सड़क पर नमाज

सड़क पर नमाज

---: भारतका एक ब्राह्मण.
संजय कुमार मिश्र 'अणु'
----------------------------------------
पहले जो लोग
सड़कों पर निकलकर
करते थें दंगे मारकर पत्थर
और वही अब
पढ़ने लगा है सब
बीच सड़कों पर नमाज
कि फिर मुझे लड़ने का
मिल जायेगा मौका
जो कोई जतायेगा एतराज
अरे एक बात बताओ
जब बनी हुई है यहां पर
इतने मस्ज़िद और मदरसे
फिर नमाज सड़क पर क्यों
जरा बताओ तो ले वास्ता रब से
एकदम सच-सच आज
तेरी हरेक हरकत
अब लगने लगी है साजिश
जो जन भावनाओं को भड़काकर
साधना चाहते हो रंजिश
बुनियाद में बगावत है
ये तेरा अल्फाज़
जब मानते हो तुम
अपना देश और संविधान
फिर जन जीवन के बीच
क्यों खड़ा कर रहे हो तूफान
इसमें में भी छुपा है कुछ राज
तुम नहीं सुधर सकते
ये सबको मालूम है
कि यहां कौन कुत्ते की दुम है
और देश के लिए कोढ़ की खाज
कुछ सिरफिरे लोग
मिले हैं भटके लोगों के साथ
तैयार होकर आ गया है वो
करने को दो दो हाथ
कि आवाज दो आवाज
जिसे करना है सियासत
वही बो रहा है नफरत
पाने को ताज
ये वामी और कामी
छुपा रहा है उसकी नाकामी
सब समझ रहा है देश
है कौन गद्दार अरे हरामी
और कौन पक्का दगाबाज
क्या कुछ बताओगे आज
क्या जरुरी है सड़क पर पढ़ना नमाज
---------------------------------------- वलिदाद,अरवल,(बिहार)८०४४०२.
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ