'द केरला स्टोरी : प्रतिबंध फिल्म पर अथवा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर ?’ विषय पर विशेष संवाद !

'द केरला स्टोरी : प्रतिबंध फिल्म पर अथवा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर ?’ विषय पर विशेष संवाद !

  • ‘लव जिहाद’ के विषय में हिन्दुओं के जागृत होने के भय से ‘द केरला स्टोरी’ फिल्म का विरोध ! - अधिवक्ता मणि मित्तल
‘लव जिहाद’ जैसे संवेदनशील विषय पर ‘द केरला स्टोरी’ फिल्म बनानेवाले निर्माता तथा निर्देशक का अभिनंदन किया जाना चाहिए । पश्चिम बंगाल एवं तमिलनाडु की सरकारों ने ‘द केरला स्टोरी’ पर प्रतिबंध लगाया है । वामपंथियों तथा मुसलमानों का तुष्टीकरण करनेवाले इन राज्यों को न्यायालय द्वारा इस विषय में फटकारने पर भी उन्होंने हिन्दुओं की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को ठेस पहुंचाई है । इन राज्यों में भले ही इस फिल्म पर प्रतिबंध लगा दिया गया हो; परंतु अब केवल भारत में ही नहीं, अपितु विदेशों में भी अनेक देशों में यह फिल्म प्रदर्शित हुई है तथा वहां के दर्शकों का उन्हें प्रचुर मात्रा में समर्थन मिल रहा है । अब ‘लव जिहाद’ करने वाले लोगों की पोल खुल गई है तथा ‘द केरला स्टोरी’ जैसी फिल्में देखकर हिन्दू जागृत हो जाएंगे; इस भय से ‘द केरला स्टोरी’ का विरोध किया जा रहा है । सर्वोच्च न्यायालय की अधिवक्ता मणि मित्तल ने ऐसा प्रतिपादित किया । वे हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से आयोजित ‘द केरला स्टोरी : प्रतिबंध फिल्म पर अथवा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर ? विषय पर आयोजित ऑनलाइन ‘विशेष संवाद’ में बोल रही थीं । अधिवक्ता मणि मित्तल ने आगे कहा कि वास्तव में देखा जाए, तो ‘द केरला स्टोरी’ फिल्म में ‘लव जिहाद’ के विषय में थोडा सा ही दिखाया गया है, वास्तविकता तो बहुत भयानक है । हिन्दुओं की भावनाएं आहत करनेवाली ‘ओ माई गॉड’, ‘पीके’ जैसी अनेक फिल्में प्रदर्शित हुईं, साथ ही ‘आश्रम’ जैसी वेबसीरिज से हिन्दू धर्म एवं ऋषि-मुनियों को अपमानित किया गया । आज ‘द केरला स्टोरी’ का विरोध करनेवाले उस समय मौन थे । हिन्दुओं को ‘द केरला स्टोरी’ फिल्म का बडे स्तर पर समर्थन करना चाहिए ।

हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ राज्य संगठक श्री. सुनील घनवट ने कहा कि ‘द केरला स्टोरी’ फिल्म केवल केरल तक ही सीमित नहीं है, अपितु देश-विदेश में ‘लव जिहाद’ का षड्यंत्र चल रहा है । इस फिल्म से आतंकी संगठन ‘आई.एस्. आई.एस्.’ की वास्तविकता सामने आई है । कुछ राजनीतिक दलों के नेता इस फिल्म का विरोध कर रहे हैं, तो क्या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता केवल अल्पसंख्यकों के लिए ही है ? ‘लव जिहाद’ एवं ‘आतंकवाद’ की वास्तविकता को स्वीकार न करते हुए ‘यह फिल्म मुसलमानों के विरुद्ध है’, यह संभ्रम निर्माण करने वाला दुष्प्रचार किया जा रहा है । यह फिल्म बनाने वालों ने जो यह साहस दिखाया है, उसके लिए हिन्दू जनजागृति समिति इन सभी लोगों का अभिनंदन करती है । हिन्दू समाज अब जागृत है तथा ‘द केरला स्टोरी’ फिल्म अधिकाधिक लोग देखें; इसके लिए अनेक लोग सोशल मीडिया सहित विभिन्न माध्यमों से प्रसार कर रहे हैं, वे लोग भी अभिनंदन के पात्र हैं । आज की स्थिति में ‘द कश्मीर फाईल्स’, ‘द केरला स्टोरी’ जैसे हिन्दुओं को जागृत करनेवाली अनेक फिल्में बनाना आवश्यक है ।
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