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बिहार राज्य महिला अतिथि प्राध्यापक संघ द्वारा द्वारा मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के आवास के सामने मौन अनशन

बिहार राज्य महिला अतिथि प्राध्यापक संघ द्वारा द्वारा मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के आवास के सामने मौन अनशन



आज दिनांक 26-08-2020 को बिहार राज्य महिला अतिथि प्राध्यापक संघ द्वारा द्वारा मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के आवास के सामने मौन अनशन पर बैठे हुए थे । जिसकी नेतृत्व महिला अतिथि सहायक अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ आलोक  कुमारी ,डॉ. स्वेता शरण , डॉ रशिम कुमारी द्वारा किया गया। हम अतिथि सहायक अध्यापक  अपनी मांगों को लेकर  पोस्टर एवं बैनर  के द्वारा  सरकार को अवगत करा रहे थे  की  हम  अतिथि सहायक प्राध्यापक  की बहाली  यू.जी.सी के  मापदंडों के अनुसार  हुई है।  जिस मापदंडों के अनुसार  बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा  सहायक अध्यापकों की बहाली हुई है  उसी मापदंड के अनुरूप  हम  अतिथि सहायक प्राध्यापकों  बहाली हुई है । बहाली में  जिस प्रकार से  नियमित शिक्षकों की  बहाली के लिए  विज्ञापन निकाला जाता है  । उसके बाद  ऑनलाइन अप्लाई कराया जाता है  एवं  शुल्क जमा कराया जाता है  उसके बाद  ओपन  साक्षात्कार  कराया जाता है । और  उसके आधार पर  मेघा सूची तैयार कर  चयन किया जाता है।  उसी प्रकार से  हम अतिथि प्राध्यापकों की भी  बहाली हुई है।  और हम लोगों के आने से  विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय  में शिक्षा के  स्तर में  काफी गुणवत्ता आई है।  इसलिए हम सरकार से मांग करते हैं । अतिथि सहायक अध्यापकों को नियमितीकरण किया जाए । इसी मांग को लेकर  आज  हम लोगों ने अपने मुख्यमंत्री  उपमुख्यमंत्री  एवं शिक्षा मंत्री  को  अपने बैनर एवं पोस्टर के माध्यम से  अवगत करवाना चाह रहे थे।  की  हम लोगों का मांग  जायज है  इसी बीच  पुलिस प्रशासन द्वारा  हम लोगों को  लाठी चार्ज कर  बुरी तरह से  पीटा गया । जिसमें  हमारे कुछ साथी  घायल भी हुए हैं  इनका इलाज  हम लोग  प्राइवेट चिकित्सक के द्वारा  कर आए हैं इसलिए बिहार के  माननीय मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार जी से  कहना चाहेंगे  की  आपके द्वारा  हमेशा अभिभाषण में कहा जाता है कि  हम न्याय के साथ विकास करना चाहते हैं  तो  हम भी तो न्याय मांगने के लिए ही आपके यहां आए थे  मुझे क्या मिला  लाठी  से  पीटकर  न्याय देने की बात की है मेरे साथ  क्या यही आपका न्याय व्यवस्था है । जन सेव द डेमोक्रेसी के प्रवक्ता सह बीएनएमयू के अतिथि व्याख्याता डॉ. सुमन्त राव ने कहा कि अगर  हम लोगों का  मांग  नहीं मांगा जाएगा अगले माह दिनांक 03-09-2020 को  पटना की धरती पर  हम लोग  अपनी मांग को लेकर  जदयू के पार्टी कार्यालय  एवं  मुख्यमंत्री जी को  फिर से  घेरने का काम करेंगे। अन्यथा  हम लोगों के मांग पर विचार किया जाए। अगर वर्तमान सरकार में अपनी मांग को रखने के लिए लाठी से मार कर उसके आवाजों को दबाया जाता है । क्या यही है बिहार की न्याय व्यवस्था, खुद को न्याय प्रिय कहने वाले मुख्यमंत्री जी से मैं पूछना चाहूंगा कि क्या मांग मांगने वाले को लाठी ही मिलेगा कि उनकी मांग पर विचार किया जाएगा। अगर हम लोगों की मांग पर विचार नहीं किया जाएगा  । तो पटना की धरती पर  इससे विशाल आंदोलन का  आवाजआगाज किया जाएगा । कार्यक्रम में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा से डॉ बच्चा कुमार रजक डॉक्टर प्रीतमा डॉ कौशलेंद्र कुमार डॉ अनुपम अनुजा डॉ ममता कुमारी डॉ कमलेश कुमार यादव डॉ सुधीर नारायण डॉ सुजीत कुमार साफी डॉ अर्जुन प्रताप सिंह संदीप कुमार दिनेश्वर राय विश्वनाथ शाह अमित कुमार राजेश कुमार चौधरी अल्पना कुमारी तिलकामांझी विश्वविद्यालय भागलपुर से डॉ मनोज कुमार डॉ उमा शंकर भारती डॉ राघवेंद्र प्रसाद बीएन मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा से डॉ राजीव जोशी डॉ अर्जुन कुमार डॉ देव कुमारी डॉ अजय कुमार डॉ जय नारायण राम डॉ रश्मि कुमारी डॉ सुमंत कुमार डॉ अनुजा कुमारी, साधना कुमारी जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा से डॉ दिलीप कुमार डॉ मनोज कुमार पटना विश्वविद्यालय पटना से डॉ विद्यानंद विधाता डॉ हेमंत कुमार डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर से डॉ दीपक कुमार राय रंजना कुमारी बबलू कुमार ठाकुर पूर्णिया विश्वविद्यालय पूर्णिया से डॉ अजय कुमार डॉ अर्जुन कुमार डॉ शैलेंद्र कुमार डॉ बाबुल इत्यादि करीबन डेढ़ सौ की संख्या में अतिथि सहायक प्राध्यापक शामिल हुए
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