लाल बहादुर शास्त्री और महात्मा गांधी को याद किया जीकेसी

लाल बहादुर शास्त्री और महात्मा गांधी को याद किया जीकेसी

दिव्य रश्मि संवाददाता जितेन्द्र कुमार सिन्हा की खबर |
लाल बहादुर शास्त्री और महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर पटना के नागेश्वर कॉलोनी स्थित रॉयल गार्डन अपार्टमेंट में जीकेसी (ग्लोबल कायस्थ कान्फ्रेंस) ने सोमवार को जयंती मनाई। उक्त जानकारी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह बिहार प्रदेश अध्यक्ष दीपक अभिषेक ने दी।

राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह बिहार प्रदेश अध्यक्ष दीपक अभिषेक ने बताया कि ने लाल बहादुर शास्त्री को याद करते हुए ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि भारत की क्रांति के प्रमुख नेताओं में से एक थे। भारत के दूसरे प्रधानमंत्री बने थे। उनका पूरा जीवन सादगी और अनुशासन के साथ बिता था। इन्हें लोग, देश प्रेम और त्याग के रूप में याद करते हैं। उन्होंने कहा कि शास्त्री जी देश को अनेको प्रेरक अनमोल विचार दिये हैं जिससे हम लोगों को प्रेरणा लेनी चाहिए। शास्त्री जी ने कहा था कि हमारी ताकत और स्थिरता के लिए हमारे सामने जो जरूरी काम है इसमें, लोगों में एकता और एकजुटता स्थापित करने से बढ़ कर कोई काम नहीं है, अगर हम समस्या को गंभीरता से और दृढ़ संकल्प के साथ नहीं निभाते हैं तो हम अपने कर्तव्य में असफल होंगे।
ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने महात्मा गांधी और लालबहादुर शास्त्री के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि व्यक्ति अपने विचारों के सिवाय कुछ नही है। कमजोर कभी क्षमाशील नहीं हो सकता है, क्षमाशीलता ताकतवर की निशानी है। उन्होंने कहा कि गांधी जी कहते थे कि गौरव लक्ष्य पाने के लिए कोशिश करने में है, न कि लक्ष्य तक पहुँचने में।

उक्तअवसर पर प्रबंध न्यासी रागनी रंजन ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री जी ने देश को ‘‘जय जवान जय किसान’’ का नारा देकर लोगों को एक रहने और देशभक्त बनने का सुझाव दिया था। उनके कार्यशैली देश और समाज के प्रति समर्पित था। उन्होंने अपनी सादगी जीवन में रहकर देश की सेवा और समाज की सेवा कैसे किया जा सकता है, उसका मार्ग प्रशस्त किया था। हम लोगों को उनके द्वारा दर्शाये मार्गदर्शन पर अमल करने की आवश्यकता है।

उक्त अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष - सह - बिहार प्रदेश अध्यक्ष दीपक अभिषेक ने कहा कि 02 अक्टूबर का दिन देश के लिए काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसी दिन भारत देश के दो गौरवशाली महान रत्न का जन्म हुआ। वह रत्न है भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और भारत माता के लाल, लाल बहादुर शास्त्री।उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की यह जयंती 154वीं और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती 119वीं है। महापुरुषों के विचार सदैव हमें सत्य की ओर ले जाने वाला होता है, बापू ने कहा था कि स्वास्थ्य ही असली संपत्ति है, न कि सोना और चांदी। उसी प्रकार लाल बहादुर शास्त्री ने कहा था कि सच्चा लोकतंत्र या जनता का स्वराज कभी भी असत्य और हिंसा के माध्यम से नहीं आ सकता है।

वरिष्ठ उपाध्यक्ष निलेश रंजन ने पुष्प अर्पित करते हुए कहा कि महात्मा गांधी के अनमोल विचार आज भी हम सभी लोगों को एक नया मार्ग दिखाता है और हमारी आंखें खोलती हैं। वहीं लाल बहादुर शास्त्री जी ने आजादी के बाद कई महत्वपूर्ण राजनीतिक पदों पर ईमानदारी और कर्तव्य निष्ठा के साथ काम किए थे। इसलिए उनकी पहचान सादगी, ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ का रहा था और इसके कायल आज भी लोग हैं।

पटना जिला अध्यक्ष सुशील श्रीवास्तव ने कहा कि महापुरुषों के सुविचार सदैव हमें सत्य की ओर ले जाने वाले होते हैं और अज्ञान से ज्ञान एवं अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते हैं। उन्होंने कहा कि बापू ने कहा था कि हम जो करते हैं और हम जो कर सकते हैं, इसके बीच का अंतर दुनिया की ज्यादातर समस्याओं के समाधान के लिए पर्याप्त होगा। वहीं लाल बहादुर शास्त्री ने कहा था कि हम सभी को अपने अपने क्षत्रों में समर्पण, उत्साह, और संकल्प के साथ काम करना चाहिए जिस प्रकार रणभूमि में एक योद्धा को प्रेरित और उत्साहित करती है। यह सिर्फ बोलना नहीं है, बल्कि वास्तविकता में कर के दिखाना होगा।

पटना जिला महासचिव धनंजय प्रसाद ने कहा कि 02 अक्तूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में जन्मे लाल बहादुर शास्त्री जी, जिनके माता रामदुलारी देवी और पिता शारदा प्रसाद श्रीवास्तव जो पेशे से शिक्षक थे। शास्त्री जी के डेढ़ वर्ष की अवस्था में ही पिता का साया छीन गया था। संघर्षरत जीवन जीते हुए वे देश के दूसरे प्रधानमंत्री के रूप में 1964 से 1966 तक मात्र 18 महीने ही रहे, क्योंकि अचानक ताशकंद में 11 जनवरी 1966 को असामयिक निधन हो गया था। आज उनकी जयंती पर उन्हें याद करते हुए उनके बताये रास्ते का अनुसरण करने की आवश्यकता है।उनका व्यक्तित्व सदा जीवन, सरल स्वभाव, देश भक्ति और ईमानदारी थी।
उक्त अवसर पर पुष्प अर्पित करने वालों में, कार्यकारी अध्यक्ष (विधि प्रकोष्ठ) डॉ प्रियदर्शी हर्षवर्धन, उपाध्यक्ष आलोक वर्मा, अध्यक्ष सीसीए पुरुषोत्तम नारायण गोपाल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष (कला संस्कृति) अनिल कुमार दास, संगठन मंत्री बलराम श्रीवास्तव, राष्ट्रीय सचिव दिलीप कुमार सिन्हा, राष्ट्रीय सचिव (कला संस्कृति) दीप श्रेष्ठ, प्रदेश उपाध्यक्ष रवि शंकर प्रसाद सिन्हा, प्रदेश प्रवक्ता मुकेश महान, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष (मीडिया) जितेन्द्र कुमार सिन्हा, सामाजिक कार्यकर्ता वरुण कुमार सिन्हा, सहित डब्लू श्रीवास्तव, कुमार अभिषेक, रवीन्द्र किशोर, सुधा श्री शामिल थे।
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