संस्कृत दिवस पर विद्वानों ने दिया भारतीय संस्कृति के पुनर्जागरण का संदेश

गया। स्थानीय डॉक्टर विवेकानंद पथ स्थित समारोह स्थल पर भारतीय राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा एवं कौटिल्य मंच के तत्वावधान में संस्कृत दिवस का आयोजन गरिमामय माहौल में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों के विद्वान, साहित्यकार, शिक्षाविद एवं समाजसेवियों ने भाग लेकर संस्कृत भाषा के महत्व और भारतीय संस्कृति के पुनर्जागरण पर अपने विचार रखे।
कार्यक्रम का शुभारंभ साहित्याचार्य एवं सम्मानित साहित्यकार आचार्य राधामोहन मिश्र "माधव" ने किया। उन्होंने कहा कि संस्कृत ज्ञान-वैभव का भांडार है, लेकिन आधुनिक परिप्रेक्ष्य में इसके नवीनीकरण में कमी के कारण इसका लाभ अंग्रेज़ी जैसी भाषाओं को मिला। उन्होंने जोर देकर कहा कि अत्याधुनिक कंप्यूटर युग में यह प्रमाणित हो चुका है कि संस्कृत विश्व की सबसे वैज्ञानिक भाषा है, जिसे पुनः प्रतिष्ठित करना आवश्यक है।

डॉ. के.के. नारायण ने संस्कृत और सनातन संस्कृति को एक प्राण और दो देह की तरह बताते हुए कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा ने विश्व जीवन के हर क्षेत्र को सींचा और संवारने का काम किया है। वहीं, आयुर्वेदाचार्य आचार्य सच्चिदानंद मिश्र नईकी ने आयुर्वेद, ज्योतिष, गणित, धातु विज्ञान, मूर्तिकला, चित्रकला, संगीत और दर्शन सहित संस्कृत बांग्मय में निहित विविध ज्ञान आयामों का उल्लेख करते हुए इसे विश्व में अप्रतिम बताया।
राष्ट्रीय महासचिव एवं साहित्यकार प्रो. मनोज कुमार मिश्र ने कहा कि "वेद ही विज्ञान की जननी हैं" और सभी भाषाओं का मूल संस्कृत है। उन्होंने बुद्धिजीवियों एवं राष्ट्रवादियों से संस्कृत के पुनरुत्थान के लिए आगे आने का आह्वान किया।
डॉ. रविंद्र कुमार एवं डॉ. दिनेश सिंह ने कहा कि संस्कृत दिवस का उद्देश्य इसकी गौरवशाली परंपरा को पुनः जीवित करना और आने वाली पीढ़ियों को इसके महत्व से अवगत कराना है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने संस्कृत को "भारतीय संस्कृति और चेतना की वाहक" बताते हुए इसके संरक्षण व संवर्धन की आवश्यकता पर बल दिया। विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के सचिव गजाधर लाल पाठक ने केंद्र सरकार की संस्कृत संवर्द्धन पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह भाषा मानवीय जीवन शैली का वास्तविक संदेश देती है।
धन्यवाद ज्ञापन करते हुए आचार्य सुनील पाठक ने कहा कि "सर्वे भवन्तु सुखिनः" की शाश्वत भावना से ओत-प्रोत संस्कृत सदैव विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त करती रही है और भविष्य में भी करती रहेगी।
कार्यक्रम में पूर्व विधायक जी.एस. रामचंद्र दास, शंभू गिरी, हरिनारायण त्रिपाठी, सत्येंद्र दुबे, इशरत जमील, हमीदा खातून, मोहम्मद याहिया, डॉ. ज्ञानेश भारद्वाज, डॉ. अरविंद कुमार, बृजेश राय, पुष्पा कुमारी, नीरज वर्मा, शशांक शेखर, सीमा कुमारी, रंजीत पाठक, पवन मिश्रा, विश्वजीत चक्रवर्ती, पार्वती देवी, रंजन पांडेय, मृदुला मिश्रा, उत्तम पाठक, सुनीता देवी, दीपक पाठक, नीतू कुमारी, नदिया देवी, सलामुद्दीन खान सहित अनेक गणमान्य व्यक्तित्व उपस्थित थे। अगर आप चाहें तो मैं इस खबर का एक संक्षिप्त संस्करण भी तैयार कर सकता हूँ, जो अखबार की ब्रेकिंग न्यूज कॉलम में फिट बैठे।
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