शंकरपुर व मिरजुमला पंचायत में गंडकी नदी के पानी से करीब तीन सौ से अधिक परिवार प्रभावित हैं। प्रभावित गांवों में शंकरपुर पंचायत के चकिया, चैनपुर, चैंयापाली, गोविन्दापुर, मिश्रवलिया है। मिरजुमला पंचायत के मिरजुमला, मखदुमपुर, राजापुर, ढोंढपुर, सकरी, जुआफर, आएमा, गोइयानार गांवों के तीन सौ से अधिक परिवार शामिल हैं।
इनमें चकिया, चैनपुर, ढोंढपुर, मिरजुमला बीनटोली गांव में सबसे अधिक प्रभाव पड़ा है। इन गांवों के कई रास्ते पानी में डूब जाने से लोग परेशान हैं। लोगों को आने-जाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। जनवितरण प्रणाली की दुकानों तक राशन भी नहीं पहुंच पा रहा है। नदी का पानी गांवों में घुसने से लोगों के घर-आंगन तक जलजमाव है। किसानों की फसलें डूब गई हैं।
बूढ़ी गंडक की पेटी में डूबे घर बाहर, निकलने लगे, घर गिरने की चिंता
समस्तीपुर: बूढ़ी गंडक के जलस्तर में एक मीटर से ज्यादा की आई गिरावट बाद पेटी में डूबे हुए घर बाहर निकलने लगे हैं। बहादुरपुर व धरमपुर इलाके में बांध की पेटी में बसे 150 से अधिक परिवार की झोपड़ी नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद पूरी तरह से डूब गई थी। जिसके बाद से वे बांध पर शरण लिए हैं। अब एक सप्ताह से पानी घटने की प्रवृति के बाद उनके घरों के छत दिखने शुरू हो गए हैं।
ऐसे में 10-15 दिन में घर से पूरा पानी निकलने की उम्मीद के बीच घर के गिरने व नया घर बनाने की चिंता भी पीड़ितों को सताने लगी है। बांध पर रहने वाली ललिता देवी, संगीता देवी, फूलवती देवी आदि ने बताया कि एक माह से ज्यादा समय तक पानी में रहने के बाद घर गिर ही जाता है। वहीं उसकी लकड़ी व टाट दोबारा उपयोग लायक नहीं रह जाते। फिर से नया घर बनाना पड़ता है।
धमई नदी का बांध टूटने से एनएच पर चढ़ा पानी, 28 गांवों में भी बाढ़
छपरा: गंडक नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। पिछले 24 घंटे में 13 सेमी जलस्तर बढ़ा है। बराज गंडक से 1.15 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है। इस बीच छपरा-मुजफ्फरपुर नेशनल हाइवे पर भेल्दी के पास पानी बह रहा है। वहीं दरियापुर, मढ़ौरा व गड़खा के 28 गांवों में पानी प्रवेश कर गया है। हजारों एकड़ की फसल बर्बाद हो गई है।
गंडक की गर्जना के साथ मृत्यु का तरल दूत द्रुत गति से तरैया, मशरक पानापुर समेत आठ प्रखंडों को अतिक्रमण करते हुए दरियापुर प्रखंड के आधा दर्जन से अधिक पंचायत को अपनी आगोश दबोच लिया है। ककरहट मध्य विद्यालय, एपीएससी, पावर सब स्टेशन जल प्लावित हो चुके हैं । बाढ़ की कहर की चपेट में दरिया पुर अंचल का ककरहट, बड़का बनेया, मोहम्मदपुर सहित दर्जनों गांव आ चुके हैं।
बागमती नदी खतरे के निशान से काफी ऊपर
मुजफ्फरपुर: नेपाल समेत जलग्रहण क्षेत्र में बारिश के होने से बागमती और गंडक का जलस्तर जहां स्थिर हो गया है, वहीं बूढ़ी गंडक के जलस्तर में कमी जारी है। जलस्तर में कमी के बाद भी बूढ़ी गंडक के साथ बागमती नदी खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही है। हालांकि, खतरे के निशान से 1.38 मीटर ऊपर जाकर बूढ़ी गंडक में आ रही कमी से लोगों ने राहत की सांस ली है।
दूसरी ओर जिले के 14 प्रखंडों में अत्यधिक जलजमाव से लोग अनेक समस्याओं से जूझ रहे हैं। शनिवार को मिली जानकारी के अनुसार बूढ़ी गंडक नदी खतरे के निशान से 56 सेंटीमीटर ऊपर 53.09 मीटर पर बह रही है। गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे 53.74 मीटर पर स्थित है। हालांकि, बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 45 सेंटीमीटर ऊपर 55.68 मीटर पर स्थित है।
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source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/siwan/news/water-infiltrated-in-300-houses-in-shankarpur-and-mirjumla-crop-wastage-water-movement-also-stopped-127598090.html

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