माफियागिरी पर चलता रहा बुलडोजर

माफियागिरी पर चलता रहा बुलडोजर

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान फीचर सेवा)

  • योगी सरकार 2.0 में भी अपराधियों की आर्थिक कमर तोड़ने पर है फोकस
  • योगी राज 2.0 कायम होने के बाद एक अरब 62 करोड़ की संपत्ति कुर्क

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के दूसरे कार्यकाल अर्थात 2.0 में भी अपराधी और माफियाओं के खिलाफ जमकर कार्रवाई हो रही है। बीते साल में यूपी की सबसे खास बात भी यही कही जा सकती है। सबसे ज्यादा कार्रवाई की अगर बात करें तो पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ रेंज में माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई हुई है। साल 2022 में योगी सरकार 2.0 के दौरान अपराधियों और माफियाओं की करीब एक अरब 63 करोड़ की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है। इतना ही नहीं रेंज के तीन बड़े माफियाओं की करीब 7 करोड़ 25 लाख की प्रॉपर्टी को बाबा के बुलडोजर ने ध्वस्त कर दिया है। इसलिए प्रदेश को एक तरफ भारी भरकम निवेश मिला तो दूसरी तरफ योगी आदित्य नाथ को लगातार दूसरी बार जनता का अप्रत्याशित विश्वास हासिल हुआ। योगी आदित्यनाथ की बुलडोजर कार्रवाई को जहाँ अन्य राज्यों में भी बेहतर बताया गया वही मीडिया में इसकी कुछ आलोचना भी हुई। हालांकि गुंडों और माफियाओ में दहशत पैदा हुई है।

दिल्ली से सटे एनसीआर का एक बड़ा हिस्सा मेरठ रेंज में आता है जहां योगी सरकार के दौरान अपराध और अपराधियों के खात्मे को लेकर बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया। मेरठ रेंज के आईजी प्रवीण कुमार के अनुसार, मेरठ, बागपत, हापुड़, बुलंदशहर की बात करें तो उत्तर प्रदेश में दोबारा योगी राज कायम होने के बाद अब तक माफियाओं की एक अरब 62 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति कुर्की जा चुकी है।

इसके अलावा पश्चिम उत्तर प्रदेश के बड़े माफियाओं को चिन्हित करके उनकी और उनकी गिरोह से जुड़े दूसरे लोगों की करीब 7.25 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति पर सरकारी बुलडोजर चल चुका है। जिन पर कार्रवाई हुई उनमें सबसे बड़े नाम बदन सिंह बद्दो, अंतरराष्ट्रीय गौ तस्कर अकबर बंजारा, वाहन माफिया गला और ड्रग्स माफिया तस्लीम का है। इस प्रकार मेरठ में 10 128 करोड़ बुलंदशहर मे 11.33 करोड़ बागपत में 46 7.7 करोड़ और हापुड़ में 14 15.82 करोड़ की माफियाओ की सम्पत्ति पर बुलडोजर चला अथवा सरकार ने अपने अधिकार में ली है।

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की दोबारा सरकार आने के साथ ही बुलडोजर का असर दिखाना शुरू हो गया था। प्रदेश में अवैध निर्माण हो या फरार अपराधी की संपत्ति सब पर बुलडोजर चलाया जा रहा है। यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान योगी आदित्यनाथ ने खुद की छवि बुलडोजर बाबा के तौर पर स्थापित कर दी। इसका असर अब प्रदेश भर में देखने को मिल रहा है। पिछले कुछ दिनों में लखनऊ, बाराबंकी, कानपुर, नोएडा, जालौन, बुलंदशहर जैसे तमाम जिलों में रोज बुलडोजर से अवैध निर्माण गिराने की खबर सामने आ रही है। इसकी सराहना के साथ काफी विरोध भी किया जा रहा है। लोग अब सवाल उठा रहे हैं कि आखिर अवैध निर्माण किसकी शह पर किए गए। इन्हें कैसे मंजूरी मिल गई। वहीं इनको मंजूरी देने वाले अधिकारियों, इंजीनियरों पर कार्रवाई कब होगी? अवैध निर्माण के लिए जिम्मेदार सरकारी तंत्र के लोगों का नाम क्यों बाहर नहीं आता? यूपी में लगातार अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलने की खबर आ रही है। हाल में बरेली विकास प्राधिकरण ने समाजवादी पार्टी के विधायक शहजिल इस्लाम के पेट्रोल पंप पर बुल्डोजर चला दिया। आरोप लगाया गया कि यह अवैध जमीन पर बनाया गया था। स्थानीय स्तर पर लोगों में इसके प्रति गुस्सा भी दिखा। लेकिन खुलकर किसी ने कुछ नहीं कहा। दूसरी तरफ सीएम योगी आदित्यनाथ ने ये भी कहा है कि किसी गरीब की झोपड़ी और दुकान पर बुलडोजर नहीं चलेगा। यह सिर्फ माफिया और अवैध संपत्तियों पर चलाया जाएगा। वरिष्ठ पत्रकार कुमार भवेश चंद्र का कहना था कि कानून के हिसाब से इस तरह की कार्रवाई सही नहीं है। अब हर विभाग बुलडोजर का डर दिखा रहा है। कानून का रिप्लेसमेंट बुलडोजर नहीं हो सकता। बुलडोजर के नाम पर वोट मिलने के बाद सरकार अति उत्साहित है। यह सरकार का रवैया समाज में आराजकता ला रहा है। जब भी कोई अपराध हो सरकार तत्काल संज्ञान ले, तो ऐसा हाल नहीं देखना पड़ेगा। सरकार को तेजी से शिकायत पर शुरू से काम करना चाहिए लेकिन अब नया तरीका अपना लिया है। उन्होंने कहा कि जो बिल्डिंग गिराई जा रही है, ऐसे तो बड़े-बड़े शहर मरघट बन जाएंगे। इसी प्रकार वरिष्ठ पत्रकार और बीबीसी के पूर्व संवादाता समीरात्मज मिश्र ने कहा कि बुलडोजर की कार्रवाई कुछ सिलेक्ट लोगों पर हो रही है। सरकार के विरोधियों को संदेश दिया जा रहा है। बड़े-बड़े शहरों में इमारतें बन गई। इस पर सवाल उठता है कि अधिकारियों ने कैसे पास होने दिया गया। बरेली में एक विरोधी दल के नेता का पेट्रोल पंप तोड़ा गया। पांच साल पहले भी यही सरकार थी, तब उन्होंने कार्रवाई क्यों नहीं की। हाल में नेता ने सरकार के खिलाफ बयान दिया था। उनका कहना है कि बुलडोजर केवल कुछ खास लोगों को मैसेज दे रहा है। जिन अधिकारियों ने अवैध निर्माण होने दिया, उनसे क्यों नहीं पूछा जा रहा है। मथुरा में विदेशियों के लिए बिल्डिंग बन गई, फ्लैट बिक गए। इसमें सरकार ने क्या किया? इलाहाबाद हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील सौरभ तिवारी ने कहा कि बुलडोजर जहां मन हुआ वहां चला देना कानून के अंतर्गत नहीं आता है। बुलडोजर चलाने को लेकर भी एक लंबी प्रक्रिया है। लीगल नोटिस जाती है। घर को डायनामाइट से उड़ा देना सही नहीं है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने आदेश किया था काशी में संकटमोचन मंदिर के पास सीमांकन कराया जाए। अवैध निर्माण को लेकर भी कई बार टिप्पणी की, लेकिन उसका कुछ नहीं किया गया। पूरे प्रदेश में यही हाल है। हजारों-लाखों मकान बिना मैप के बने है। कोर्ट में अगर पीड़ित चैलेंज कर दे तो सरकार के लिए भी दिक्कत हो सकती है। वरिष्ठ पत्रकार और बीबीसी के पूर्व संवाददाता समीरात्मज मिश्र ने कहा कि बुलडोजर की कार्रवाई कुछ सिलेक्ट लोगों पर हो रही है। सरकार के विरोधियों को संदेश दिया जा रहा है। बड़े-बड़े शहरों में इमारते बन गई। इस पर सवाल उठता है कि अधिकारियों ने कैसे पास होने दिया गया। बरेली में एक विरोधी दल के नेता का पेट्रोल पंप तोड़ा गया। पांच साल पहले भी यही सरकार थी, तब उन्होंने कार्रवाई क्यों नहीं की। हाल में नेता ने सरकार के खिलाफ बयान दिया था। उनका कहना है कि बुलडोजर केवल कुछ खास लोगों को मैसेज दे रहा है। जिन अधिकारियों ने अवैध निर्माण होने दिया, उनसे क्यों नहीं पूछा जा रहा है। मथुरा में विदेशियों के लिए बिल्डिंग बन गई, फ्लैट बिक गए। इसमें सरकार ने क्या किया? इतना सब कहने के बाद भी प्रदेश की आम जनता को योगी आदित्यनाथ का बुलडोजर पसंद आया है और इसका प्रमाण है योगी आदित्यनाथ की प्रचण्ड बहुमत से बनी सरकार। भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने 273 सीटें जीत कर अपना पिछला रिकार्ड तोड़ा था।
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