महानता और आदर्श जीवन
"महानता का सत्य स्वरूप आदर्श जीवन में ही प्रकट होता है।" यह कथन केवल शब्द नहीं, बल्कि जीवन का गूढ़ सत्य है। आज की दुनिया में महान कहलाने की लालसा हर किसी को होती है, परंतु सच्ची महानता केवल पद, प्रतिष्ठा या लोकप्रियता से नहीं मापी जाती। वह तो हमारे आचरण, मूल्य, और उन आदर्शों से झलकती है जिन्हें हम जीवन में अपनाते हैं।
एक व्यक्ति चाहे जितना बड़ा ज्ञानी, धनवान या शक्तिशाली क्यों न हो, यदि उसका जीवन दूसरों के लिए प्रेरणा नहीं बनता, तो वह महान नहीं, केवल प्रसिद्ध कहलाता है। महान वे होते हैं जो अपने जीवन से समाज को दिशा देते हैं, जिनके विचार और कर्म दूसरों को नैतिकता, कर्तव्य और सत्य की ओर प्रेरित करते हैं।
अतः यदि आप महान बनना चाहते हैं, तो पहले स्वयं को एक आदर्श जीवन की राह पर चलाना होगा। क्योंकि महानता दिखावे से नहीं, बल्कि उस उजास से आती है जो हमारे चरित्र से समाज में फैलती है।
. "सनातन"
(एक सोच , प्रेरणा और संस्कार)
पंकज शर्मा (कमल सनातनी)
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com