कुछ एहसास

कुछ एहसास

कुछ एहसास सिर्फ महसूस किए जाते हैं,
कुछ एहसास जो कभी लिखे नहीं जाते।


वो एहसास जो दिल की गहराई में बसते हैं,
वो एहसास जो शब्दों से बयान नहीं होते।


वो एहसास जो आंखों में झलकते हैं,
वो एहसास जो चेहरे पर उभरते हैं।


वो एहसास जो तन-बदन में दौड़ते हैं,
वो एहसास जो आत्मा को छूते हैं।


वो एहसास जो रिश्ते को मजबूत करते हैं,
वो एहसास जो जीवन को सार्थक करते हैं।


वो एहसास जो सपने को साकार करते हैं,
वो एहसास जो की उम्मीद को जगाते हैं।


तो आओ, इन एहसासों को महसूस करें,
'कमल' इन एहसासों का हर पल जी लें।


स्वरचित, मौलिक एवं पूर्व प्रकाशित पंकज शर्मा (कमल सनातनी)
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