दिव्य रश्मि के डॉ.अजित कुमार पाठक जी के विचार |
हमें पता ही नहीं लगा की मेरी दिव्यरश्मि 6 वर्ष की हो गयी.यह शाश्वत सत्य भी है कि अपनों के उम्र का पता भी नहीं चलता है .पत्रिका के प्रथम अंक से लेकर आज तक के अंक का मै गंभीर पाठक रहा हूँ.सामयिक लेखों के अतिरिक्त ऐतिहासिक और धार्मिक लेखों की प्रस्तुति इसे पत्र-पत्रिकाओ के बाज़ार से अलग बनाता है. इस कारण दिव्य रश्मि का हर अंक संग्रहणीय होता है. एक शब्द में कहूँ तो कहूँगा कि इसका हर अंक आज भी नवीन है.
इसे नियमित रूप से इसे निकलने में जिस परेशनियों का सामना पत्रिका परिवार को करना पड़ता होगा वह अवर्णनीय है. इस महती कार्य के लिए सम्पादक महोदय के साथ पूरा दिव्य रश्मि परिवार बधाई के पात्र है. यह पत्रिका खूब फले फूले और पत्र पत्रिकाओं की दुनिया में दिव्य रश्मि फैलता रहे यही हमारी कामना है
डॉ.अजित कुमार पाठक
40,गाँधी नगर बोरिंग रोड
पटना-८००००१दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |
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