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बिहार में युवा आयोग की आवश्यकता पर प्रेम जी का जोर, कहा—“युवाओं के लिए नीति बने, तभी थमेगा पलायन”

बिहार में युवा आयोग की आवश्यकता पर प्रेम जी का जोर, कहा—“युवाओं के लिए नीति बने, तभी थमेगा पलायन”

पटना, 24 जून।
भारत को दुनिया का सबसे युवा देश कहा जाता है, लेकिन अगर किसी राज्य में युवाओं की स्थिति सबसे दयनीय है तो वह बिहार है। यह कहना है प्रेम यूथ फाउंडेशन के संस्थापक, गांधीवादी चिंतक प्रेम जी का, जिन्होंने आज पटना में मीडिया को संबोधित करते हुए बिहार में युवा आयोग के गठन की जोरदार माँग उठाई।

प्रेम जी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा और सम्राट चौधरी से अपील की है कि वे तत्काल प्रभाव से एक स्वायत्त युवा आयोग की स्थापना करें, जो राज्य के युवाओं की समस्याओं को समझे, समाधान सुझाए और युवाओं के समग्र विकास के लिए योजनाएँ बनाए।

युवा सबसे बड़ी शक्ति, लेकिन सबसे उपेक्षित वर्ग


प्रेम जी ने कहा कि बिहार की आबादी का बड़ा हिस्सा युवा है, लेकिन उनकी समस्याओं को लेकर न तो सरकार और न ही विपक्ष ने कभी गंभीरतापूर्वक विचार किया है। प्रदेश में शिक्षा, रोजगार, स्वरोजगार, प्रशिक्षण, कैरियर गाइडेंस और स्टार्टअप जैसी योजनाएँ कागजों पर हैं, धरातल पर नहीं।

उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में दर्जनों बोर्ड, निगम और आयोग कार्यरत हैं—महिला आयोग, अल्पसंख्यक आयोग, अनुबंधकर्मी कल्याण बोर्ड आदि। लेकिन जिस वर्ग की संख्या सबसे अधिक है और जो राज्य की ताकत बन सकता है, उस युवा वर्ग के लिए अब तक कोई युवा आयोग नहीं बनाया गया। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
पलायन की पीड़ा: “सिर्फ 15 हज़ार के लिए हज़ारों किलोमीटर दूर”

प्रेम जी ने तेलंगाना के कामारेडी क्षेत्र की एक यात्रा का अनुभव साझा करते हुए बताया कि वहां एक फार्म हाउस में उन्हें पटना और उसके आसपास के दर्जनों युवक मिले जो सुरक्षा प्रहरी के तौर पर काम कर रहे थे। जब उनसे वेतन के बारे में पूछा गया तो उनकी आँखों में आँसू थे। “मात्र ₹15,000 कमाने के लिए वे हज़ारों किलोमीटर दूर अपनों से बिछुड़कर जीवन काट रहे हैं,” प्रेम जी ने भावुक होते हुए कहा।
“बिहार प्रतिभा का भंडार है”

प्रेम यूथ फाउंडेशन के संस्थापक ने कहा कि बिहार के युवा प्रतिभा, मेहनत और ईमानदारी में अव्वल हैं। लेकिन यहाँ संरचना और अवसरों की कमी उन्हें बाहर जाने को मजबूर कर रही है। अगर बिहार में युवा आयोग का गठन होता है, तो यह न केवल उनकी समस्याओं की सुनवाई करेगा, बल्कि उनके लिए रोजगारपरक योजनाओं, कौशल प्रशिक्षण, कैरियर काउंसलिंग, और स्टार्टअप समर्थन जैसी सुविधाएँ सुनिश्चित करेगा।

जल्द राज्यपाल और मुख्यमंत्री से मिलेंगे प्रतिनिधि


प्रेम यूथ फाउंडेशन ने ऐलान किया है कि उनका एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही बिहार के राज्यपाल और मुख्यमंत्री से मुलाकात कर इस मुद्दे पर विस्तृत ज्ञापन सौंपेगा। प्रेम जी ने यह भी कहा कि अगर आवश्यक हुआ तो वे राज्यव्यापी जन जागरण अभियान भी चलाएँगे ताकि युवाओं को उनका अधिकार और पहचान दिलाई जा सके।
युवाओं की आवाज़ बन रही है प्रेम यूथ फाउंडेशन

प्रेम यूथ फाउंडेशन बीते कुछ वर्षों में बिहार के युवाओं के बीच एक सशक्त मंच के रूप में उभरा है। संस्था ने कई युवा संवाद, रोजगार शिविर, स्किल ट्रेनिंग और कैरियर काउंसलिंग सत्र आयोजित किए हैं। अब यह संस्था युवा आयोग की स्थापना को लेकर राज्यव्यापी आंदोलन की तैयारी में है।

विशेष आग्रह:
प्रेम जी ने सभी सामाजिक संगठनों, युवाओं और शिक्षाविदों से अपील की है कि वे इस माँग को समर्थन दें और बिहार के भविष्य को बचाने के इस महाअभियान में साथ आएं।

“अगर आज हम युवाओं की आवाज़ नहीं बनेंगे, तो कल यह राज्य प्रतिभा विहीन और सिर्फ पलायन का पर्याय बनकर रह जाएगा।”
– प्रेम जी, संस्थापक, प्रेम यूथ फाउंडेशन

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