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यम यमुना सा पावन,भाई बहन का स्नेह दुलार

यम यमुना सा पावन,भाई बहन का स्नेह दुलार 

कुमार महेंद्र
कार्तिक शुक्ल द्वितीया अद्भुत,
सर्वत्र भाई दूज खुशियां उमंग ।
सृष्टि रज रज विमल प्रवाह,
संबंध पटल अपनत्व तरंग ।
परस्पर मंगल कामना अथाह,
शीर्ष वंदित परंपरा संस्कार ।
यम यमुना सा पावन,भाई बहन का स्नेह दुलार ।।

भाई दूज पौराणिक कथा,
अलौकिकता दिव्य अहसास ।
परम लोक आस्था विश्वास,
जन आभा अति हर्ष उल्लास ।
असीम शुभ कामना उर धर,
स्वसा प्रदत्त अप्रतिम उपहार ।
यम यमुना सा पावन,भाई बहन का स्नेह दुलार ।।

नेह अनुबंध मृदुल भाव ,
दृढ़ संकल्प रक्षा वचन ।
आन बान शान अभिवृद्धि,
हर पल मुस्कान जतन ।
विपरित काल ढाल बन,
दिशा विमुख कंटक बहार ।
यम यमुना सा पावन,भाई बहन का स्नेह दुलार ।।

भ्राता भगिनी अटूट रिश्ता,
देवलोक नित्य हर्षित गर्वित ।
निश्चल प्रेम अर्थ परिभाषा,
अंतर बिंदु दर्शित द्रवित ।
पुनीत बेला अनुपस्थिति भान,
दोऊ नयनन अविरल अश्रु धार ।
यम यमुना सा पावन,भाई बहन का स्नेह दुलार ।।

कुमार महेंद्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
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