हलाल प्रमाणित उत्‍पाद का बहिष्‍कार करना भारत के हर राष्ट्रभक्‍त नागरिक का कर्तव्‍य ! - श्री. रमेश शिंदेे, राष्ट्रीय प्रवक्‍ता, हिन्‍दू जनजागृति समिति

वाराणसी में हलाल मुक्‍त भारत जागृति अभियान !

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द का बहिष्‍कार करना भारत के हर राष्ट्रभक्‍त नागरिक का कर्तव्‍य ! - श्री. रमेश शिंदेे, राष्ट्रीय प्रवक्‍ता, हिन्‍दू जनजागृति समिति

वाराणसी : भारत के सभी व्‍यवहार ‘सेक्‍युलर’ संविधान के आधारपर किए जाते हैं, ऐसा कहा जाता है । इसी आधारपर इस्‍लामी शरीयत के नियमोंपर चलनेवाली ‘इस्‍लामिक बैंक’का भारत में प्रवेश रोका गया; परन्‍तु वही उद्देश्‍य आज ‘हलाल अर्थव्‍यवस्‍था’ द्वारा साध्‍य किया जा रहा है । इस भावी संकट को भांपते हुए हिन्‍दू जनजागृति समिति के माध्‍यम से देश के विविध स्‍थानों में ‘हलाल सर्टिफिकेशन : एक भारत विरोधी षड्यंत्र’ विषय पर जागृति की जा रही है । इसी के अंतर्गत यहां के सिगरा में वाराणसी व्‍यापारी मंडल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में हलाल सर्टिफिकेशन इस विषयपर परिचर्चा का आयोजन किया गया । इस समय वाराणसी व्‍यापारी मंडल के अध्‍यक्ष श्री. अजित सिंह बग्‍गा एवं संगठन के अनेक पदाधिकारी उपस्‍थित थे । इसी के साथ जैतपुरा में श्री. जरहरेश्‍वर महादेव मंदिर में भी संगोष्ठी का आयोजन हुआ । इसका आयोजन अखिल भारतीय सनातन समिति के श्री. अभय यादव एवं श्री. राजेश सेठ द्वारा किया गया ।

हिन्‍दू जनजागृति समिति के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता श्री. रमेश शिंदे ने बताया कि वर्ष 2013 से आज तक हलाल अर्थव्‍यवस्‍था 2 ट्रिलियन डॉलर की बन चुकी है और इसके द्वारा आतंकवाद को फंडिग की जा रही है । पिछले कुछ समय से भारत में ‘हलाल’ उत्‍पादों की मांग की जारही है और हिंदू व्‍यापारियों को व्‍यापार करने के लिए ‘जमियत-उलेमा-ए-हिंद’ जैसे संस्‍थाआें से ‘हलाल प्रमाणपत्र’ लेने के लिए बाध्‍य किया जा रहा है । जब उत्‍पादों को प्रमाणित करने के लिए भारत सरकार के आधिकारिक संगठन ‘एफएसएसएआई’ (FSSAI) और ‘एफडीए’(FDA) हैं ही, तो अलग से प्राइवेट संस्‍था द्वारा ‘हलाल प्रमाणीकरण’ की आवश्‍यकता तथा वैध्‍यता क्‍या है ?

मुसलमानों द्वारा प्रत्‍येक पदार्थ अथवा वस्‍तु इस्‍लाम के अनुसार वैधता अर्थात ‘हलाल’ होने की मांग की जा रही है । उसके लिए ‘हलाल सर्टिफिकेट (प्रमाणपत्र)’ लेना अनिवार्य किया जा रहा है। इसके द्वारा इस्‍लामी अर्थव्‍यवस्‍था अर्थात ‘हलाल इकॉनॉमी’ को, धर्म का आधार होते हुए भी बहुत ही चालाकी के साथ सेक्‍युलर भारत में लागू किया जा रहा है । यह हलाल प्रमाणपत्र केवल मांसाहारतक सीमित न रहकर खाद्यपदार्थ, सौंदर्य प्रसाधन, औषधियां, चिकित्‍सालय, गृहस्‍थी से संबंधित आस्‍थापन और मॉल के लिए भी आरंभ हो गया है । भविष्‍य में व्‍यापारी, उद्यमी, नागरिक, समाज व राष्ट्र के लिए बड़ा संकट खडा हो सकता है, इस पर विचार करना अत्‍यंत आवश्‍यक है । श्री. शिंदे ने अंत में कहा कि प्रत्‍येक राष्ट्रभक्‍त नागरिक का कर्तव्‍य है कि वह हलाल अर्थव्‍यवथा के खतरों को समझे, इसका विरोध करे और भारत का भविष्‍य सुरक्षित बनाने में सहयोग दे !
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