नए भारत के विश्वकर्मा मोदी

जन्मदिन (17 सितम्बर) पर विशेष

नए भारत के विश्वकर्मा मोदी

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान फीचर सेवा)
देवों के शिल्पी भगवान विश्वकर्मा माने जाते हैं। पौराणिक देवनगरियों का निर्माण उन्हांेने ही किया था। रावण जिस सोने की लंका में रहता था, उसको भी धनेश कुबेर के लिए विश्वकर्मा जी ने ही बनाया था। मथुरा पर जब जरासंध और अन्य अत्याचारी राजाओं ने आक्रमण करना शुरू किया और निर्दोष जनता को इसके चलते कष्ट होने लगा, तब भगवान कृष्ण ने विश्वकर्मा जी से समुद्र के अंदर द्वारिका नगरी के निर्माण का आग्रह किया था। उस अतुलनीय और दुर्भेद्य नगरी द्वारिका को भी भगवान विश्वकर्मा ने ही बनाया था। भगवान कृष्ण युद्ध के मैदान को छोड़ गये थे, इसीलिए उनका एक नाम रणछोड़ पड़ गया। भगवान विश्वकर्मा का जन्म महर्षि अंगिरा के वंश में हुआ था। उनके बारे में भले ही लोगों को ज्यादा पता नहीं है लेकिन भगवान विश्वकर्मा की रचनाओं को सभी जानते हैं। देवशिल्पी विश्वकर्मा का जन्म 17 सितंबर को मनाया जाता है और उसी दिन भारत में भी एक ऐसे ही शिल्पी का जन्म हुआ जिसको नरेन्द्र मोदी के नाम से सभी जानते हैं। नरेन्द्र मोदी ने भारत को एक नया रूप देने का प्रयास किया है। भारत की छवि को बदला है। अब हम एक गाल पर थप्पड़ मारने वाले के सामने दूसरा गाल नहीं करते बल्कि उसका हाथ ही तोड़ देते हैं ताकि वह किसी दूसरे को फिर थप्पड़ न मार सके। मोदी ने भारत को हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम उठाए हैं। यह तो निर्विवाद सत्य है कि सफलता तभी मिलती है जब सभी लोग मिलकर कार्य करते हैं, इसलिए नरेन्द्र मोदी का सपना भी तभी पूरा होगा, जब देश की 130 करोड़ जनता उनका साथ देगी। अपने आठ साल के प्रधानमंत्रित्व काल में नरेन्द्र मोदी ने नये भारत का निर्माण करने के साथ यह भी सिखा दिया कि राजनीति कैसे की जाती है।

नरेंद्र दामोदरदास मोदी भारत के 14वें प्रधान मंत्री हैं, जिन्होंने 2014 में और फिर 2019 में भारतीय जनता पार्टी की प्रभावशाली जीत का नेतृत्व किया। मोदी के बारे में एक दिलचस्प तथ्य यह है कि वह पहली बार विधायक के रूप में गुजरात के मुख्यमंत्री बने। इसी तरह वह पहली बार सांसद के रूप में सीधे भारत के प्रधानमंत्री बने। 2014 में बीजेपी की बहुमत से जीत के लिये मोदी को श्रेय दिया जाता है और यह साल 1984 के बाद पहली बार हुआ। मोदी का जन्म वडनगर में एक गुजराती परिवार में हुआ था, बचपन में वो चाय बेचने में अपने पिता की मदद करते थे और बाद में खुद का चाय स्टॉल भी चलाया। मोदी 8 साल की उम्र में आरएसएस के संपर्क में आए और यहां से संगठन के साथ एक लंबा साथ शुरू हुआ। साल 1970 में 20 साल की उम्र में, वह आरएसएस से इतना प्रभावित थे कि पूरी तरह से आरएसएस प्रचारक बन गये और 1971 में मोदी औपचारिक रूप से आरएसएस में शामिल हो गये। इंडिया टुडे द्वारा 2007 के एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण में मोदी सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री साबित हुए थे। टाइम मैगजीन के एशियाई संस्करण के कवर पेज पर दिखाई दिये। 2014 में सीएनएन-आईबीएन न्यूज नेटवर्क द्वारा इंडियन ऑफ द ईयर चुने गये। वह 2014, 2015 और 2017 में टाइम मैगजीन के विश्व में 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की लिस्ट में से एक थे। 2014 और 2016 में टाइम मैगजीन रीडर्स पोल में मोदी को ‘पर्सन ऑफ द ईयर’ यानि कि साल के सबसे प्रभावशाली व्यक्ति का खिताब हासिल किया। फोर्ब्स मैगजीन ने उन्हें साल 2014 में दुनिया का 15वां सबसे शक्तिशाली व्यक्ति माना। उन्हें 2015, 2016 और 2018 में दुनिया में 9वें सबसेशक्तिशाली व्यक्ति का दर्जा मिला।

पीएम नरेंद्र मोदी ने सत्ता को सेवा का माध्यम मानकर गरीबों, किसानों, महिलाओं व वंचितों को उनके अधिकार दिए जिससे लोकतंत्र में उनका विश्वास जगा और वो देश की विकास यात्रा में सहभागी बने। अनेक ऐतिहासिक उपलब्धियों से परिपूर्ण 8 वर्षों में नरेंद्र मोदी जी ने देश के हर नागरिक के सपनों व आकांक्षाओं को पंख देकर उनमें नया आत्मविश्वास जगाने का प्रयास किया है। जन धन योजना, आयुष्घ्मान योजना, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और उज्ज्वला योजना से करोड़ों लोगों के जीवन में परिवर्तन देखने को मिला।

नई दिल्ली में राजपथ पर स्वच्छ भारत अभियान का शुभारंभ किया था। 2 अक्टूबर 2014 को देश भर में एक राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में स्वच्छता के लिए जन आंदोलन की अगुवाई करते हुए प्रधानमंत्री ने लोगों से आह्वान किया कि वे साफ और स्वच्छ भारत के महात्मा गांधी के सपने को पूरा करें। विनिर्माण क्षेत्र का दिग्गज बनने की राह में भारत में न सिर्फ विनिर्माण बल्कि अन्य क्षेत्रों में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम चार स्तंभों पर आधारित है। ‘मेक इन इंडिया’ का मानना है कि उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए एक सबसे महत्वपूर्ण बात ‘कारोबार करने की सुविधा’ है। कारोबारी माहौल को आसान बनाने के लिए कई इनीशिएटिव पहले ही शुरू किए जा चुके हैं। इसका उद्देश्य पूरे कारोबारी चक्र के दौरान इंडस्ट्री को डी-लाइसेंस और डी-रेग्युलेट करना है। अधिकतम संख्या में बैंक खाते खोलने के लिए और सबसे बड़ी कैश ट्रांसफर स्कीम के लिए भारत में बड़ी संख्या में ऐसी आबादी थी, जिन्हें किसी भी तरह की बैंकिंग सेवा उपलब्ध नहीं थी। इसका मतलब था कि उनके पास बचत के लिए कोई जरिया नहीं था, और न ही संस्थागत कर्ज लेने का कोई मौका था। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बुनियादी मसले का समाधान करने के लिए 28 अगस्त को प्रधानमंत्री जन धन योजना की शुरुआत की। कुछ ही महीनों में 15 करोड़ बैंक खाते खोले गए।

पीएम नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ लाखों किसानों को मिल रहा है। इस योजना का लाभ उन किसानों को मिलता है, जिनके पास 2 हेक्टेयर से कम जमीन है। योजना के तहत ऐसे किसानों के परिवारों को हर वर्ष 6 हजार रुपये दिए जा रहे हैं। ये रुपये चार-चार महीने के अंतराल पर 2-2 हजार रुपये की किस्त के रूप में किसानों के खाते में भेजे जा रहे हैं। इस योजना का लाभ लाखों गरीब किसानों को हो रहा है। इसी तरह आयुष्मान भारत योजना गरीबों के लिए जीवनदान साबित हो रही है। इसके तहत 10 करोड़ गरीब परिवारों को 5 लाख रुपये प्रतिवर्ष फ्री बीमा की सुविधा दी जा रही है। इसे सरकारी हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम माना जा सकता है। इस योजना को 2018 में लॉन्च किया गया था। इस योजना के कारण करोड़ों लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं। उज्ज्वला योजना ने गरीब महिलाओं के मुश्किल भरे जीवन की राह कुछ आसान की है। इस योजना के तहत गरीब महिलाओं को बड़ी संख्या में एलपीजी गैस सिलेंडर बांटे गए। इसके साथ ही दीपावली और होली के अवसर पर गैस सिलेंडर को फ्री में रीफिल करके दिया जाता है। इस योजना की वजह से लाखों महिलाएं बिना किसी परेशानी के घर में खाना बना रही हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने योजना आयोग को भंग कर नीति आयोग बनाया। टैक्स प्रणाली को एकीकृत करके जीएसटी लागू किया गया और आत्मनिर्भरता के लिए हर क्षेत्र में कदम बढ़ाये गये हैं। भारत के इस बदलाव को समूचा विश्व महसूस कर रहा है।
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