Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

बहुत ही मार खाया था

बहुत ही मार खाया था

जवानी में मेरा जवाँ दिल
एक लड़की पर आया था
परी सरीखी थी वह सुंदर
जिस पर मन हर्षाया था।
जवानी में मेरा...I
ले जाता था नित्य दिन बाजार
उसे खूब धमाया था
कभी खिलाया चौमीन,चाट
कभी पानी पुरी खिलाया था।
जवानी में मेरा...I
एक दिन थी वह बड़ी मुड में
उस दिन उसे गुलाब थमाया था
जैसे ही किया इजहार प्यार का
उससे खूब मार खाया था।
जवानी में मेरा...I
बोली,कैसे हुई हिम्मत तुम्हारी
हमसे प्यार जताने की
तुम्हारे जैसे हैं हजारों चाहने वाले
क्या समझ नहीं आया था।
जवानी में मेरा...I
हुई थी दिमाग की बती गुल
कुछ समझ नहीं आया था
आया था सीधा धर वापस
फिर डॉक्टर से दिखलाया था।
जवानी में मेरा...I
कहाँ-कहाँ पर दर्द था हमको
किसी को नहीं बताया था
खायी थी किसी लड़की से मार
यह सबसे मैं छिपाया था।
जवानी में मेरा...I
वर्षों बाद वह मिली सड़क पर
सच्चा प्यार उसे अब समझ में आया था
पैरों में गिरकर मांगी थी माफी
सब समझ में मुझे आया था।
जवानी में मेरा...I
अब तो काफी देर हो गई प्रिये
मैंने अपना घर तो बसा लिया
आये थे उसकी आँखों में भी आँसू
मेरा भी दिल भर आया था।
जवानी में मेरा...I
------0------ 
अरविन्द अकेला,
पूर्वी रामकृष्ण नगर, पटना-27
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ