बात करते जिन्दगी का सफर पूरा हो!

बात करते जिन्दगी का सफर पूरा हो!

डॉ. मेधाव्रत शर्मा, डी•लिट•
(पूर्व यू.प्रोफेसर)
बात करते जिन्दगी का सफर पूरा हो!
लौट कर फिर आयँगे हम ,
प्रभा होगी, हटेगा तम ,
अनुशय नहीं किंचित् अगर सपना अधूरा हो।
विरह-मिलन यह परिभ्रमण,
संसार है गमनागमन ,
ग्राह्य है, पीयूष हो चाहे धतूरा हो ।
हास्य हो ,चाहे रुदन हो,
भवन हो या वन विजन हो , दिन सभी के फिरा करते भले घूरा हो।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ