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पिता

पिता

पिता न अमीर है,न गरीब।
पिता रचयिता है मेरे अस्तित्व का।
पिता होना एक जिम्मेदारी का एहसास है।
उनका होना जिंदगी जीने का एहसास है ।
फिर जो भी आपके पास है, पिता की सौगात है।
वो हमेशा आपकी भावनाओं के साथ है।
आपको कुछ भी चाहिए, आपको बोलने आता हो या नहीं।
जो भी चाहिए, उससे आप अवगत भी है ,या नही।
कोई फर्क नही पड़ता।
वो चीज जल्दी से आपकी शान में पेश की जाती है।
ये होते हैं पिता।
पिता के साथ चलती है बच्चों की रंग और उमंग से भरी दुनिया।
पिता का प्यार आपकी किस्मत है।
सौभाग्य है, सफलता है, आपकी स्वप्निल पंखों की उड़ान हैं पिता।
पिता से आपकी खुशियों को लगते हैं पंख।
आपकी सारी बाधाएं पलक झपकते दूर करते हैं पिता
ईश्वरीय एहसास हैं पिता।
पिता हैं सदा के लिए।
तुम्हारी आंखों में तुम्हे आनंदित होने के लिए सदा झांकते रहते हैं पिता।
तुम्हारी धड़कनों में ही तो जीवित हैं पिता।
इस धरती पर आशीर्वाद की बारिश करने वाले हैं पिता।
जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी।
यह गारंटी है एक पिता की।
क्योंकि पिता हैं सदा के लिए।
#डॉ.अंकेश कुमार
पटना, बिहारपिता दिवस
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