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आनन्द ही नहीं स्वास्थ्य और ऊर्जा भी प्रदान करता है संगीत

आनन्द ही नहीं स्वास्थ्य और ऊर्जा भी प्रदान करता है संगीत

  • कलाकक्ष के ४८वें स्थापना दिवस समारोह में युवा कलाकारों ने दी भव्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ , हुए पुरस्कृत
पटना, २३ दिसम्बर । नृत्य और संगीत केवल मानव-मन को आनन्द ही नहीं प्रदान करते अपितु मनुष्य को स्वास्थ्य और ऊर्जा भी प्रदान करते हैं। इनका संबंध मन, प्राण और आत्मा से है। इसीलिए हमारे ऋषिगण परम-चेतना से योग के लिए संगीत का आश्रय लेते थे। संगीत की साधना वस्तुतः आध्यात्मिक-साधना है। आत्मा के उन्नयन की प्रक्रिया है।

यह बातें बुधवार को बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में, साहित्य तथा भारतीय कलाओं के संरक्षण, प्रशिक्षण और मंचन के लक्ष्य से महाकवि काशीनाथ पाण्डेय द्वारा स्थापित संस्था 'कलाकक्ष' के ४८वें स्थापना दिवस समारोह की अध्यक्षता करते हुए, सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने कही। उन्होंने कहा कि यह संस्था नवोदित कलाकारों को प्रशिक्षित करने और मंच प्रदान करने का अत्यंत मूल्यवान कार्य करती आ रही है। भारतीय कला और संस्कृति के संपोषण और उन्नयन में इसके योगदान स्वर्णाक्षरों में अंकित हो रहा है ।

समारोह का उद्घाटन सुप्रसिद्ध नृत्यांगना तथा भारतीय प्रशासनिक सेवा की पूर्व अधिकारी नीलम चौधरी, राजकीय आयुर्वेद माहविद्यालय की प्राचार्या डा उमा पाण्डेय, सुमन सिंह, प्रेमलता मिश्र 'प्रेम' तथा विभारानी श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से दीप-प्रज्वलन कर किया। आरंभ में अतिथियों का स्वागत संस्था के महासचिव अविनय काशीनाथ पाण्डेय ने तथा मंच का संचालन कलानेत्री डा पल्लवी विश्वास ने किया।
इस अवसर पर, भारतरत्न पं रवि शंकर और पद्मविभूषण पं बिरजू महाराज की कालजयी रचनाओं पर कलाकक्ष के संगीत प्रशिक्षण केंद्र 'नृवागा संगीत अकादमी' के प्रशिक्षुओं द्वारा भव्य और रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया, जिसमें आयुर्मान यास्क, काशिका पाण्डेय, अरुषान रौशन,श्रेयांश दाँगी, हर्षिता, पूर्णिमा मित्तन, अद्विता, हर्षिता, धैर्य सिन्हा, अंकना बोस, अलका तेजस्वी, आदित्य, अंशु राज, अंशुमान पाण्डेय, विशाखा, अपूर्वा, वैदेही तिवारी, आराध्या, नव्या, लावाण्या, एकता, सौम्या, तृषा, कृतिका, माला आदि के नाम सम्मिलित हैं। समारोह में वर्ष २०२५ के लिए काशिका पाण्डेय को 'लक्ष्मी निवास पोद्दार वाद्य-वादन पुरस्कार', कुमार श्रेष्ठ को शिल्पर्षि फणीभूषण विश्वास चाक्षुष कला पुरस्कार, आर्णा दिव्या को 'आचार्य नगेंद्र प्रसाद मोहिनी नृत्य पुरस्कार' , अलका तेजस्वी को संगीतर्षि पं बिंदा प्रसाद गौड़ गायन पुरस्कार, विशाखा, एकता एवं सरिता को शैलबाला पोद्दार प्रेरणास्पद माता पुरस्कार प्रदान किए गए। शेफाली सिंह, डौली सिंह, आकृति सिन्हा, अंकना बोस, दुर्गेश नंदिनी आदि भी सम्मानित किए गए।

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