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शब्दवीणा की जहानाबाद जिला इकाई ने आयोजित की काव्य संगोष्ठी

शब्दवीणा की जहानाबाद जिला इकाई ने आयोजित की काव्य संगोष्ठी

  • रचनाकारों ने देशभक्ति, प्रेम, प्रकृति एवं राजनीतिक दाँवपेंच जैसे समसामयिक विषयों पर पढ़ीं एक से बढ़कर एक रचनाएँ
गया/जहानाबाद। राष्ट्रीय साहित्यिक-सह-सांस्कृतिक संस्था शब्दवीणा की जहानाबाद जिला इकाई द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. डॉ रश्मि प्रियदर्शनी के मार्गदर्शन में एवं शब्दवीणा के बिहार प्रदेश साहित्य मंत्री एवं जहानाबाद जिला अध्यक्ष ललित शंकर पाठक, जिला संरक्षक वरिष्ठ कवि दीपक कुमार, जिला सचिव वरिष्ठ कवि चितरंजन चैनपुरा के नेतृत्व में भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी भवन, जहानाबाद में शब्दवीणा काव्य संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में आमंंत्रित वरिष्ठ पत्रकार संतोष श्रीवास्तव ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। काव्य संगोष्ठी का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन तथा माँ शारदे के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करके हुआ। दीपक कुमार द्वारा सुमधुर सरस्वती वंदना की प्रस्तुति के उपरांत उपस्थित रचनाकारों ने देशभक्ति, प्रेम, राजनीति, प्रकृति के विविध रूप जैसे समसामयिक विषयों पर एक से बढ़कर एक स्वरचित गीत, ग़ज़ल, दोहे, मुक्तक एवं छंदमुक्त रचनाओं की प्रस्तुतियाँ दीं। कार्यक्रम का कुशल संचालन गया जी से पधारे कवि अरविंद कुमार ने किया। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कार्यक्रम अध्यक्ष संतोष श्रीवास्तव ने शब्दवीणा के देश भर में हो रहे विस्तार एवं साहित्यिक सक्रियता की प्रशंसा की। उन्होंने घोषणा की कि समिति द्वारा आगामी हिन्दी दिवस के अवसर पर कवि राम विनय शर्मा पर आधारित कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। उन्होंने शब्दवीणा द्वारा देश भर में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की सराहना करते हुए शब्दवीणा और हिन्दी साहित्य के हितार्थ मिलजुलकर कार्य करने की बात कही।


काव्य संगोष्ठी में चितरंजन चैनपुरा की "उठो, चलो अब देशवासियों", सुधाकर राजेन्द्र की 'जिंदगी जो तपेगी, निखर जायेगी', राणा वीरेन्द्र सिंह की 'खुद की ताकत, खुद आजमाना चाहता हूँ' व 'मैं जा रहा हूँ रण में, मुझको टोकना नहीं', अनिल फतेहपुरी की 'जय कंजलोचन कृष्ण रुक्मिणी, सिन्धु रूप मनोहरम', ललित शंकर पाठक की 'तेरे जलवों का असर इस कदर, नजरें भी खामोशी से काम करती हैं', गौतम पाराशर की 'हम इतिहास के साथ भूगोल बदल डालेंगे' जैसी रचनाओं को श्रोताओं से खूब सराहना मिली। दीपक कुमार की "स्वप्न सिकता पर खड़ा प्रासाद अपना ढह गया। मैं अंधेरे में स्वयं से, प्रश्न करता रह गया" रचना ने सभी को मंत्रमुग्ध कर डाला। अरविंद कुमार ने "बदल रहे हैं सपने, बदल रहा है देश, साथी हाथ बंटाना', डॉ रविशंकर शर्मा ने 'शून्य से आरंभ जीवन, शून्य गाथा कह गया', डॉ रंगनाथ दिवाकर ने "जो कल्याण चाहता जग का, प्राप्त उसे उपहास", डॉ मानसी सिंह ने 'इश्क जबसे हुआ, हम तुम्हारे हुए। पर तुम्हीं तो सनम ना हमारे हुए', डॉ नरेन्द्र देव ने ' शत-शत बादल उड़ आये हैं' रचनाएँ सुनाकर दर्शकों का मन मोह लिया।


कवयित्री अनंता कुमारी ने राधा-रुक्मिणी, शैलेन्द्र कुमार शैल ने बादल, रीमा कुमारी शर्मा ने राजनेताओं की ढुलमुलता, विश्वजीत कुमार अलबेला ने भारतीय संस्कारों की श्रेष्ठता व पश्चिमी सभ्यता के अवगुणों, तथा राकेश कश्यप ने शिक्षकों की दशा और दायित्वों पर स्वरचित रचनाएँ पढ़ीं। नंदकिशोर विद्यार्थी की 'कैइसन हो गेलई आज युग', संजीत कुमार पांडेय की भोजपुरी मगही रचना 'टूट गइल नेहिया, सनेहिया के गाँव', ममता राज प्रिया की 'नई सुबह सी मुस्कुराती हूँ' 'रूबी कुमारी की 'चिट्ठिया न लिखS चाहे, रुपया भेजत रहिअS', एवं अरबिन्द कुमार आजाँस की 'धरती के करजा ले, गरजा हे बदरा' जैसी पंक्तियों पर खूब वाहवाहियां लगीं। कार्यक्रम में डॉ. एस के सुनील, मोकर्रम हाशमी, अनिल कुमार पांडेय, मणि प्रकाश, हिमांशु शेखर, शिवांश शेखर भी उपस्थिति रहे।

शब्दवीणा काव्यगोष्ठी का सीधा प्रसारण शब्दवीणा केन्द्रीय पेज से किया गया, जिससे जुड़कर शब्दवीणा की राष्ट्रीय समिति एवं देश भर में स्थित शब्दवीणा की विभिन्न प्रदेश एवं जिला समितियों के पदाधिकारियों, सदस्यों, एवं साहित्यानुरागी श्रोताओं ने कार्यक्रम का आनंद उठाया। कार्यक्रम के सफल आयोजन पर शब्दवीणा के राष्ट्रीय संरक्षक महावीर बजाज, राष्ट्रीय परामर्शदाता पुरुषोत्तम तिवारी, राष्ट्रीय संरक्षक मंडल के सदस्य पी. के. मोहन, राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. डॉ. रश्मि प्रियदर्शनी, राष्ट्रीय सचिव महावीर सिंह वीर, राष्ट्रीय साहित्य मंत्री वंदना चौधरी, राष्ट्रीय प्रचार मंत्री डॉ रवि प्रकाश, राष्ट्रीय उप प्रचार मंत्री अनुराग सैनी, बिहार प्रदेश संरक्षक प्रो. डॉ. सुबोध कुमार झा, पश्चिम बंगाल प्रदेश अध्यक्ष राम नाथ बेख़बर, प्रदेश उपाध्यक्ष हीरालाल साव, उत्तराखंड प्रदेश साहित्य मंत्री आशा साहनी, मथुरा जिला सचिव फतेहपाल सिंह सारंग, गया जिला अध्यक्ष जैनेन्द्र कुमार मालवीय ने शब्दवीणा जहानाबाद जिला समिति को हार्दिक बधाइयाँ दीं।
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