सरकार व संगठन के समन्वय की जीत

सरकार व संगठन के समन्वय की जीत

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान फीचर सेवा)
राजनीतिक दल की सम्पूर्ण क्षमता का उपयोग तभी हो पाता है, जब उसके संगठन और सरकार में समन्वय रहता है। उत्तर प्रदेश की गोलागोकर्णनाथ विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में सिर्फ सहानुभूति ही भाजपा की विजय का कारण नहीं कही जा सकती। इस विजय में भाजपा के संगठन और योगी आदित्यनाथ की सरकार के समन्वय का विशेष योगदान रहा है। प्रदेश के नये प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चैधरी और महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह की यह पहली परीक्षा भी थी जिसमें वह विशेष योग्यता के साथ उत्तीर्ण हुए हैं। गोलागोकर्णनाथ विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी अमन गिरि को 124810 मत मिले हैं जबकि उनके प्रमुख प्रतिद्वन्द्वी समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी विनय तिवारी को 90512 वोट हासिल हो पाये। भाजपा प्रत्याशी को 50 फीसद से ज्यादा मतदाताओं का समर्थन मिला है। इस प्रकार लगभग दो महीने पहले ही प्रदेश भाजपा की बागडोर संभालने वाले महामंत्री धर्मपाल सिंह ने पार्टी के संगठन को प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की दूसरी पारी की सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उपचुनाव लड़ा और अपनी सीट को बरकरार रखा। यह उपचुनाव भाजपा विधायक अरविन्द गिरि के निधन से रिक्त हुई सीट के कारण हुआ था। भाजपा ने अरविन्द गिरि के बेटे अमन गिरि को प्रत्याशी बनाया था लेकिन यहां पर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर कार चढ़ाने वाले भाजपा नेता और केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष को लेकर एक वर्ग में नाराजगी है। इसलिए धर्मपाल सिंह ने बहुत सोच-समझकर रणनीति बनायी थी। योगी आदित्यनाथ ने इसे डबल इंजन सरकार की उपलब्धियों पर मतदाताओं की मुहर बताया है।

उत्तर प्रदेश में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चैधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह की यह पहली परीक्षा थी। इसलिए इन दोनों नेताओं ने बहुत सोच-समझ कर रणनीति बनायी थी। चैधरी भूपेन्द्र सिंह ने जहां गोलागोकर्णनाथ में खुद डेरा जमाया था, वहीं धर्मपाल सिंह ने तय रणनीति के अनुसार बूथ प्रबंधन से लेकर प्रचार तक की सुनियोजित रणनीति बनायी। केन्द्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्र को वहां प्रचार करने से रोका गया। पार्टी के प्रदेश व क्षेत्रीय पदाधिकारियों को घर-घर सम्पर्क करने को कहा गया। धर्मपाल सिंह ने इस बात पर विशेष रूप से जोर दिया कि पार्टी के पदाधिकारी प्रत्येक बूथ के एक-एक मतदाता से मिले। पन्ना प्रमुख के बाद पांच सदस्यीय पन्ना समिति का पहली बार प्रयोग किया गया है। समाज विशेष से जुड़े मोहल्लों में उन्हीं की जाति के नेताओं को प्रचार के लिए भेजा गया। ब्राह्मण बहुल सीट होने के चलते उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, सांसद सुब्रत पाठक समेत अन्य ब्राह्मण नेताओं को तैनात किया गया था। विधायक अरविन्द गिरि के निधन से यह सीट रिक्त हुई थी, इसलिए उनके समाज के वोट साधने के लिए उनके बेटे अमन गिरि को प्रत्याशी बनाया गया था। इस प्रकार राकेश टिकैत और अन्य किसान नेताओं की खिलाफत के बावजूद भाजपा प्रत्याशी को शानदार जीत हासिल हुई है।

गोला उपचुनाव के लिए 3 नवंबर को हुए मतदान के बाद सभी की निगाहें नतीजों पर लगी हुई थी। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी का सीधा मुकाबला था। कांग्रेस और बसपा मैदान से बाहर थे। इस वजह से मुकाबला न सिर्फ कड़ा हो चला था बल्कि इसमें दोनों दोनों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लग गई थी। भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव में 40 स्टार प्रचारक उतारे तो समाजवादी पार्टी ने बेहद शांत तरीके से जनसंपर्क अभियान चलाया। इस उपचुनाव के नतीजे 6 नवम्बर को घोषित हुए। मतगणना में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी अमन गिरी को 1,24,810 और समाजवादी पार्टी के विनय तिवारी को 90,512 वोट मिले। भाजपा ने यह चुनाव 34298 वोट से जीत लिया है। इस चुनाव में भाजपा और सपा के अलावा पांच अन्य उम्मीदवार भी थे। जीत के बाद लखीमपुर से लेकर लखनऊ तक भारतीय जनता पार्टी के खेमे में जश्न मनाया गया। चुनाव जीतने के बाद भाजपा विधायक अमन गिरि ने अपनी जीत का श्रेय जनता व पार्टी को दिया और कहा कि उनके पिता के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। गोला गोकर्णनाथ सीट से भारतीय जनता पार्टी के विधायक अरविंद गिरि के 6 सितंबर, 2022 को निधन होने के कारण उपचुनाव कराना पड़ा था। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस ने इस बार चुनाव से दूरी बना ली। दोनों ही पार्टियों ने चुनाव में कोई उम्मीदवार नहीं उतारे। मुख्य मुकाबला भाजपा के अरविंद गिरि के बेटे अमन गिरि और राज्य की मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी और गोला गोकर्णनाथ के पूर्व विधायक विनय तिवारी के बीच था।

गोला गोकर्णनाथ विधानसभा क्षेत्र केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के संसदीय क्षेत्र खीरी में आता है। मिश्रा पिछले साल अक्टूबर में निघासन क्षेत्र के तिकोनिया क्षेत्र में हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत के बाद विवादों से घिर गए थे। इसलिए पिता के निधन के कारण अमन गिरि के पक्ष में सहानुभूति की लहर होने के बावजूद भाजपा ने इस उपचुनाव में पूरा जोर लगाया। प्रदेश सरकार के कई मंत्रियों समेत 40 स्टार प्रचारकों ने मैदान में उतरकर भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान की अपील की। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अमन गिरि के समर्थन में जनसभा को संबोधित किया था। योगी ने अपने भाषण के दौरान गन्ना किसानों को उनका बकाया मूल्य जल्द से जल्द दिलाने, काशी विश्वनाथ की तर्ज पर क्षेत्र में छोटी काशी कॉरीडोर विकसित करने और मेडिकल कॉलेज बनाने का आश्वासन दिया था। उन्होंने लोगों से उपचुनाव में अमन गिरि को जिताने की अपील की थी, ताकि वह अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ा सकें। वहीं, सपा की तरफ से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने प्रचार अभियान की अगुवाई की। उनके साथ पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रवि प्रकाश वर्मा और कई पूर्व मंत्रियों ने भी सपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट मांगे। सपा नेताओं ने इस दौरान घर-घर जाकर जनसंपर्क किया। इस बार भी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उपचुनाव में प्रचार नहीं किया हालांकि इस उपचुनाव के नतीजों का सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा, मगर 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा और सपा के लिए यह अपनी-अपनी ताकत को आजमाने का मौका जरूर था। लखीमपुर खीरा की गोला गोकर्णनाथ विधानसभा सीट उपचुनाव में 57.35 फीसद मतदान हुआ। कड़ी सुरक्षा के बीच शाम साढ़े छह बजे तक तदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। छिटपुट घटनाओं को छोड़ कोई बड़ी घटना इस चुनाव में नहीं हुई थी।
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