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पटना को देश का पहला डबल डेकर एलिवेटेड कॉरिडोर मिला: शहरी यातायात के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि

पटना को देश का पहला डबल डेकर एलिवेटेड कॉरिडोर मिला: शहरी यातायात के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि

पटना, 09 जून 2025।

बिहार की राजधानी पटना ने देश के शहरी बुनियादी ढांचे में एक ऐतिहासिक उपलब्धि अपने नाम कर ली है। शहर को देश का पहला टू लेन डबल डेकर एलिवेटेड कॉरिडोर प्राप्त हुआ है, जो यातायात के दबाव से जूझते एक प्रमुख शहर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है। यह एलिवेटेड कॉरिडोर गांधी मैदान से पीएमसीएच होते हुए अशोक राजपथ, साइंस कॉलेज और एनआईटी तक फैला हुआ है, जो पटना के सबसे व्यस्त मार्गों में से एक को ट्रैफिक जाम से स्थायी राहत देगा।

पटना के अशोक राजपथ, जो कि एक ऐतिहासिक और शैक्षणिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण मार्ग है, वहाँ आए दिन लगने वाले जाम, पैदल यात्रियों की समस्या और एम्बुलेंस जैसी इमरजेंसी सेवाओं को बाधित करने वाले हालात को देखते हुए इस एलिवेटेड कॉरिडोर की परिकल्पना की गई थी। इस परियोजना का मूल उद्देश्य तेज, सुगम और सुरक्षित यातायात सुनिश्चित करना है।

🔶 डबल डेकर फ्लाईओवर की विशेषताएं:

  • ऊपरी डेक की लंबाई: 2175.50 मीटर
  • रूट: कारगिल चौक से साइंस कॉलेज तक
  • इस लेन का उपयोग दो-तरफा यातायात के लिए किया जाएगा।
  • निचले डेक की लंबाई: 1449.30 मीटर
  • रूट: पटना कॉलेज से गांधी मैदान
  • इसका उपयोग एक-तरफा यातायात (साइंस कॉलेज से गांधी मैदान की दिशा) के लिए किया जाएगा।
  • निर्माण लागत: ₹422 करोड़
  • निर्माण प्रारंभ: 15 जनवरी 2022
  • निर्माण पूर्ण: 31 मई 2025

🔶 परियोजना की विशेष उपलब्धियाँ:

बिना भूमि अधिग्रहण के किया गया निर्माण – शहरी क्षेत्र में बड़े स्तर पर भूमि अधिग्रहण किए बिना किया गया यह निर्माण कार्य अपने आप में उदाहरण है।

शैक्षणिक संस्थानों को सीधा लाभ:


पीएमसीएच (Patna Medical College and Hospital)

एनआईटी पटना (National Institute of Technology)

साइंस कॉलेज और पटना कॉलेज

अब इन सभी संस्थानों तक पहुंच आसान और तेज़ होगी।


एम्बुलेंस और आपात सेवाओं के लिए वरदान: ट्रैफिक जाम से मुक्ति का मतलब है जीवन रक्षक सेवाओं का समय पर संचालन।

🔶 शहर की कनेक्टिविटी में ऐतिहासिक सुधार:

इस एलिवेटेड कॉरिडोर को गांधी मैदान से कृष्णा घाट और गंगा पथ से जोड़ा गया है, जिससे गंगा नदी के किनारे बसे इलाकों तक सीधी और निर्बाध पहुँच सुनिश्चित हुई है।

यह कॉरिडोर गायघाट, पटना सिटी और कच्ची दरगाह जैसे क्षेत्रों को भी लाभान्वित करेगा, जो पहले से ही जनसंख्या घनत्व और ट्रैफिक के बोझ से प्रभावित थे।

भविष्य में इस कॉरिडोर को पीएमसीएच की मल्टी-लेवल कार पार्किंग से भी जोड़ा जाएगा, जिससे अस्पताल आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को पार्किंग और पहुंच दोनों में सुविधा मिलेगी।

🔶 तकनीकी और पर्यावरणीय दृष्टि से अनोखा:

ऊपरी और निचले डेक पर समानांतर यातायात व्यवस्था से एक ही स्थान पर दो मंज़िलीय सड़क सुविधा उपलब्ध कराना इंजीनियरिंग का एक बेहतरीन नमूना है।

चूँकि इसके निर्माण में किसी भी प्रकार की ज़मीन अधिग्रहण की आवश्यकता नहीं पड़ी, इसलिए स्थानीय निवासियों और व्यापारियों को कोई नुकसान नहीं हुआ।

पर्यावरणीय प्रभावों को न्यूनतम रखने के लिए स्मार्ट लाइटिंग, न्यूनतम ध्वनि प्रदूषण और हरित डिजाइन को भी समावेशित किया गया है।

🔶 मुख्यमंत्री और विभागीय अधिकारियों की प्रतिक्रिया:

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने इस परियोजना को "पटना के शहरी विकास का मील का पत्थर" बताया और कहा कि यह फ्लाईओवर आने वाले समय में अन्य महानगरों के लिए एक मॉडल साबित होगा। उन्होंने निर्माण एजेंसियों, तकनीकी टीम और श्रमिकों को इस समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण कार्य के लिए बधाई दी।

🔶 नागरिकों की प्रतिक्रिया:

पटना के आम नागरिकों, छात्रों, व्यापारियों और अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टरों और कर्मचारियों ने इस नई व्यवस्था का स्वागत किया है। स्थानीय निवासी इसे "पटना का ट्रैफिक मुक्त भविष्य" कह रहे हैं।

डबल डेकर एलिवेटेड कॉरिडोर केवल एक निर्माण परियोजना नहीं है, बल्कि यह पटना की बदलती तस्वीर और शहरी विकास की दिशा में उठाया गया एक निर्णायक कदम है। इस तरह की परियोजनाएँ न केवल यातायात को सुगम बनाती हैं, बल्कि एक शहर को आधुनिक, स्मार्ट और व्यवस्थित बनाती हैं। आने वाले समय में यह कॉरिडोर पूरे देश में शहरी बुनियादी ढांचे के लिए एक आदर्श मॉडल के रूप में देखा जाएगा।

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