महामना मालवीय जी एवं बाजपेयी जी का व्यक्तित्व कृतित्व वरेण्य और अनुकरणीय है :-डॉक्टर विवेकानंद मिश्र

महामना मालवीय जी एवं बाजपेयी जी का व्यक्तित्व कृतित्व वरेण्य और अनुकरणीय है :-डॉक्टर विवेकानंद मिश्र

गया। स्थानीय डॉक्टर विवेकानंद पथ गोल बगीचा स्थित आयुर्वेद चिकित्सा भवन में भारतीय राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा एवं कौटिल्य मंच के तत्वावधान में महामना पंडित मदनमोहन मालवीय एवं अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती समारोह पूर्वक मनाई गई। समारोह का शुभारंभ विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े कौटिल्य मंच एवं भारतीय राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर विवेकानंद मिश्र ने किया। समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंन कहा कि देश के संत्रस्त जनजीवन को शिक्षा, संस्कार , न्याय और रचनात्मक विचारों से संजीवनी देने वाले महामना पं. मदन मोहन मालवीय जी का व्यक्तित्व और कृतित्व विराट है। राजनीतिक मंच से जनतंत्र को नई दिशा देकर आलोकित करने वाले भारतरत्न अटलबिहारी बाजपेयी जी का कालजयी व्यक्तित्व और कृतित्व प्रेरणास्रोत है। आपके प्रेरक वाक्य वरेण्य और अनुकरणीय हैं।
मंच एवं महासभा के संरक्षक सम्मानित साहित्यकार आचार्य राधामोहन मिश्रा माधव ने कहा कि अविद्याग्रस्त समाज के स्वाभिमान को जागृत करने और जनमानस को भारतीय संस्कृति और आधुनिक विश्व के परिप्रेक्ष्य में दिशा प्रदान करने के लिए महामना मालवीय ने महान शिक्षा संस्थान की परिकल्पना को साकार कर किया। वे महामना थे। अटल जी अपने नाम के अनुरूप राष्ट्र की भावनाओं पर अटल रहते हुए मध्यम मार्गी राजनीति की दिशा दिखायी।
मौके पर साहित्य महापरिषद के अध्यक्ष प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ राम सिहासन सिंह ने कहा कि महामना एवं अटलबिहारी वाजपेई भारतीय सभ्यता संस्कृति और राष्ट्रवाद के प्रवक्ता थे ।
ज्योतिष शिक्षा एवं शोध संस्थान के निदेशक डॉक्टर ज्ञानेश भारद्वाज ने कहा कि महामना मालवीय जी शिक्षा के पुरोधा पुरुष थे। उन्होंने अपनी त्याग- तपस्या, कर्माठता एवं ईमानदारीसे काशी हिन्दू विश्वविद्यालय को विश्व इतिहास में प्रतिष्ठित कर राष्ट्र को गौरवान्वित किया।
प्रमुख व्यवसायी शिवचरण डालमिया ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेई राजनीति के क्षेत्र में नव उदारवादी दृष्टिकोण के लिए स्मरणीय रहेंगे।
कौटिल्य मंच एवं भारतीय राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा के वरिष्ठ पदाधिकारी आचार्य अभय पाठक ने अपने संबोधन में कहां मालवीय जी एवं बाजपेई जी आजीवन शोषित ,पीड़ित, उपेक्षित जनों के प्रवक्ता रहे हैं।
प्रसिद्ध समाज सेवी सिद्धनाथ मिश्रा ने कहा कि महामना का व्यक्तित्व शिक्षा-क्षेत्र में और वाजपेयी का व्यक्तित्व राजनीतिक क्षेत्र में विराट है।
डा किरण पाठक ने कहा कि महामना एवं बाजपेयी जी के व्यक्तित्व में एक मर्यादित, व्यवस्थित आदर्श जीवन का दिग्दर्शन होता है।
वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेंद्र कुमार पाठक एवं राजीव नारायण पांडेय ने कहा कि मालवीय एवं बाजपेई जी का जीवन युग- युग तक मानवता का स्रोत बना रहेगा।
समारोह की अध्यक्षता कर रहे मगध विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष रहे ख्याति प्राप्त शिक्षाविद प्रोफेसर उमेश चंद्र मिश्र शिव ने कहा कि अपनी संस्कृति, शिक्षा एवं अपने राष्ट्र के प्रति हमेशा सजग, सचेत रहने की प्रेरणा देते हुए दोनों महापुरुषों ने अपने संपूर्ण जीवन को राष्ट्रहित में समाहित कर दिया है।

जिन्होंने अपने विचार व्यक्त किए उनमें प्रमुख हैं --डॉक्टर मंटू मिश्रा, शंभू गिरि दीपक पाठक अधिवक्ता नीरज वर्मा अभिषेक जी कंचन पाठक रुकमणी पाठक डॉक्टर मृदुला मिश्रा मोहम्मद सद्दाम कुमारी गुड़िया ठाकुर हनयां प्रो. रीना सिंह विश्वजीत चक्रवर्ती तरन्नुम तारा नुसरत जहां रेशमा परवीन पूजा कुमारी तारा अर्चना बनर्जी पियूषा गुप्ता नीलम कुमारी संगीता कुमारी कविता रावत प्रियंका मिश्रा अपर्णा मिश्रा नेहा कुमारी प्रेमलता रूबी देवी पवन मिश्रा गीता देवी रंजीत पाठक पुष्पा गुप्ता। इनके अलावा बड़ी संख्या में लोगों ने महामना बाजपेई जी की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
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