Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

बुधनी के दर्द को कौन समझेंगा ?

बुधनी के दर्द को कौन समझेंगा ?

भारतीय जन महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्म चंद्र पोद्दार ने बयान जारी करते हुए कहा कि बुधनी के साथ बहुत बड़ा अन्याय हुआ था, जिसको सुधारने की नितांत आवश्यकता है। अब बुधनी की उम्र भी 80 वर्ष के आसपास हो चुकी है। उनको न्याय मिलना ही चाहिए।
इस बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए संस्था के वरीय राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं इनसे हैं हम पुस्तक के प्रधान संपादक डॉ अवधेश कुमार अवध ने बताया कि दामोदर नदी घाटी परियोजना की पंचेत इकाई को मूर्त रूप देने में बुधनी के योगदान को नकारा नहीं जा सकता। बाँध के लोकार्पण के अवसर पर तत्कालीन प्रधानमंत्री माननीय जवाहर लाल नेहरू द्वारा माला पहनकर सम्मानित होना एक ओर गर्व की बात थी तो दूसरी ओर बर्बादी का आगाज। डॉ अवध ने आगे बताया कि विगत सरकारों ने विकास-नारी बुधनी के लिए तो कुछ नहीं किया। आदिवासी क्षेत्र की रहने वाली नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी से माँग है कि वे बुधनी के दर्द को समझें और न्याय करें।इस बारे में महामहिम राष्ट्रपति महोदया श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को ट्वीट कर जानकारी दी गई है।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ