बच्चों के मानसिक विकास एवं तार्किक क्षमता बढ़ाने में शतरंज की भूमिका महत्वपूर्ण है-राज्यपाल

बच्चों के मानसिक विकास एवं तार्किक क्षमता बढ़ाने में शतरंज की भूमिका महत्वपूर्ण है-राज्यपाल 

पटना, 06 जुलाई, 2022:- ‘‘बच्चों को मानसिक रूप से विकसित करने, उनकी तार्किक क्षमता बढाने, योजना बनाने तथा बेहतर ढंग से सोचने एवं कार्य करने की क्षमता का विकास करने में शतरंज महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।‘‘-यह बातें महामहिम राज्यपाल श्री फागू चैहान ने शतरंज ओलम्पियाड की मशाल के पटना आने के अवसर पर ज्ञान भवन, पटना में आयोजित कार्यक्रम में कही। 
उन्होंने कहा कि शतरंज की शुरूआत भारत में आज से हजारों वर्ष पूर्व हुई थी। ऐसा माना जाता है कि महाभारत काल में इसका प्रादुर्भाव हुआ है। शतरंज को एक रणनीतिक एवं युद्ध कौशल का खेल होने के कारण इसे हमेशा से उच्च दर्जे का खेल माना जाता है। 
राज्यपाल ने कहा कि देश की आजादी के 75वें वर्ष में अमृत महोत्सव के अवसर पर भारत में विश्व शतरंज ओलम्पियाड का पहली बार आयोजन किया जा रहा है। विश्व शतरंज महासंघ द्वारा 44वीं शतरंज ओलम्पियाड का आयोजन तमिलनाडु के चेन्नई में 
28 जुलाई से 10 अगस्त, 2022 तक किया जायेगा। इस उपलक्ष्य में ग्रैण्ड मास्टर श्री प्रवीण थिप्से की अगुआई में शतरंज ओलम्पियाड की मशाल भारत के 75 शहरों में जाने के क्रम में पटना आयी है। 
उन्होंने कहा कि शतरंज के इस महाकुंभ का आयोजन पहली बार इस खेल की जन्मभूमि भारत में किया जाना अत्यंत गौरव का विषय है। इस प्रतियोगिता में शतरंज के अब तक के इतिहास में सर्वाधिक टीम और देश भाग ले रहे हैं। अब तक पुरूष वर्ग में 187 एवं महिला वर्ग में 162 देशों की टीम के खेलने की पुष्टि हो चुकी है जो अपने आप में एक नया कीर्तिमान है। राज्यपाल ने कहा कि भारत के सुपर ग्रैण्ड मास्टर विश्वनाथन आनंद ने विश्व चैम्पियनशिप का खिताब सहित शतरंज का नोबेल जीतकर भारत का मान सम्मान बढ़ाया है। आज भारत शतरंज जगत में 75 से अधिक गै्रण्ड मास्टर और 125 से अधिक इंटरनेशनल मास्टर के साथ  दुनिया की महाशक्ति बन चुका है। उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत में शतरंज अब सर्वाधिक लोकप्रिय खेल है। अखिल भारतीय शतरंज संघ और विश्व शतरंज संघ द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों से आने वाले समय में शतरंज भारत के सभी विद्यालयों में खेला जानेवाला एक लोकप्रिय खेल बन सकता है। इससे इस खेल का भारत में और अधिक विकास होगा।   
कार्यक्रम को कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के माननीय मंत्री डाॅ॰ आलोक रंजन ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर राज्यपाल के प्रधान सचिव श्री राॅबर्ट एल॰ चोंग्थू, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग की सचिव श्रीमती बंदना प्रेयसी एवं अपर सचिव श्री दीपक आनन्द, निदेशक, छात्र एवं युवा कल्याण श्री विनोद सिंह गंुजियाल, बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक श्री रवीन्द्र शंकरन एवं निदेशक-सह-सचिव श्री पंकज कुमार राज, गै्रंडमास्टर 
श्री प्रवीण महादेव थिप्से, अखिल बिहार शतरंज संघ के अध्यक्ष श्री दिलजीत खन्ना एवं सचिव श्री धर्मेन्द्र कुमार तथा अन्य लोग उपस्थित थे। 
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