आम फलों का राजा
आम फलों का राजा ,मीठा मीठा लो ताजा ।
मधुर प्यारे पीले आम ,
हमें खरीदकर खा जा ।।
छोटे में मुझे सूखाओ ,
सुखाकर बना खटाई ।
चाहे तू चटनी बनाओ ,
या दाल में डाल भाई ।।
बड़े में हैं चटनी पीसते ,
या बनाते खूब अंचार ।
चटक मटक खाते खूब ,
अंचार से करते प्यार ।।
दिखूं जो वृक्ष पे पीला ,
मुझे तोड़ घर पकाओ ।
घर में दूखो मुझे पीला ,
मुझे निकालकर खाओ ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )बिहार ।
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