ममता की मूरत है माँ

ममता की मूरत है माँ

सत्येंद्र कुमार पाठक 
सनातन धर्म ग्रंथों एवं विभिन्न ग्रंथों में मां का महत्वपूर्ण स्थान है । स्कन्द पुराण 6 .130-104 के अनुसार नास्ति मातृसमा छाया नास्ति मातृसमा गति । नास्ति मातृसमं ट्रांम नास्ति मतृसमा प्रपा ।। अर्थात माता के समान छाया नहीं आश्रय नहीं , सुरक्षा नही ,और माता के समान विश्व में कोई जीवन दाता नहीं है । इंग्लैण्ड का ईसाई समुदाय ईशु की माँ मदर मेरी को सम्मानित करने का प्रारंभ 16वी सदी में हुई थी । प्रत्येक वर्ष मई माह के दूसरे रविवार को इंटरनेशनल मदर्स डे व विश्व मातृदिवस मनाया जाता है। यूनान में बसंत ऋतु के आगमन पर रिहा परमेश्वर की माँ को सम्मानित करने के लिए मातृ दिवस मनाया जाता था । 'मदर्स डे' मनाने का मूल कारण समस्त माताओ को सम्मान देना और शिशु के उत्थान में माताओं की महान् भूमिका को याद करना है। अमरीकी राष्ट्रपति वूडरो विलसन ने 8 मई, 1914 और 8 मई, 1914 में अन्ना की कठिन मेहनत के बाद तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाने और माँ के सम्मान में एक दिन के अवकाश की सार्वजनिक घोषणा की थी । मदर्स डे का प्रारंभ अमेरिका को कवयित्री और लेखिका जूलिया वार्ड होव ने 1870 में 10 मई को माँ को समर्पित करते हुए रचनाएँ लिखीं थी । अमेरिका में मातृ दिवस (मदर्स डे) पर राष्ट्रीय अवकाश होता है। मां के संबंध में शस्त्रों में उल्लेख किया गया है कि पृथिव्यां पुत्रास्ते जननि बहवः सन्ति सरलाः , परं तेषां मध्ये विरलतरलोऽहं तव सुतः। मदीयोऽयं त्यागः समुचितमिदं नो तव शिवे , कुपुत्रो जायेत क्वचिदपि कुमाता न भवति ।। अर्थात : पृथ्वी पर जितने भी पुत्रों की माँ हैं, वह अत्यंत सरल रूप में हैं। कहने का मतलब कि माँ एकदम से सहज रूप में होती हैं। वे अपने पुत्रों पर शीघ्रता से प्रसन्न हो जाती हैं। वह अपनी समस्त खुशियां पुत्रों के लिए त्याग देती हैं, क्योंकि पुत्र कुपुत्र हो सकता है, लेकिन माता कुमाता नहीं होती है। पश्चिम में स्थित अर्बुदांचल की मातृ जीवंत संस्कृति है । विभिन्न देशों में मातृ दिवस को भिन्न भिन्न तारीख पर मनाया जाता है। ब्रिटेन में मार्च के चौथे रविवार को मदर्स डे , ग्रीस में 2 फ़रवरी , बोलीविया में मदर्स डे 27 मई, 1812 की क्रांति दिवस व स्पेन की सेना ने बॉलीविन में आजादी के लड़ने वाली महिलाओं की नृसंश हत्या कर दी थी। साहसी महिलाओं को सम्मान के लिए मदर्स डे मनाया जाता है कहानी है। मदर्स डे ग्राफटन वेस्ट वर्जिनिया में एना जॉर्विस ने माताओं और मातृत्व को सम्मान देने के लिए आरंभ किया गया था। मां के प्रति सम्मान यानी मां की पूजा का रिवाज पुराने ग्रीस से आरंभ हुआ है। स्य्बेले ग्रीक देवताओं की मां के सम्मान में यह दिन मनाया जाता था। एशिया माइनर के आस-पास और साथ ही साथ रोम में भी वसंत के आस-पास इदेस ऑफ मार्च 15 मार्च से 18 मार्च तक मनाया जाता था। यूरोप और ब्रिटेन में मां के प्रति सम्मान दर्शाने के लिए मदरिंग संडे परंपराएं रविवार को मातृत्व और माताओं को सम्मानित किया जाता था। मदरिंग संडे फेस्टिवल, लितुर्गिकल कैलेंडर का कैथोलिक कैलेंडर में लेतारे संडे, लेंट में चौथे रविवार को वर्जिन मेरी और 'मदर चर्च' को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता हैं। अमेरिका में सर्वप्रथम मदर डे प्रोक्लॉमेशन जुलिया वॉर्ड होवे द्वारा मनाया गया था। होवे द्वारा 1870 में रचित "मदर डे प्रोक्लामेशन" में अमेरिकन सिविल युद्घ में हुई मारकाट संबंधी शांतिवादी प्रतिक्रिया लिखी गई थी। एना जॉर्विस ने सेकंड संडे इन मई फॉर 'मदर्स डे' को ट्रेडमार्क 1912 ई. में मदर डे इंटरनेशनल एसोसिएशन का गठन किया है । लेंट में मदरिंग संडे, ब्रिटिश कैलेंडर के चौथे संडे के रूप में और मई के दूसरे संडे एवं चीन में मातृ दिवस लोकप्रिय है ।जापान में मातृ दिवस शोवा अवधि के दौरान सम्राट अकिहितो की मां महारानी कोजुन के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता था। थाईलैंड में मातृत्व दिवस थाइलैंड की रानी के जन्मदिन और भारत में कस्तुरबा गांधी के सम्मान में मनाए जाते हैं । कैथोलिक देशों में वर्जिन मैरी डे और इस्लामिक देशों में पैगंबर मुहम्मद की बेटी फातिमा के जन्मदिन मातृदिवस मनाते हैं । ममता की मूरत माँ है ।
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