गई हैं। उम्मीदवारों को कई भर्ती एजेंसियों को शुल्क देना होता है और विभिन्न परीक्षाओं में उपस्थित होने के लिए लंबी दूरी तय करनी होती है। ये कई भर्ती परीक्षाएं उम्मीदवारों पर एक बोझ के समान होती हैं, साथ ही संबंधित भर्ती एजेंसियों पर, दोहरा व्यय, कानून और व्यवस्था एवं सुरक्षा से संबंधित चुनौतियां पेश करती हैं। इनमें से प्रत्येक परीक्षा में औसतन 2.5 करोड़ से 3 करोड़ उम्मीदवार उपस्थित होते हैं। एक एकल परीक्षा से उम्मीदवारों पर वित्तीय बोझ काफी हद तक कम हो जाएगा। देश के हर जिले में परीक्षा केंद्र दूर-दराज के क्षेत्रों में स्थित अभ्यर्थियों तक पहुंच संभव बनाएगा। लागत, प्रयास, सुरक्षा के संदर्भ में लाभ होगा। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों की महिला उम्मीदवारों को कई परीक्षाओं में बैठने में अड़चनों का सामना करना पड़ता है। प्रत्येक जिले में परीक्षा केंद्रों का स्थान सामान्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के उम्मीदवारों और विशेष रूप से महिला उम्मीदवारों को बहुत लाभान्वित करेगा। इससे न केवल ग्रामीण और महिला उम्मीदवारों तक पहुंच आसान होगी,  बल्कि उन्हें परीक्षा देने के लिए प्रेरित करेगा और केंद्र सरकार की नौकरियों में उनका प्रतिनिधित्व बढ़ाएगा। 

           नौकरी के अवसरों को लोगों के करीब ले जाना एक क्रांतिकारी कदम माना जा सकता है। सीईटी अभी सिर्फ स्क्रीनिंग या शॉर्टलिस्ट की परीक्षा होगी। हालांकि, कुछ एजेंसियों ने सिर्फ सीईटी परीक्षा के आधार पर सीधे नौकरी देने के भी संकेत दिए हैं। केंद्र सरकार में अभी 20 से अधिक रिक्रूटमेंट एजेंसियां हैं।  शुरुआत में तीन एजेंसियों के लिए परीक्षाएं ली जाएंगी, जिसे आगे चलकर सभी रिक्रूटमेंट एजेंसियों के लिए लागू किया जाना है।   

              बहरहाल, एनआरए गठन की प्रक्रिया प्रारंभिक चरण में है। लेकिन, इसका प्रारूप और भविष्य का खाका परिवर्तनकारी सुधार के सकारात्मक परिणाम मिलने को पुख्ता करते हैं। माना जा सकता है कि नियुक्ति प्रक्रिया की नई व्यवस्था केन्द्र सरकार की नौकरियों के लिए सरल, तनावरहित अवसर प्रदान करनेवाला साबित हो सकता है। 

 

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)

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