Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

अस्तित्व का संघर्ष

अस्तित्व का संघर्ष

लड़ते हो समझते हो।
संघर्ष को दिखाते हो।
अस्तित्व कैसे बना रहेगा
चित्र उसका दिखाते हो।।


दौर एक सा चलता नही है।
इसलिए रुकना पड़ता है।
करके आत्म मंथन फिर से।
चलना धीरे धीरे पड़ता है।।


हँसते रोते उछल कूंदकर।
चलना सबको पड़ता है।
जीवन के इस चक्र को।
पार तो करना पड़ता है।।


एक लड़ाई लड़ना है हमको।
अस्तित्व अपना बचाने को।
इसलिए चलना पड़ सकता है।
कांटे भरे आगे के पथ पर।।


जय जिनेंद्र
संजय जैन "बीना" मुंबई


हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ