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दिल मन का हाल

दिल मन का हाल

मेरा मन बहुत चंचल है
पर दिल मेरा स्थिर है।
फिर भी सपनो में वो
न जाने क्यों आते है।
और अपने साथ होने का
मुझे एहसास कराती है।
जिसे कारण ही मेरी
आत्मा व्याकुल उठती है।।

मोहब्बत करने की हमने
बहुत कीमत चुकाई है।
और अपनी छवि पर भी
दाग हमने लगवाये है।
जमाने की सुनकर बातें
खुद को मायूस पाये है।
पर अपनी मोहब्बत को
नहीं हम ठुकराये है।।

जमाने के लोगों ने
बहुत घाव दिये है।
हँसते खेलते जीवन में
बहुत कांटे बोये है।
कदम कदम पर मुझे
जमाने रुलाया है।
जिसके चलते ही हमने
मेहबूब को साथ पाया है।।

मोहब्बत करने पर लोगों
बहुत कुछ खोना पड़ता है।
अपनी जिंदगी को भी
दाव पर लगाना पड़ता है।
तभी तो मोहब्बत हमारी
परवान चढ़ पाई है।
और जमाने वालो को भी
मोहब्बत करना सिखला दिया।।

जय जिनेंद्र
संजय जैन "बीना" 
मुंबई
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