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प्रांतीय शिशु वाटिका प्रशिक्षण वर्ग

प्रांतीय शिशु वाटिका प्रशिक्षण वर्ग

विद्या भारती, दक्षिण बिहार के तत्वावधान में आयोजित प्रांतीय शिशु वाटिका प्रशिक्षण वर्ग के तृतीय दिवस का शुभारंभ अग्निहोत्रम कार्यक्रम से हुआ, जिसमें वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हवन का कार्यक्रम संपन्न हुआ।
प्रथम सत्र में "अभिभावक सह शिशु प्रशिक्षण" विषय पर श्रीमती अनीता सिन्हा जी ने चर्चा की। उन्होंने क्रिया आधारित शिक्षा पर जोर देते हुए बच्चों और अभिभावकों के साथ क्रियाकलापों की शानदार प्रस्तुति की। इस सत्र का अवलोकन क्षेत्रीय संगठन मंत्री श्रीमान ख्याली राम जी, प्रदेश सचिव श्रीमान प्रदीप कुमार कुशवाहा जी और जिला निरीक्षक विनोद कुमार एवं वीरेंद्र कुमार ने किया।
द्वितीय सत्र में श्रीमती मंजू श्रीवास्तव, क्षेत्रीय शिशु वाटिका प्रमुख ने "शिशु शिक्षा में अभिभावक प्रबोधन का महत्व" विषय पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि विद्यालय में अभिभावक शिक्षा की आवश्यकता है और कक्षा के क्रियाकलापों को अभिभावकों को दिखलाने से कार्य में गतिशीलता आएगी। इस प्रयास से शिशु वाटिका को और भी प्रभावी बनाया जा सकता है।
तृतीय सत्र में उ०पू० क्षेत्र के क्षेत्रीय संगठन मंत्री श्रीमान ख्याली राम जी का स्वागत एवं सम्मान आनन्दराम ढांढनियाँ सरस्वती विद्या मंदिर भागलपुर के प्रधानाचार्य श्रीमान सुमंत कुमार जी ने उन्हें अंग वस्त्र एवं पुष्प गुच्छ भेंट कर किया। संगठन मंत्री श्रीमान ख्याली राम जी ने "शिशु वाटिका की दशा एवं दिशा " विषय पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि बालकों में झिझक दूर करने के लिए आचार्य एवं दीदी जी का स्वयं का झिझक समाप्त होनी चाहिए, बालकों को अंक के लिए ना पढ़कर ज्ञान कैसे विकसित हो इस पर ध्यान देनी चाहिए। आचार्य जी दीदी जी के पास अध्यापन हेतु पर्याप्त पाठ सामग्री होनी चाहिए। प्रत्येक पलक को समझने का प्रयास और नवीन अनुसंधान के लिए तत्परता होनी चाहिए। उन्हें छोटे-छोटे संस्कार युक्त कहानी कविता सुनानी चाहिए। कम समय का कालांश की व्यवस्था के साथ ही साथ अभिभावक प्रबोधन कार्यक्रम को जीवंत कर उन्हें विद्यालय से जोड़ने का प्रयास की जानी चाहिए।
चतुर्थ सत्र अनामिका स्वराज जी का "विज्ञान कार्यशाला" पर हुआ जिसमे वैज्ञानिक तरीके से बालकों के बीच विषय का प्रतिपादन कैसे हो इस पर विस्तार से चर्चा की।पंचम सत्र समीक्षात्मक का रहा जिसमें दिनभर की क्रियाकलापों की समीक्षा की गई। उक्त अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य श्रीमान सुमंत कुमार जी की सक्रिय सहभागिता रही।
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