महाराष्ट्र में हीरो बने आशीष

महाराष्ट्र में हीरो बने आशीष

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
महाराष्ट्र में जब भाजपा देवेन्द्र फडणवीस को तहखाने से निकालकर लायी थी, तब पार्टी के दिग्गज हैरान रह गये थे। फडणवीस ने पूरे पांच साल तक सरकार चलायी और उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि राज्य में भाजपा की भूमिका पहले शिवसेना के छोटे भाई के रूप में हुआ करती थी लेकिन देवेन्द्र फडणवीस ने भाजपा को बड़ा भाई साबित कर दिया। इस बार के विधानसभा चुनाव में इसीलिए शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने भाजपा से किनारा करके कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनायी क्योंकि उन्हें आभास हो गया था कि अब भाजपा महाराष्ट्र में पूरी तरह से अपना दखल कायम कर लेगी। भाजपा सरकार नहीं बना पायी लेकिन हाईकमान ने देवेन्द्र फडणवीस को प्राथमिकता पर ही रखा। याद कीजिए जब उद्धव ठाकरे सरकार बनाने जा रहे थे तभी एनसीपी के नेता अजित पवार को डिप्टी सीएम बनाकर फडणवीस ने अपनी तिकड़म की राजनीति का नमूना दिखाया था। उस समय शरद पवार जैसे चतुर और अनुभवी नेता ने ही देवेन्द्र फडणवीस का खेल सफल नहीं होने दिया था। अब राज्य से राज्यसभा के चुनाव में फडणवीस ने एक ऐसा मोहरा चला जिसके सामने महाविकास अधाड़ी गठबंधन फेल हो गया। इस मोहरे को आशीष कुलकर्णी के नाम से जाना गया। आशीष कुलकर्णी कभी शिवसेना के संस्थापक बाला साहब ठाकरे के बहुत नजदीक हुआ करते थे लेकिन जब उद्धव ठाकरे ने पार्टी की बागडोर संभाली तो कुलकर्णी को उन्होंने किनारे कर दिया था। इस प्रकार आशीष कुलकर्णी ने दो दशक पहले शिवसेना छोड़ दी थी लेकिन उन्हें अचानक सभी लोग जानने लगे हैं। आशीष कुलकर्णी की ही रणनीति के चलते भाजपा समर्थित धनंजय महादिक राज्यसभा में पहुंच गये हैं।

महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्यसभा की तीसरी सीट पर जीत ने सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन को चैंका दिया है। भाजपा की इस जीत के सूत्रधार देवेंद्र फडणवीस की कोर टीम के सदस्य आशीष कुलकर्णी हैं। वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के उपाध्यक्ष आशीष कुलकर्णी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत शिवसेना से की थी। वह 2003 में कांग्रेस में शामिल हुए। यहां कई साल रहने के बाद कुछ समय पहले भाजपा में शामिल हुए। शिवसेना में उन्होंने सुभाष देसाई के अधीन काम किया, जो आजकल महाराष्ट्र सरकार में उद्योग मंत्री के पद पर आसीन हैं। उन्हें शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे का विश्वसनीय सहयोगी माना जाता था। भाजपा के धनंजय महादिक ने शिवसेना के संजय पवार को राज्यसभा की छठी सीट के लिए हुए मतदान में मात दी। इस मामले में भाजपा के एक नेता का कहना था कि चुनाव के लिए हमारी रणनीति बहुत आसान थी। हमने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल बोंडे को सबसे ज्यादा 48 वोट दिए। उस नेता ने आगे कहा, हमारे सभी विधायकों ने दूसरी वरीयता महादिक को दी, जो तीसरे उम्मीदवार थे। यह सब आशीष कुलकर्णी की योजना के मुताबिक हुआ, जिसे भाजपा पर्यवेक्षक अश्विनी वैष्णव और नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने अंतिम रूप दिया था। गोयल और बोंडे को 48-48 वोट मिले थे, जो 4800 अंकों में तब्दील हो गए। दूसरी वरीयता के वोट महादिक को हस्तांतरित कर दिए गए। कुल मिलाकर भाजपा को 106 विधायकों के वोट मिले। इसके अलावा 8 निर्दलीय और 9 अन्य विधायकों के वोट भी इसमें जुड़े, जिसकी वजह से धनंजय महादिक के कुल 4156 अंक हो गए।

भाजपा नेता का कहना है कि, आशीष कुलकर्णी की इस रणनीति को देवेंद्र फडणवीस ने और तराश दिया। भाजपा के वरिष्ठों का कहना है कि फडणवीस और वैष्णव के अलावा इस योजना के बारे में किसी को पता नहीं था। फडणवीस ने ही निर्दलीय विधायकों और दूसरे छोटे दलों को अपने साथ मिलाने का काम किया। आशीष कुलकर्णी ने करीब 2 दशक पहले शिवसेना को तब छोड़ने का फैसला किया, जब उद्धव ठाकरे ने पार्टी की बागडोर संभालते ही, उन्हें किनारे कर दिया गया था। उनके नारायण राणे के साथ भी करीबी संबंध थे, जिन्होंने खुद भी उद्धव के साथ काम करने में मुश्किल आती देख कांग्रेस की ओर रुख कर लिया था। आशीष कुलकर्णी को कांग्रेस ने 2009 के लोकसभा चुनाव में 6 संसदीय सीटें जिताने की जिम्मेदारी सौंपी थी। उन्होंने 6 सीटों पर पार्टी को जीत दिलाई। उसके बाद उन्हें विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी गई। आशीष ने अपनी रणनीति के दम पर एक बार फिर कांग्रेस को जीत दिलाई। उनके कौशल को देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन्हें अपने तत्कालीन राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल के साथ काम करने के लिए दिल्ली बुला लिया था। आशीष कुलकर्णी ने 2017 में कांग्रेस छोड़ दी थी। कुछ वक्त तक वह राजनीति से दूर रहे, फिर उन्होंने भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया। महाराष्ट्र राज्यसभा चुनाव का परिणाम इस बार धड़कने बढ़ाने वाला रहा। इस चुनाव में बीजेपी और शिवसेना के 25 सालों के गठबंधन के बाद हो रहे पहले मुकाबले में बीजेपी ने बाजी मार ली है। बीजेपी ने महाराष्ट्र में सत्ताधारी महाविकास अघाड़ी को तगड़ा झटका देते हुए राज्यसभा की तीन सीटों पर कब्जा जमा लिया। वहीं राज्य की छह सीटों में महाविकास अघाड़ी को तीन पर संतोष करना पड़ा। दरअसल छठी सीट पर बीजेपी की शिवसेना के साथ सीधी लड़ाई थी, मगर बीजेपी के धनंजय महादिक ने संजय पवार को पटखनी दे दी।राज्यसभा चुनाव में शिवसेना के संजय पवार बनाम बीजेपी के धनंजय महादिक के नतीजों में बीजेपी के पक्ष में 10 ऐसे वोट पड़े जिनकी उसे भी उम्मीद नहीं थी। इस प्रकार 11 जून को आए राज्यसभा चुनाव के नतीजों में महादिक को जीत के लिए 41 वोट चाहिए थे और महादिक ने यह आंकड़ा छू लिया। महादिक के अलावा बीजेपी से पीयूष गोयल और अनिल बोंदे राज्यसभा पहुंचे हैं। वहीं कांग्रेस के इमरान प्रतापगढ़ी, एनसीपी के प्रफुल्ल पटेल और शिवसेना के संजय राउत भी चुनाव जीते। दरअसल शिवसेना और बीजेपी 25 साल तक गठबंधन में साथ रहे थे। मौजूदा समय में सत्ता में न रहने के बाद बीजेपी का राज्यसभा चुनाव में एक सीट पर बढ़त बनाना मायने रखता है। इस जीत के बाद बीजेपी को उद्धव सरकार पर निशाना साधने का मौका मिल गया है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने जीत के बाद जो बात कही उससे साफ जाहिर भी हो जाता है। केंद्रीय मंत्री और महाराष्ट्र से बीजेपी के राज्यसभा उम्मीदवार पीयूष गोयल ने जीत के बाद कहा कि जिस कुशलता के साथ पूरी पार्टी एकजुट होकर लगी थी, उन्होंने दिखा दिया कि भाजपा को ही प्रदेश में लोगों ने चुना था। फिर एक बार जनता को मौका मिलेगा और जनता भाजपा के साथ खड़ी है। दरअसल राज्यसभा चुनाव के लिए 10 जून को जब मतदान से शुरू हो गया था, तब मतदान से पहले बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस, एनसीपी नेता व गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील और खाद्य और आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल सबसे पहले पहुंचने वाले नेताओं में से थे। मतदान के दौरान नेताओं के बयानबाजी के तीर चलाए। महा विकास आघाडी (एमवीए) के मंत्रियों और विधायकों ने जहां अपनी जीत का दावा किया था, वहीं बीजेपी ने कहा चमत्कार होगा। बीजेपी के नेताओं में गजब का विश्वास दिखाई दिया था। नतीजे घोषित हुए तो सचमुच चमत्कार हो गया।
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