Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

बिटियां माॅंगे अपना हक

बिटियां माॅंगे अपना हक

अब अब्बू मुझको भी पढ़नें दो,
हमें क्यों कहतें हों आप नो नो नो।
दिलादो पाटी बरता और पेंसिल दो
फिर हमको कहो विद्यालय गो गो गो।


दिलादो प्यारी सी यूनिफॉर्म दो,
सुहानी जुराबें और जूता जोड़ी वो‌।
पहनकर जाऊॅं साथ खाना ले जाऊॅं,
अज्ञानी रहना यह शर्म की बात है वो।।


जा रहीं चिंकी-पिंकी व मिंकी,
खोई खोई सी है तुम्हारी यें बच्चीं।
करनी होंगी कठोर तुमको यें छाती,
नाम करुॅंगी आपका कहती हूॅं सच्ची।।


समय आज का है यें अनमोल,
बिटियां माॅंगे अपना हक यें बोल।
न रखों भेद अब हम भाई-बहन में,
समान हमको रखकर निभाओ रोल।।


उम्मीद यें मेरी अब टूटनें न दो,
आत्मविश्वास मेरा बना रहनें दो।
पढ़-लिखकर आसमान यें छूनें दो,
क़लम उठाकर मुझे अब हाथ में दो।।


रचनाकार गणपत लाल उदय, अजमेर राजस्थान
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ