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आधी आबादी को मिला संबल

आज पटना पत्र सूचना कार्यालय भारत सरकारपटना से प्राप्त विज्ञप्ति के अनुसार  इस महामारी के समय सरकार के द्वारा गरीबों के लिए जो कार्य किये गए है वो खुद ही अपनी सफलता की कहानी बता रही है इस संकट काल में किसी को थोड़ी भी राहत अगर मिल जाती है तो डूबते में तिनके के सहारे जैसा लगने लगता है|

आधी आबादी को मिला संबल

        ऐसा माना जाता है कि अगर घर की बुनियाद मजबूत हो तो आप इसके बाहर किसी भी चुनौती से निबटने में काफी हद तक सक्षम हो सकते हैं। कोरोना संक्रमण के खिलाफ जंग में इसकी अहमियत भी है और जरूरत भी। केंद्र सरकार ने इस पर फोकस करके जो जरूरी कदम उठाए हैंवह कारगर साबित हो रहा है। घर की बुनियाद दुरुस्त करने में आधी आबादी यानी कि महिलाओं की भूमिका सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण मानी जाती है 
 इसे समझते हुए और स्वीकार करते हुए पहले ही केंद्र सरकार ने महिलाओं की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए कई बड़े कदम उठाए।
 इसमें उज्ज्वला योजना के तहत रसोई गैस की उपलब्धता और जनधन खाता खोलना प्रमुख है। आज यही कदम कोरोना के खिलाफ जंग में सरकार के लिए सहायक सिद्ध हो रहे हैं। इस बड़े अभियान में खास तौर पर कमजोर आर्थिक स्थिति वाले घरों का साथ लेने के लिए यह जरूरी था कि वैसे घरों की खास जरूरतों की पूर्ति की जाए और सरकार ने अपनी अहम योजनाओं और कार्यक्रमों के सहारे अपनी महती जिम्मेदारी को बखूबी निभाया। इसके अच्छे परिणाम भी सामने आए। कठिनाइयों से भरी जिंदगी जीने वाली एक बड़ी आबादी सरकार के छोटे से सहयोग  पर ही संतुष्ट होते हुए उसे अपना संबल मानकर इस जंग में सरकार का साथ दे रही है। इसकी झलक हमें ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिल रहा हैजहां लॉकडाउन के नियमों का लोग पूरी तरह से पालन कर रहे हैं। जबकि इससे पहले यह अंदेशा था कि अभाव की स्थिति में गुजर-बसर करने वाले भला कैसे इतने समय तक खुद को घर की दहलीज के अंदर रख पाएंगे मगर केंद्र सरकार के प्रयास ने इस अंदेशे को गलत साबित कर दिया।

ये सहारा कुछ कम तो नहीं

     जब संकट के समय मे परेशानी हद से अधिक बढ़ जाए तो सहयोग का छोटा सा सहारा भी बहुत काम आता है और उसके सहारे कड़ी चुनौती का सामना करने के लिए आत्मविश्वास बढ़ जाता है। कुछ इन्हीं स्थितियों से जुड़ी है बबीता देवी की जिंदगानी। मुंगेर जिले के वासुदेवपुर के मेला गांव की रहने वाली बबीता देवी सामान्य दिनों में भी बड़ी मुश्किल से अपने घर के लिए रोटी का इंतजाम कर पाती थी। लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से जब  लॉकडाउन की बंदी  लागू की गई और फिर दूसरी बार इसकी मियाद बढ़ाई गई तो ऐसी स्थिति में बबीता जी को किन परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा होगाइसे महसूस करना भी सहज नहीं हो सकतालेकिन उन कठिन परिस्थितियों को इन्होंने झेला। मगर केंद्र सरकार की ओर से जब इनके जनधन खाते में 500 जमा कराए गएतो यह सहयोग इनके लिए डूबते को तिनके का सहारा जैसी साबित हुई। विपदा काल में प्रधानमंत्री के इस सहयोग के प्रति आभार प्रकट करते हुए वे कहती हैं कि मुश्किल घड़ी में यह मेरे लिए बड़ी राहत है।


(बबीता देवीवासुदेवपुर कमेलामुंगेर)

            छपरा के सरायबक्स की रहने वाली लीलावती देवी लॉक डाउन की अवधि बढ़ जाने के बाद काफी परेशान रहने लगी थी। इनके मन में यह सवाल बैठ गया था कि ना जाने यह स्थिति कब तक रहेगी और ऐसी स्थिति में घर में दो वक्त के खाने का इंतजाम कैसे होगा। क्योंकि बाहर जाकर कामकाज की संभावना भी काफी कम थी। लेकिन जब इन्हें केंद्र सरकार के प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से निशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराए जाने की जानकारी मिली तो इनके मुरझाए चेहरे पर मुस्कुराहट के साथ सुकून के भाव स्पष्ट रूप से परिलक्षित होने लगे। इन्हें केंद्र सरकार की ओर से जो राशन मिला हैइसके लिए इन्होंने तहे दिल से प्रधानमंत्री को शुक्रिया कहा है।



(लीलावती देवीछपरा)

           सहयोग मिलने से उत्साह बढ़ता है और इससे किसी समस्या से लड़ने का जज्बा प्राप्त होता है।कुछ ऐसा ही उत्साह दिखता है आकांक्षा कुमारी में।  मोतिहारी के गांधीनगर इलाके के वार्ड नंबर 2 की रहने वाली आकांक्षा बताती हैं कि उनके घर में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत राशन कार्ड पर निशुल्क गेहूं एवं चावल मिला है। परेशानी के इस समय में यह अहम सहयोग है। उन्होंने इस सहयोग के लिए प्रधानमंत्री के प्रति अपना आभार जताया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और वर्तमान सांसद राधामोहन सिंह  का यह संसदीय क्षेत्र है। उनका मानना है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से उनके क्षेत्र के जरूरतमंद परिवारों को इसका काफी फायदा मिला है। उनका कहना है कि केंद्र सरकार का यह सहयोग कोरोना के खिलाफ जंग में मजबूत हथियार के रूप में काम आएगा।


(आकांक्षा कुमारीगांधीनगर,मोतिहारी)

इस सहयोग की बड़ी जरूरत थी

        केंद्र सरकार के प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना बिहार के किसानों के लिए इस मुश्किल वक्त में वरदान साबित हो रही है। इसके तहत 2000 किसानों के खाते में डाले जा रहे हैं। अधिकांश किसानों ने इस राशि के सहारे अपने बंद पड़े किसी कार्य को या तो शुरू कर दिया है या फिर इसकी तैयारी में लग गए हैं।
 सीतामढ़ी जिले के माधवपुर चौधरी गांव के रहने वाले सीमांत किसान मनोज कुमार सिंह के खाते में भी 2000 केंद्र सरकार की ओर से भेजा गया है।
 इससे प्रसन्नचित्त मनोज जी कहते हैं कि इस रकम से अब वे अपने रुके काम को शुरू कर सकेंगे। उनके खटाल में मवेशी बंद हैं। उनके चारे की समस्या से वे पिछले कुछ दिनों से परेशान थे। प्रधानमंत्री के प्रति इस सहयोग के लिए सम्मान प्रकट करते हुए वे लॉकडाउन का पालन करना सबके लिए जरूरी बताते हैं। वे खुद भी प्रधानमंत्री की अपील पर गमछा से अपना मुंह ढक कर रखते हैं।


(मनोज कुमार सिंहमाधोपुर चौधरीसीतामढ़ी। )