महिला स्वास्थ्य ही परिवार स्वास्थ्य
जहानाबाद । अंतर्राष्ट्रीय महिला स्वास्थ्य दिवस पर साहित्यकार व इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि महिलाएं स्वस्थ्य होने से परिवार स्वास्थ्य रहता है । प्रत्येक वर्ष 28 मई को महिलाओं के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्य देशों में अनेक कार्यक्रम आयोजित कर महिलाओं के स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता फैलाने का प्रयास करते है। महिला स्वास्थ्य दिवस का प्रारम्भ 28 अप्रैल 1908 ई. से प्रारम्भ कर महिलाओं के स्वास्थ्य को संरक्षित करने के लिए चुना गया था। अमेरिकी स्वास्थ्य और जनसंचार विभाग ने महिला स्वास्थ्य दिवस के रूप में मान्यता दी थी। महिलाओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को संरक्षित करने के लिए जागरूकता फैलाने का महिलाओं को स्वस्थ जीवन जीने के लिए सही तरीके से खुद की देखभाल करने में मदद करती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 1992 ई. में महिला स्वास्थ्य दिवस को प्रारम्भ विश्व में किया है। विश्व में महिलाओं के स्वास्थ्य को संरक्षित करने वाले उपायों पर जागरूकता फैलाने का महत्वपूर्ण माध्यम बन गया है। महिलाओं के स्वास्थ्य से संबंधित देशों में, महिलाओं को स्वास्थ्य की जांच कराने के लिए मुफ्त स्क्रीनिंग कैंप, ब्लड टेस्ट, वैक्सीनेशन कैंप और आरोग्य सम्बंधित शिविरों का आयोजन किया जाता है। और इस दिन महिलाओं के लिए स्वास्थ्य से संबंधित संदेश और विवरण साझा किया जाता है । महिला स्वास्थ्य दिवस में महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी के लिए गर्भावस्था देखभाल, मासिक धर्म, प्रजनन विवरण और अन्य संबंधित जानकारी मिलत्ती है । स्वंर्णिम कला केंद्र की अध्यक्षा उषा किरण श्रीवास्तव ने कहा कि महिलाओं की स्वस्थ होने से परिवार और समाज का विकास संभव है ।
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