आय-व्यय का सालाना ब्योरा नहीं दे रहे ,बिहार सरकार के कई बोर्ड-निगम-संस्थानें।

आय-व्यय का सालाना ब्योरा नहीं दे रहे ,बिहार सरकार के कई बोर्ड-निगम-संस्थानें। 

बिहार सरकार अपने बोर्ड / निगम / आयोग एवं अन्य संस्थानों पर 1000 करोड़ रुपए से भी ज्यादा खर्च कर रही है लेकिन ऐसे सरकारी उपक्रमों द्वारा आय-व्यय का वार्षिक व्योरा देने में कोताही बरती जा रही है ! कई आयोग और निगम , बोर्ड , निगम की तो बिहार सरकार प्रतिवेदन को प्रस्तुत करने लापरवाह बने हुए हैं ! इससे प्रशासी विभागों को महालेखाकार कार्यालय को बजट भेजने में लगातार दुश्वारियां का सामना करना पड़ रहा है ! एक आरटीआई में पूछे गए सवाल के मामले में जानकारी आई है कि सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए ऐसे नियम , बोर्ड , आयोग एवं अन्य बिहार सरकार के प्रतिष्ठान , जहां प्रतिवेदन भी नहीं सोपते और वही जो सूचनाएं मुहैया कराई जाती है उसमें कई सूचनाएं छिपायी जाती है !


प्रतिवेदन देने में लापरवाह बोर्ड-निगम एवं आयोग के प्रति बिहार विधानसभा की सार्वजनिक उपक्रम समिति अपनी आपत्ति जता चुकी है। साथ ही संबंधित प्रशासी विभागों को कार्रवाई के लिए। निर्देश भी दिया है। आरटीआई जिन आयोग, निगम और बोर्ड से वार्षिक प्रतिवेदन की सूचना मांगी थी, उनमें 80 प्रतिशत प्रतिवेदनों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली। विभागों की ओर से वार्षिक प्रतिवेदन को देर से पेश करने वित्तीय अनियमितता का अंदेशा साफ़ सपष्ट है !
आरटीआइ से प्राप्त जानकारी के अनुसार बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग, बिहार राज्य सूचना आयोग,
बिहार राज्य बाल श्रमिक आयोग के मामले में अफसरों के माफीनामे के बाद सरकार की किरकिरी होनी आम है।


व्यावहारिक तौर पर देखा गया है कि विभिन्न विभागों से संबंधित सवालों के जवाब तो अधिकारी किसी तरह से विधानसभा भेज देते हैं, लेकिन नियंत्रक, महालेखा परीक्षक की विभागों के खर्च को लेकर की गई टिप्पणियों को लेकर अफसर उदासीन रहते हैं। ऐसे अफसरों पर सरकार द्वारा कोई कार्रवाई न होने से लापरवाही बढ़ रही है। अन्य बोर्ड, निगम और आयोग हैं, एवं बाल संरक्षण आयोग समेत कई जो अपने काम-काज और खर्च का
लेखा-जोखा देने में रुचि नहीं लेते हैं। इससे वित्तीय अनियमितता से इन्कार नहीं किया जा सकता है !
वर्ष 2020 से राज्य सूचना आयोग ने प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया है , इस मामले में महालेखाकार कार्यालय सख्त और नाराज है ! आयोग , बोर्ड और निगम की लापरवाही से सरकार बखूबी वाकिफ है , लेकिन अक्सर संबंधित अफसरों पर कार्रवाई करने से बचती है ! सूचना के अधिकार कानून के तहत मिली जानकारी में बिहार राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने वित्तीय वर्ष 2010 - 11 से 2020-21 तक , बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने 2014-15 से 2021 तक बिहार राज्य सूचना आयोग ने 2008-09 से 2015-16 तक तथा बिहार राज्य बाल श्रमिक आयोग ने वर्ष 2010-11 तथा 2011-12 का प्रसाद सी विभागों को वार्षिक प्रतिवेदन नहीं भेजा है !
नियंत्रक एवं महालेखाकार को कागजात एवं दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करने वाले बोर्ड निगम की सूची निम्न है :


(संदर्भ: कंडिका 4.15)
निकायों या प्राधिकरणों की सूची, जिन्होंने सी०ए०जी० को लेखाओं की लेखापरीक्षा नहीं सौंपी है
(स्रोत: लेखापरीक्षा कार्यालय द्वारा संकलित आँकड़े)


✓ सिमुलतल्ला शिक्षण संस्थान जमुई
✓ बिहार शिक्षा परियोजना परिषद , पटना
✓ एल0एन0मिश्रा आर्थिक विकास और सामाजिक परिवर्तन संस्थान , पटना
✓ ए०एन० सिन्हा समाजिक शिक्षण संस्थान , पटना
✓ बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (एस०एस० )
✓ बिहार विद्यालय परीक्षा समिति , पटना
✓ टी०एम० बी विश्वविद्यालय , भागलपुर
✓ वीर कुँअर सिंह विश्वविद्यालय , आरा
✓ ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय , दरभंगा
✓ कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय , दरभंगा
✓ मगध विश्वविद्यालय, बोधगया
✓ भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय
✓ बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर
✓ पटना विश्वविद्यालय , पटना
✓ आर्यभट्ट विश्वविद्यालय , पटना
✓ जय प्रकाश विश्वविद्यालय , छपरा
✓ इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान , पटना
✓ बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति , पटना
✓ बिहार राज्य आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सा बोर्ड पटना
✓ बिहार नर्स पंजीकरण परिषद, पटना
✓ बिहार राज्य होमियोपैथिक चिकित्सा बोर्ड
बिहार
✓ भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड , पटना
✓ बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड , पटना
✓ सैय्यद शहीद सफेदार पीर , पटना
✓ बिहार राज्य शिया वक्फ बोर्ड , पटना
✓ राज्य पिछडा वर्ग आयोग , पटना
✓ बिहार महादलित विकास मिशन , पटना
✓ राज्य महादलित आयोग , पटना
✓ राज्य अनुसूचित जाति आयोग , पटना
✓ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग , पटना
✓ महिला विकास निगम , पटना
✓ राज्य महिला आयोग , पटना
✓ बिहार राज्य सामाजिक कल्याण बोर्ड , पटना
✓ बिहार बाल अधिकार सुरक्षा आयोग , पटना
✓ बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण , पटना
✓ बिहार राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड , पटना
✓ बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण , पटना
✓ आधारभूत संरचना विकास प्राधिकरण , पटना
✓ बिहार नवीनीकरण ऊर्जा विभाग अभिकरण (बी०आर०ई०डी०ए०) , पटना
✓ जल एवं भूमि प्रबंधन संस्थान , पटना
✓ बिहार राज्य आवास बोर्ड , पटना


कार्यशील कम्पनियाँ :
(संदर्भ: कंडिका 4.16) / परिशिष्ट-4.5
[ संदर्भ भारत के नियंत्रक एवं महालेखा कार्य के अंकेक्षण प्रतिवेदन ]
30/09/2020 को सार्वजनिक उपक्रम क्षेत्र के बकाए लेखे, बिहार सरकार :


✓ बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड
✓ बिहार स्टेट पावर (होल्डिंग) कम्पनी लिमिटेड
✓ बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कम्पनी लिमिटेड
✓ बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कम्पनी लिमिटेड
✓ साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कम्पनी लिमिटेड
✓ नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कम्पनी लिमिटेड
✓ बिहारशरीफ स्मार्ट सिटी लिमिटेड
✓ मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड
✓ पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन
✓ बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम लिमिटेड
✓ बिहार राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम लिमिटेड
✓ बिहार राज्य बेवरेजेज निगम लिमिटेड
✓ बिहार राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड
✓ बिहार राज्य सड़क विकास निगम लिमिटेड
✓ बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड
✓ बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड
✓ बिहार मेडिकल सर्विसेज एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन लिमिटेड
✓ पीरपैंती बिजली कंपनी प्राइवेट लिमिलेट
✓ लखीसराय बिजली कंपनी प्राइवेट लिमिटेड
✓ बिहार वानिकी विकास निगम लिमिटेड
✓ भागलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड
✓ पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड
✓ बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम लिमिटेड
✓ बिहार राज्य खनन निगम लिमिटेड
✓ बिहार राज्य पाठ्य पुस्तक प्रकाशन निगम लिमिटेड
✓ बिहार राज्य जलविद्युत शक्ति निगम लिमिटेड
✓ बिहार राज्य अल्पसंख्यक वित्त निगम लिमिटेड
✓ बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम लिमिटेड
✓ बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम लिमिटेड
✓ बिहार राज्य साख एवं विनिवेश निगम लिमिटेड
( बिहार सरकार के उपरोक्त संस्थान 10 वर्षों से अधिक से अंकेक्षण के लिए अपने कागजात प्रस्तुत नहीं कर रहे हैं )
इसके अलावा :
बिहार राज्य बीज निगम लिमिटेड , 15 सालों से
बिहार राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम लिमिटेड , 18 सालों से
बिहार राज्य पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम बिहार , 22 सालों से
राज्य भंडार निगम 6 साल से
बिहार राज्य पथ परिवहन निगम 5 साल से ,
अपने दस्तावेज और रात को अंकेक्षण के लिए प्रस्तुत नहीं कर रहे हैं !

आलेख : सीए संजय कुमार झा
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