पूर्व सैनिको ने लिया गौ रक्षा का संकल्प |

पूर्व सैनिको ने लिया गौ रक्षा का संकल्प |

पटना के ग्रामीण क्षेत्र के आशोपुर में सेवानिवृत्त सैनिक परिवार द्वारा पहल किया गया.सुबेदार त्रिभुवन तीसरी जी
धर्मपत्नी श्रीमती फुलझारो देवी. सुबेदार उत्तम तीसरी जी माताजी- ब्रिज कुमारी देवी जी. हवादार शेष नाथ पाठक (सेवानिवृत्त SBI) संग पत्नि. श्री मुकेश कुमार तिवारी जी. नायक संजय कुमार पाण्डेय SBI (पर्यावरण का प्रहरी ) ने गौ दान , गौ पूजन एवं रक्षा का संकल्प लिया |
नायक संजय कुमार पाण्डेय ने बतायाकि भारत की आत्मा भारत की संस्कृति है और भारत की संस्कृति का आधार गाय ही है | हर वर्ग का अनुष्ठान और हर यज्ञ का अनुष्ठान गौमाता पर ही केंद्रित रहता है गाय की महत्ता पर कितने ही शास्त्र लिखे जा चुके है और कितने ही शास्त्रों का निर्माण भविष्य करेगा तो भी गौ की महत्ता की सम्पूर्णता उल्लेखित न हो सकेगी क्योंकि अगणित गुण, अगणित लाभ और अगणित भावों का लहलहाता हुआ समुद्र है गाय |इसलिए मेरे गोभक्त साथियों ये वही भारत भूमि है जिस पर महर्षि विश्वामित्र भगवान राम को हथेली पर गंगा जल की जगह गौमूत्र रख कर प्रतिज्ञा दिलाते है और राम प्रतिज्ञा करते है - मै राम ये प्रतिज्ञा करता हूँ की जब तक यज्ञ को विध्वंस करने वाले और गाय के हत्यारों का विनाश न कर दूंगा तब तक वापिस अयोध्या न लौटूंगा और इतिहास साक्षी है भगवान राम ने 14 हजार राक्षसों का उस समय विनाश किया था |

उसके बाद भगवान कृष्ण ने स्वयं जीवन पर्यन्त गौसेवा की | सारा बचपन गायों के परिवेश में जीया|ये भारत उसी राम और कृष्ण की धरती है गौ भक्त साथियो जिस पर आज फिर गौमाता पर संकट आया | हर तरफ राक्षसों की भीड़ गौमाता पर टूट पड़ी है आज फिर भारत माता गौमाता की करुण क्रन्दन से कंपकपा है | इस पवित्र मिट्टी पर जहाँ गाय का गोबर और मूत्र गिर कर खाद रूप हो मिट्टी में मिलना चाहिये था आज उसी पवित्र मिट्टी में गाय की गर्म - गर्म रक्त धारा बह- बह करके मिल रही है | जो गौ हमारे पूर्वजों की पूज्या थी आज उसी पूज्या गौमाता की कटी हुई हड्डियां हम हिन्दुओं की ठोकरों में है | मेरे गौभक्त मित्रों क्या आज फिर गौ रक्षा के लिए गौमूत्र हाथ में लेकर संकल्प करने का समय नही आ गया? क्यों वीर शिवाजी की तरह हमारी तलवारें गौरक्षा के लिय पापियों के हाथों को नही काटना चाहिए? क्यों हमारी आखों में गौ हत्यारों के लिय खून नही उतरता| गौ भक्तों तुम अपना गांडीव तो उठाओ तुम्हे कृष्ण गोपाल की शंख ध्वनि भी सुनाई देगी , तुम अपने गाण्डीव पर अग्निबाण तो खींचों तुम्हे केशव के सुदर्शन के चक्र की गर्जना भी सुनाई देगी | जागोगे तो विजय निश्चित है |

हे गौभक्तों सत्ता और शासकों के भरोसे मत बैठो | सत्ताएं स्वार्थी होती है वे केवल शक्ति की ही भाषा समझती है | अगर संगठित होकर हमने शक्ति प्रदर्शन किया तो सत्ता भी हमारी ठोकर में होगी | हमें अगर राष्ट्र और अपनी संस्कृति को बचाना है तो वेद की आज्ञा का पालन करना होगा |
वेद कहता है - अगर कोई दुष्ट गाय की हत्या करे तो उसे कठोरतम सजा देना चाहिए |
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