
राज्य में बाढ़ और बरसात की वजह से मनरेगा की रफ्तार थम गई है। इस समय 16 जिलों में बाढ़ का प्रभाव है। वैसे तो बाढ़ के हिसाब से 1317 पंचायतों ही प्रभावित हैं, फिर भी 8386 पंचायतों में से फिलहाल 6376 पंचायतों में ही मनरेगा योजना के जरिए काम हो रहा है। इन पंचायतों में 2 लाख 54 हजार 125 योजनाएं जारी हैं। इसमें 3 लाख 64 हजार 90 मजदूर प्रतिदिन काम कर रहे हैं। राज्य में 4 जुलाई तक सभी पंचायतों में मनरेगा के जरिए बड़े पैमाने पर काम हो रहा था। नतीजा, जुलाई में 1 दिन में सर्वाधिक 21 लाख श्रमिक पूरे राज्य में कार्यरत थे।
जिलों में भारी बारिश की वजह से नदियों में जैसे ही उफान आया, मनरेगा से होने वाले काम की संख्या धीरे-धीरे कम होने लगी। जुलाई तक मनरेगा के माध्यम से सभी जिलों के लिए 7 करोड़ 90 लाख मानव दिवस के सृजन का लक्ष्य रखा गया था। इसकी तुलना में 9 करोड़ 56 लाख 55 हजार 383 मानव दिवस का सृजन हुआ। लेकिन, अगस्त आते ही मनरेगा के लक्ष्य पर बाढ़ का असर दिखने लगा। राज्य में 18 अगस्त तक 10 करोड़ 6 लाख 90 हजार 931 मानव दिवस का सृजन हुआ, जबकि लक्ष्य 12 करोड़ 25 लाख 67 हजार 649 मानव दिवस सृजित करने का है।
श्रवण कुमार ने कहा- इस साल मनरेगा में रिकॉर्ड काम हुआ
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि हाल के दिनों में भारी बारिश की वजह से राज्य के कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इससे काम की गति थोड़ी धीमी पड़ी है। लेकिन, वर्ष 2019 में 18 अगस्त तक के लक्ष्य की तुलना में 18 अगस्त 2020 तक मनरेगा योजना के माध्यम से बहुत अधिक काम हुआ है। पिछले वर्ष 18 अगस्त तक 6 करोड़ 68 लाख 40 हजार 93 मानव दिवस का सृजन हुअा था। इसकी तुलना में इस साल 18 अगस्त तक 3 करोड़ 38 लाख 50 हजार 838 से अधिक मानव दिवस का सृजन किया गया है।
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source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/speed-of-mnrega-slowed-due-to-flood-work-being-done-in-6376-panchayats-127632399.html
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