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क्या है तबलीगी जमात ?

क्या है  तबलीगी जमात ?

साभार से --- Outlook .

तबलीगी जमात - १९२६-२७ में मेवात में मौलाना मुहम्मद इलियाश द्वारा स्थापना ! उद्देश्य - धार्मिक, वेशभूषा वैयक्तिक तरीकों द्वारा सुन्नी इस्लामी धर्मप्रचार और मुसलमानों को मूल इस्लामी पद्धतियों की तरफ़ लाना !
लेकिन बाद में इस जमात ने एक ऐसे गुट का रूप ले लिया जो किसी न किसी तरह से असामाजिक गतिविधियों में शामिल रही ! इस जमात के लोगों को पहले आसानी से वीसा मिल जाता था क्योंकि इस जमात के लोग वीसा लेने का कारण "इस्लाम का प्रचार करना" बताते थे और इस तरह यह विदेशों में जाकर रिक्रूटमेंट या भर्ती निकालने का काम करते थे।
जिससे कि भर्ती किये गए लोगों को आतंकी के तौर पर ट्रेनिंग दी जा सके ! ये खेल कई दशकों तक ऐसे ही चलता रहा और धर्म की आड़ में आतंकियों को पनाह देने वाले पलते रहे !
इस जमात के आतंकी गुटों से सम्वन्ध को देखते हुए रूस और कुछ अफ्रीकी देशों ने तबलीगी जमात के लोगों को वीसा देने पर प्रतिवंध लगा रखा है, लेकिन भारत में आजतक ये काम धड़ल्ले से जारी है !
शिया वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष श्री वसीम रिज़वी के अनुसार "तबलीगी जमात एक ऐसी जमात है जो दुनिया में तबाही फ़ैलाने के लिए सुसाइड बॉम्बर (आत्मघाती हमलावर ) तैयार करने का काम करती है और इसका इस्लाम से दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं है और जो कुछ भी निजामुद्दीन मरकज़ में किया गया वो एक सोची समझी साजिश थी जिससे लोगों में ये बीमारी फैलायी जा सके !"
अगर एकबारगी वसीम रिजवी द्वारा कही बात न भी मानें तो भी ये जमात सही नहीं कही जा सकती क्योंकि इस जमात के जमाती कई बार समाज विरोधी गतिविधियों लिप्त पाए गये हैं !
1999 में हुए कंधार विमान अपहरण काण्ड जिसमे भारत के विमान का अपहरण करके अफगानिस्तान के कंधार ले जाया गया था , उस अपहरण को जिस हरकत-उल-अंसार नाम के आतंकी संगठन के लोगों ने अंजाम दिया था , उस आतंकी संगठन के वास्तविक संस्थापक इसी तबलीगी जमात से थे !
2001 में वर्ल्ड ट्रेड सेण्टर पर हुआ हमला जिसे 9 /11 के हमले के नाम से भी जाना जाता है , उक्त हमले के सम्बन्ध में अमेरिका ने अल-कायदा के जिन संदिग्धों को पकड़ा था , वे सभी तबलीगी जमात से ही थे ! इतना ही नहीं ये सभी संदिग्ध उससे पहले निजामुद्दीन मरकज़ में भी रह चुके थे !
2002 का गोधरा हत्याकांड जिसमें 59 कारसेवकों को जला कर हत्या कर दी गयी थी , उस जघन्य हत्याकांड के संदिग्ध भी इसी तबलीगी जमात से रहे हैं !
वर्तमान परिवेश में भी यदि देखा जाये तो इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि कोरोना बीमारी जैसी महामारी के खतरे को जानते हुए भी मौलाना साद और इस तबलीगी जमात ने जो हरकत की है , ये सबकुछ एक सोची समझी साजिश के तहत किया गया है क्योंकि जो लोग इस जमात से कोरोना से पीड़ित निकले हैं और जिन्हें निगरानी केंद्रों में रखा जा रहा है।
उनका व्यव्हार जैसे लोगों पर और खासतौर पर उन लोगों पर थूकना और गलत व्यव्हार करना जो इनके ही भलाई के लिए हैं , ये दर्शाता है कि ये तबलीगी जमात और इससे जुड़े लोग चाहे वो मौलाना साद हो या कोई आम जमाती ये सब इसी फिराक में हैं कि किसी भी तरह से ये महामारी भारत में ज्यादा से ज्यादा फैले और लोग मरें !
पाकिस्तान ने भी कोरोना महामारी के फ़ैलाने के लिए ईरान के रास्ते आने वाले लोगों और तबलीगी जमात के लोगों को जिम्मेदार माना है ! आश्चर्य ये है कि पाकिस्तान जैसे एक घटिया और पिछड़े देश को ये बात आसानी से समझ आ चुकी है लेकिन हमारा देश जो हर तरह से विकसित है , सब समझते हुए भी चुप है !
इन सब बातों को देखते हुए भारत सरकार को चाहिये कि धर्म के नाम पर विष , वायरस या जहर फ़ैलाने वाली इस नौटंकी जिसे तबलीगी जमात कहते हैं , इसे पूरी तरह से प्रतिवंधित करे , साथ ही मौलाना साद को सलाखों के पीछे पहुंचाए और जानबूझकर लोगों को मौत के मुंह में धकेलने के लिए कठोरतम सजा का प्रबन्ध करे !
साभार से --- Outlook .

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