
जल जीवन हरियाली अभियान सरकार की प्राथमिकता में है। लेकिन आंकड़े बताते हैं कि सार्वजनिक जलाशयों पर अतिक्रमण, जल संरक्षण और हरियाली में अड़ंगा लगा रहे हैं। आलम यह है कि जिले के विभिन्न प्रखंडों में 4870 तालाब ऐसे हैं। जो 5 एकड़ से छोटे एरिया के हैं। जिन्हें जल स्रोत चिन्हित किया गया हैं। इन तालाबों का जीर्णोद्धार कराया जाना है। अभियान के तहत इन्हें चिन्हित कर लिया गया है। लेकिन 1150 तालाब ऐसे हैं जिन पर अतिक्रमण है।
जिसके चलते हरियाली अभियान के तहत योजनाएं क्रियान्वित नहीं की जा पा रही हैं। वही प्रशासनिक जानकारों का कहना है कि अंचलाधिकारियों के स्तर से शिथिलता के चलते जल जीवन हरियाली अभियान पर ग्रहण लग गया है। आधिकारिक जानकारों का कहना है कि जिले के विभिन्न हिस्सों में जल जीवन हरियाली के तहत जिन तालाबों का चयन हुआ है। उनकी रिपोर्टिंग मनरेगा के पंचायत रोजगार सेवकों के द्वारा ही की गई है। अब तक अंचल अधिकारियों व राजस्व विभाग विभाग के तहत कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।
चयनित तालाबों की रिपोर्टिंग मनरेगा के पंचायत रोजगार सेवकों ने हीं की है
भभुआ में सर्वाधिक 238 तालाब है अतिक्रमण के शिकार
आंकड़ों की मानें तो सर्वाधिक सदर प्रखंड भभुआ में तालाब अतिक्रमित हैं। प्रखंड क्षेत्र में 5 एकड़ से छोटी एरिया की 750 तालाब चिन्हित की गई हैं। इनमें से 238 पर अतिक्रमण है। अधौरा में सबसे कम अतिक्रमण है। यहां 293 तालाब हैं लेकिन महज 4 तालाबों पर ही अतिक्रमण है। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक जल जीवन हरियाली के तहत पहले 1 एकड़ तक के तालाब के जीर्णोद्धार का दायित्व मनरेगा के तहत था। बाद में इस में परिवर्तन करते हुए 5 एकड़ तक के तालाबों के जीर्णोद्धार व निर्माण का दायित्व मनरेगा को दिया गया है।
90% तालाबों से कच्चे अतिक्रमण हटाए गए
इस संदर्भ में पूछे जाने पर जिले के उप विकास आयुक्त कृष्ण प्रसाद गुप्ता ने कहा कि जिले के विभिन्न प्रखंडों के 90% तालाबों से कच्चे अतिक्रमण हटाए जा चुके हैं। 10 फीसद तालाबों पर अतिक्रमण हटाए जाने की प्रक्रिया चल रही है। पक्के अतिक्रमण हटाने के लिए भी कवायद चल रही है। प्रशासनिक निर्णय के बाद मशीनों से ऐसे अतिक्रमण को हटाया जाएंगे।
आंकड़ों में जल जीवन हरियाली अभियान
जिले के विभिन्न प्रखंडों में 4870 की संख्या में 5 एकड़ से छोटे तालाब चिन्हित किए गए हैं। इनमें से 4732 का निरीक्षण किया गया है। 138 की निरीक्षण अभी की जानी है। 81 नए जल स्रोतों की एंट्री की गई है। कुल जलाशयों में से 1150 पर अतिक्रमण है। 306 तालाबों पर पक्का अतिक्रमण किया गया है। 842 में कच्चा अतिक्रमण है। जिसे आसानी से हटाया जा सकता है। 2206 तालाबों के जीर्णोद्धार की जरूरत है। इनमें से 1174 बड़े आकार के तालाब हैं। जहां मशीन की आवश्यकता पड़ेगी। 1029 ऐसे हैं जिसे मजदूरों से जीर्णोद्धार कराया जा सकता है। 1383 में पइन से जोड़ा जाना है। 2245 ही ऐसे छोटे तालाब हैं जिनमें पानी की उपलब्धता है। विभाग की ओर से अभी तक अतिक्रमण या फिर तालाबों के चयन, निरीक्षण को लेकर अभी तक कोई कवायद नहीं की गई है।
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source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/bhabhua/news/water-life-greenery-marked-4870-ponds-out-of-which-1150-are-encroached-127532271.html
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